दन्तेवाड़ा
रात में अंधेरा, दुर्घटना और अपराध का खतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 18 जुलाई। बचेली से किरंदुल के बीच करीब 10 किलोमीटर की दूरी वाला यह मुख्य मार्ग न सिर्फ दो औद्योगिक और आबादी वाले क्षेत्रों को जोड़ता है, बल्कि इस पर प्रतिदिन सैकड़ों कर्मचारी और आमजन आवागमन करते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने महत्वपूर्ण मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था पूरी तरह नदारद है।
एक समय यहां सोलर स्ट्रीट लाइटें लगी थीं, लेकिन अब वे पूरी तरह बंद हो चुकी हैं—खंभे तो हैं, मगर रोशनी नहीं। बीते तीन - चार वर्षों से लगातार इसकी शिकायतें प्रशासन से की जा रही हैं—कभी अखबारों में, तो कभी मौखिक और लिखित रूप में—लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
रात में पसरा अंधेरा, खतरे का आलम
कामकाज निपटाकर जब लोग रात को अपने घरों की ओर लौटते हैं, तो यह 10 किलोमीटर का सफर किसी डरावने अनुभव से कम नहीं होता। घना जंगल, निर्जन इलाका और सडक़ किनारे पसरा सन्नाटा—इन सबके बीच असामाजिक तत्वों की गतिविधियों और जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है। यह रास्ता एनएमडीसी की दो परियोजना बचेली व किरंदुल को आपस में जोड़ती है। इसके अलावा बारिश के मौसम में दृश्यता और भी कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
मांग जल्द हो रोशनी की व्यवस्था
स्थानीय निवासी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था करवाई जाए, ताकि आम जनता, कर्मचारी वर्ग को सुरक्षित आवाजाही मिल सके। लोग अपने रोज़मर्रा के कामकाज के लिए भी आना जाना करते है और देर रात लौटते है। हॉस्पिटल में कार्य करने वाली नर्स व मेडिकल स्टॉफ देर रात ड्यूटी के बाद घर को जाती है। प्रशासन को चाहिए कि इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता पर लेकर उचित बजट और योजना के तहत पूरे मार्ग पर या कम से कम संवेदनशील हिस्सों में स्ट्रीट लाइट्स लगवाए जाएं।
लोगों का कहना है हमने कई बार इसकी शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रात में सडक़ पर चलना किसी जोखिम से काम नहीं। प्रशासन को अब देर नहीं करनी चाहिए।


