दन्तेवाड़ा

खेती में लाएं विविधता- विधायक
20-Nov-2025 9:52 PM
खेती में लाएं विविधता- विधायक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 20 नवंबर। दंतेवाड़ा में खेती के तरीकों पर गहन चिंतन बृहस्पतिवार को किया गया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो कुशमौर, मऊ तथा कृषि विज्ञान केंद्र दंतेवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में जनजातीय उप-योजना के तहत जावंगा ऑडिटोरियम में कृषक प्रशिक्षण सह किसान संगोष्ठी का आयोजन बृहस्पतिवार को किया गया।

इस दौरान विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि हमारे पूर्वजों की खेती प्राकृतिक अनुकूल परिस्थितियों पर आधारित थी, जहाँ तीन महीनों में फसल तैयार हो जाती थी।

लेकिन समय के साथ जलवायु परिवर्तन ने खेती पर सीधा प्रभाव डाला है। ऐसे में किसानों के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों और आधुनिक तकनीकों को अपनाना समय की आवश्यकता है। श्री अटामी ने धान से इतर अन्य खाद्य फसलों विशेष रूप से दालों की कृषि पर ध्यान देने की अपील की। जिससे भूमि को आवश्यक पोषक तत्व मिल सके। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण किया जाना अब अनिवार्य हो गया है।

दंतेवाड़ा का विशेष स्थान

इस मौके पर कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि दन्तेवाड़ा जिला की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि यह जैविक कृषि के मामले में अन्य क्षेत्रों आगे है। जहां अन्य क्षेत्र जैविक कृषि में जगह बनाने के लिए अपने प्रारंभिक प्रयास कर रहे है वहीं दन्तेवाड़ा जिला जैविक कृषि के चलते भारत में अलग मुकाम बना चुका है। अब हमें जैविक कृषि के अगले चरण में उन्नत लक्ष्यों जैसे फसल उत्पादकता बढ़ाने के नवीन तरीकों तथा सतत् कृषि की आवश्यकता, जैव उर्वरकों के वैज्ञानिक उपयोग, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, जैविक फसलों के बाजार मूल्य और मार्केटिंग जैसे बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित करना है।

समारोह के अंत में श्री अटामी द्वारा चयनित हितग्राही को वर्मी बेड, सिंचाई हेतु लपेटा पाइप, कृषि कार्य में उत्कृष्ट प्रयास करने वाले प्रगतिशील कृषकों को प्रशस्ति पत्र दिए गए। कार्यशाला में आईसीएआर, एनबीएआईएम, मऊ, उ.प्र. से वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रमोद साहू, रजनीश मीणा,ओम प्रकाश,  सूरज पंसारी, धीरज बघेल और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।


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