दन्तेवाड़ा

पांच साल से अधूरी उम्मीदें, काठमांडू के परिवार अब भी विस्थापन के इंतजार में
12-Jun-2025 6:42 PM
पांच साल से अधूरी उम्मीदें, काठमांडू के परिवार अब भी विस्थापन के इंतजार में

पुराना मार्केट टेलिंग डैम के नीचे बन रहा नया आवास
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 12 जून।
एनएमडीसी के निक्षेप क्र. 5 के खनन क्षेत्र में बसे  ‘ ‘आकाशनगर काठमांडू के रहवासी’’ आज भी बेहतर जीवन की आस में अपने पुराने और खतरनाक ठिकाने पर जीने को मजबूर हैं। इन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए पांच साल पहले जो मकान निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी, वह अब तक अधूरी है।

बचेली से करीब  ‘ ‘22 किलोमीटर दूर स्थित काठमांडू बस्ती’’ जो पालिका के वार्ड 18 के अंतर्गत आता है, को खनन क्षेत्र में आने के कारण   ‘ ‘अत्यधिक खतरे’’ का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2012 में इन परिवारों को शासन द्वारा विस्थापित करने की घोषणा हुई थी। लेकिन स्थान चयन और निर्माण प्रक्रिया में देरी के कारण अब तक ये परिवार असुरक्षित वातावरण में रह रहे हैं।

आखिरकार, पांच साल पहले  ‘ ‘पुराना मार्केट वार्ड क्र. 8, टेलिंग डैम के नीचे’’ जगह चिन्हित की गई और मकान निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई। ‘ ‘लोक निर्माण विभाग, दंतेवाड़ा’’ की देखरेख में और ‘ ‘एनएमडीसी के सीएसआर फंड (करीब 3 करोड़ रुपये)’’ से बन रही है। जिन परिवारों को सुरक्षित भविष्य का सपना दिखाया गया था, वे आज भी उसी खनन क्षेत्र की धूल और खतरे में जिंदगी काट रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारी का कहना है कि  ‘ ‘तीन मंजिला भवन’’, जिसमें 56 परिवारों के लिए आवास शामिल है, लगभग बनकर तैयार है।  ‘ ‘बाउंड्रीवॉल भी खड़ी हो चुकी है’’, लेकिन मूलभूत आवश्यकता पानी की कमी निर्माण को रोक रही है। कई जगह बोरिंग की कोशिश की गई, लेकिन पानी नहीं मिला। अब दूसरी जगहों पर पानी खोजने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके बाद जल्द से जल्द कांठमांडू के रहवासियों को बसाया जाएगा।

वार्ड पार्षद संजीव साव ने कहा, हमारी कांग्रेस की सरकार के समय निर्माण कार्य में रफ्तार थी, लेकिन अब प्रक्रिया धीमी हो गई है। कई बार प्रशासन से मांग की गई कि जल्द से जल्द निर्माण पूरा कर इन परिवारों को बसाया जाए, क्योंकि वे रोज कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष धन सिंह नाग ने कहा कि कार्य पूरा करवाकर जल्द से जल्द से काठमांडू वािसयों को बसाया जाएगा।  

 

 एनएमडीसी ने वर्ष 1968 में इन बैलाडीला की पहाडिय़ों से लौह अयस्क को निकालना शुरू किया गया। कि रंदुल परियोजना के बाद 1970-80 के दशक में बचेली नगर में नये निक्षेप 5 की शुरूआत हुई।
कंपनी के कर्मचारियों के रहने के लिए बचेली के पहाड़ के उपर आकाशनगर बसाया गया। समय के साथ कर्मचारियों को नीचे बचेली स्थापित किया गया। इसी आकाशनगर के अंतर्गत काठमंाडू बस्ती क्षेत्र था, किसी कारणवश उनका विस्थापन नहीं हो पाया है।
जानकारी के अनुसार जब बचेली में एनएमडीसी की परियोजना की शुरूआत हो रही थी, तब निर्माण कार्य में काठमंाडू बस्ती के रहवासियों ने अपना योगदान दिया था।


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