दन्तेवाड़ा
पेनल्टी शूटआउट में किरंदुल को रोमांचक मुकाबले में दी शिकस्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 15 दिसंबर। एनएमडीसी की अंतर परियोजना हॉकी प्रतियोगिता (आईपीटी) का खिताब इस बार एनएमडीसी बचेली परियोजना ने अपने नाम कर लिया। केंद्रीय विद्यालय बचेली के मैदान में खेले गए फाइनल मुकाबले में बचेली ने किरंदुल परियोजना को पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से पराजित कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
रविवार को खेले गए इस हाई-वोल्टेज फाइनल मुकाबले में दोनों टीमों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला। निर्धारित समय तक मुकाबला 3-3 की बराबरी पर समाप्त हुआ, जिसके बाद विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ। निर्णायक क्षणों में बचेली के खिलाडिय़ों ने बेहतर संयम और सटीक निशानेबाजी का परिचय देते हुए जीत दर्ज की।
12 से 14 दिसंबर तक आयोजित इस आईपीटी हॉकी टूर्नामेंट में एनएमडीसी की विभिन्न परियोजनाओं लौह अयस्क परियोजना बचेली, किरंदुल, दोणिमलाई, हीरा खनन परियोजना पन्ना और स्टील प्लांट नगरनार की टीमों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के दौरान खिलाडिय़ों ने शानदार खेल भावना, तकनीक और टीम वर्क का प्रदर्शन किया। पूरा आयोजन परियोजना प्रमुख श्रीधर कोडारी के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।
आयोजन को सफल बनाने में क्रीड़ा सलाहकार समिति के अध्यक्ष टी. शिवा कुमार एवं सचिव एम. तिरूपति राव की अहम भूमिका रही। फाइनल मुकाबले के समापन पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में परियोजना प्रमुख श्रीधर कोडारी ने विजेता टीम बचेली को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मानव संसाधन महाप्रबंधक महेश एस. नायर, विभिन्न विभागाध्यक्ष, श्रमिक संघ के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्तर के अंपायरों ने संभाली जिम्मेदारी
पूरी प्रतियोगिता के दौरान मैचों का संचालन नेशनल अंपायर अमिताभ मानिकपुरी, नेशनल टेक्निकल ऑफिसर योगेश द्विवेदी एवं सचिन खोपरागाड़े, तथा हॉकी इंडिया इंटरनेशनल अंपायर अभिनव मिश्रा द्वारा किया गया, जिससे टूर्नामेंट की निष्पक्षता और स्तर और ऊंचा हुआ।
इस सफल आयोजन में क्रीड़ा सलाहकार समिति के सदस्यों उमन्त झाड़ी, श्यामल दास, जोबी चेरियन, जी. याकूब, कमलराम, टी.एस. उन्नीमोन, राजेन्द्र प्रसाद, नंद किशोर, अमरजीत सिंह, कोमलकांत, वी. श्रीनिवास राय, बापन बोस, अविनाश दास, परमेश्वर, श्रवण प्रसाद, आर. वेंकट सहित अन्य सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा। आईपीटी हॉकी प्रतियोगिता ने न केवल खिलाडिय़ों की प्रतिभा को मंच दिया, बल्कि एनएमडीसी की परियोजनाओं के बीच खेल भावना, आपसी भाईचारे और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी मजबूती प्रदान की।


