धमतरी

कलेक्टर से मिले सिवनीकला के ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 10 जुलाई। भारतमाला परियोजना विशाखापट्टनम सडक़ निर्माण हेतु अधिग्रहित जमीन पर धांधली कर सरकार को करोड़ों रुपए का चुना लगाने के आरोपियों पर शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होता देख बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे सिवनीकला वासियों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि 15 दिनों में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
बुधवार को कुरूद ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिवनीकला के जागरूक लोग एक बार फिर बड़ी संख्या में धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को दस्तावेज सौंप बताया कि भारतमाला प्रोजेक्ट में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी कई बार शिकायत भी हम कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 90 किसानों का नाम फर्जी तरीके से बंदरबांट कर अवैधानिक रूप से लाभ पहुंचाया गया है। मिलीभगत कर 1 एकड़ भूमि को बटांकन कर 18 लाख की जगह 1 करोड़ रुपए तक मुआवजा हासिल किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि शासन ने सर्वे के आधार पर 1 मई 2019 को भू-अर्जित भूमियों का प्रकाशन किया था। ग्राम सिवनीकला में कुछ प्रभावशाली लोगों ने अधिग्रहित भूमि की जानकारी होने के बाद उक्त जमीन का पटवारी से सांठ-सांठ कर फर्जी नामान्तरण, बंटवारा, बटांकन कराकर राजस्व अभिलेख में फर्जी रूप से फेरबदल कराया है। जिसमें कई नाम ऐसे हैं जिसमें खसरा नंबर एक है लेकिन उसे अलग-अलग टुकड़े में बांट दिया गया है। ग्रामीणों ने ऐसे भू माफिया और इससे जुड़े अधिकारी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व सरपंच ईश्वरलाल साहू ने बताया कि यहां बटांकन नामांतरण में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। ग्राम मेडरका के निर्मल साहू कहा कि भू माफियों ने अधिकारियों के सांठ गांठ से करोड़ों का घोटाला किया है। हमने आरटीआई के तहत समस्त दस्तावेज निकाल पेश किया है। शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेसी नेता नीलम चंद्राकर ने कहा कि सत्तापक्ष से जुड़े क्षेत्र के एक बड़े नेता के संरक्षण में भारत माला प्रोजेक्ट में जमकर भ्रष्टाचार किया गया।
दो माह से सिवनीकला के ग्रामीण लगातार आवेदन दे रहे हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसमें सिवनीकला के 90 किसान प्रभावित हैं। यहां पर करोड़ों का मुआवजा बांटने में बंदरबाट किया गया है। इसकी शिकायत में गांव के लोगों ने पूरा दस्तावेज दिया हैं। इस घोटाले में सफेदपोश नेता, अधिकारी और उनके करीबी जो भू माफिया के रूप में काम करते हैं सभी शामिल है। एक बड़ा मामला यह है कि एक व्यक्ति ने पत्नी के नाम से 20 हजार रुपए में दान पत्र दिखाकर उस जमीन के कई टुकड़े करके एक करोड़ का मुआवजा ले लिया। इस तरह के अन्य कई मामले जांच में उजागर हो सकतें हैं। लेकिन प्रशासन इसमें जानबूझकर लेट लतीफ कर रहा है। ग्रामीणों ने आज कहा है कि 15 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।