दन्तेवाड़ा

सावन झूला: नृत्य, गीत और सौहार्द की छटा
08-Aug-2025 11:03 PM
सावन झूला: नृत्य, गीत और सौहार्द की छटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बचेली / किरंदुल, 8 अगस्त। सावन के अवसर पर किरंदुल नगर स्थित बंगाली कैंप में ‘सावन झूला कार्यक्रम’ का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का संचालन मॉम्स कमेटी द्वारा किया गया, जिसमें सांस्कृतिक उत्सव की एक अद्भुत छटा देखने को मिली। कार्यक्रम में बंगाली कैंप की महिलाओं ने उत्साह और उल्लास के साथ पारंपरिक नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लोपामुद्रा स्वाइन, अनुपमा श्रीवास्तव और पल्लवी साहू की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यक्रम की शोभा को और भी बढ़ा दिया। अपने संबोधन में उन्होंने इस तरह के आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि, सावन केवल एक मौसम नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक है, और महिलाओं द्वारा इस उत्सव को जिस सुंदरता से जीवंत किया गया, वह अनुकरणीय है।

समिति की अध्यक्ष अनु अग्रवाल व सचिव नेहा पात्रे के कुशल नेतृत्व और आयोजन क्षमता के कारण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समिति की अन्य महिलाओं की भी सक्रिय सहभागिता देखने को मिली, जिन्होंने पारंपरिक गीतों और नृत्य के माध्यम से सावन की रिमझिम फुहारों को मंच पर साकार कर दिया।

कार्यक्रम में झूला सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसे रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक सजावटी सामग्री से सजाया गया था। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत किया और झूला झूलते हुए लोकगीतों की मधुर स्वर लहरियों से वातावरण को सुरमय बना दिया।इस अवसर पर अनेक आयोजन भी हुए, जिनमें महिलाओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। साथ ही, आपसी मेल-मिलाप और सामूहिक भोज ने कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की।

सावन झूला कार्यक्रम केवल एक पर्व नहीं बल्कि महिला शक्ति, संस्कृति और सामुदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल बन गया। इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि परंपराएं जब आधुनिकता से मिलती हैं, तो एक नया सौंदर्य और ऊर्जा पैदा होती है।


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