दन्तेवाड़ा

ईपीएफओ ने न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर विचार का दिया आश्वासन
24-Oct-2025 7:40 PM
 ईपीएफओ ने न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर विचार का दिया आश्वासन

 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ईपीएस-95 पेंशनर्स के सात वर्ष के आंदोलन को मिला लिखित जवाब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बचेली, 24 अक्टूबर। ईपीएस-95 पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। लगभग सात-आठ वर्षों से न्यूनतम पेंशन वृद्धि की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे राष्ट्रीय संघर्ष समिति ईपीएस-95 पेंशनर्स को पहली बार ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की ओर से लिखित आश्वासन प्राप्त हुआ है।

ईपीएफओ ने 17 अक्टूबर को श्रम मंत्री के निर्देश पर समिति को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के अनुरोध पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पेंशनर्स के हित में सर्वोत्तम संभव समाधान खोजने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

यह संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों से सक्रिय है। संगठन का प्रमुख उद्देश्य ईपीएस-95 के अंतर्गत आने वाले पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 1000 प्रति माह से बढ़ाकर सम्मानजनक राशि तक करने की मांग है।

छत्तीसगढ़ में संगठन की गतिविधियों का नेतृत्व एल.एम. सिद्दीकी राज्य अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में 25 सितंबर को रायपुर स्थित ईपीएफओ कार्यालय, पंडरी के सामने संगठन ने धरना-प्रदर्शन किया था।

 दिल्ली में हुई मुलाकात

13 अक्टूबर को नई दिल्ली में ईपीएफओ के केंद्रीय कार्यालय के बाहर राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, जब सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक चल रही थी। इस दौरान श्रम मंत्री ने संगठन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया और बताया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

संगठन की ओर से लिखित आश्वासन की मांग की गई थी, जिसके बाद 17 अक्टूबर को मंत्रालय की ओर से पत्र भेजा गया।

 

पत्र की मुख्य बातें

ईपीएफओ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि —न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर ध्यान दिया जा रहा है। उच्च पेंशन के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मिशन मोड में कार्यवाही चल रही है।  चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के विषय पर भी विचार हो रहा है।

 पेंशनर्स में उम्मीद

लिखित आश्वासन मिलने के बाद पेंशनर्स के बीच उम्मीद की भावना दिखाई दे रही है। समिति का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में न्यूनतम पेंशन और लंबित उच्च पेंशन मामलों पर सकारात्मक निर्णय होगा।


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