दन्तेवाड़ा

दुपहिया वाहन चालक गिर कर हो रहे घायल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 8 जून। बचेली से ग्राम पाढ़ापुर होते हुए बेनपाल से किंरदुल तक लगभग 10 किलोमीटर लंबा सडक़ मार्ग बदहाल है। सडक़ की जर्जर स्थिति ने इसे एक हादसों का रास्ता बना दिया है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे, उखड़ी हुई गिट्टियां और धूल के गुबार, यह स्थिति अब स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा की एक खतरनाक चुनौती बन चुकी है। दुपहिया वाहन चालक गिर कर घायल हो रहे हैं।
इस मार्ग पर चलना अब आम जनमानस के लिए जोखिम भरा हो गया है। विशेष रूप से दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है, लेकिन जिम्मेदार विभाग अब तक मूकदर्शक बने हुए हैं।
यह महत्वपूर्ण सडक़ मार्ग न केवल बचेली से किरंदुल को जोड़ता है, बल्कि बेनपाल, कड़मपाल, दुगेली, नकुलनार और पालनार जैसे आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों के लिए जीवनरेखा के समान है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस मार्ग का प्रतिदिन उपयोग करते हैं, लेकिन हर दिन एक जोखिम के साथ सफर करना पड़ता है।
यह मार्ग दो हिस्सों में विभाजित है, लगभग 2 किलोमीटर की दूरी लोक निर्माण विभाग के अधीन आती है, जबकि बाकी हिस्सा प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत है। विभाग को कई बार सडक़ की दयनीय स्थिति से अवगत कराया गया। अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण भी किया और मरम्मत का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ।
मार्ग के मध्य में एक घाटी क्षेत्र में टू वॉल और नाली निर्माण के लिए खुदाई की गई थी, लेकिन न तो टू वॉल बनी और न ही नाली, जिससे बरसात के मौसम में स्थिति और भयावह हो सकती है। साथ ही कई पुल-पुलिया भी जर्जर हो चुके हैं, जो किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं।
पिछले वर्ष एनएमडीसी के सीएसआर मद से किरंदुल रेलवे कॉलोनी पुलिया से कड़मपाल तक डामरीकरण कार्य हुआ था, लेकिन वह भी जगह-जगह उखड़ चुका है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सडक़ को बनाने टेंडर होने का था, लेकिन किस कारण सडक़ नहीं बन पाई पता नहीं। न तो पीडब्ल्यूडी ध्यान दे रहा है, न तो पीएमजीएसवाई। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जिम्मेदार विभाग अविलंब संज्ञान लेकर सडक़ की मरम्मत कराए, ताकि आम जनमानस को राहत मिल सके और हादसों पर लगाम लगाई जा सके।