‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 10 जुलाई। प्राकृतिक आपदा आंधी, तूफान, बाढ़, आग आदि के किसी भी रूप में आती है। राज्य सरकार पीडि़त परिवारों राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) के मद से आर्थिक सहायता प्रदान करती है। प्राकृतिक आपदा के ऐसे मामले, जिनमें पीडित व्यक्ति, जिसकी झोपडी, मकान या पशुशाला नष्ट हो गई है, उसे झोपड़ी, मकान या पशुशाला बनाने के लिये तहसीलदार द्वारा नि:शुल्क 50 बांस एवं 30 बल्ली 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जायेंगी। वन डिपो से घर तक ले जाने के लिए एक हजार रूपये परिवहन खर्च भी दिया जाएगा।
आवास के क्षति पर सहायता : क्षतिग्रस्त घर स्थानीय निकाय (नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत) द्वारा विधिवत प्रमाणित एक अधिकृत निर्माण होना चाहिए।
पूरी तरह से नष्ट हुए घर मैदानी इलाकों में होने पर 1 लाख 20 हजार रूपए प्रति घर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 30 हजार रूपए प्रति घर दी जाएगी। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान (झोपडिय़ों के सिवाय) जहां क्षति कम से कम 15 प्रतिशत है, उसमें 6 हजार 500 रुपए प्रति पक्का घर और 4 हजार रु. प्रति कच्चा घर दिया जाएगा।
क्षतिग्रस्त या नष्ट हुई झोपडिय़ां के लिए सहायता अस्थाई तौर पर घास-फूस मिट्टी प्लास्टिक की पन्नियो आदि से बनी प्रति झोपड़ी के लिए 8 हजार रुपए दी जाएगी।
शारीरिक अंग क्षति के लिए आर्थिक सहायता प्राकृतिक प्रकोप बाढ़, तूफान, भूकम्प, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, भू-स्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजली गिरने या अग्नि दुर्घटना के कारण यदि किसी व्यक्ति को महत्वपूर्ण अंग की स्थाई स्वरूप की हानि होती है जैसे हाथ पैर या दोनों आंखों की हानि 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक अक्षमता हुई हो तो जिला मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट पर ऐसे पीडित व्यक्ति को 74 हजार रुपए का आर्थिक सहायता कलेक्टर की स्वीकृति पर दी जाएगी। प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण यदि किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण अंग की स्थाई स्वरूप की हानि होती है जैसे हाथ, पैर या दोनों आखों की हानि 60 प्रतिशत से अधिक अक्षमता हुई हो तो ऐसे पीडित व्यक्ति को दो लाख पचास हजार रुपए की अनुदान सहायता जिला मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर कलेक्टर की स्वीकृति के बाद दी जाएगी।
गहरा जख्म जिसमें अस्पताल में भर्ती होने पर
प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण किसी व्यक्ति को गंभीर शारीरिक क्षति होने के कारण एक सप्ताह तक या उससे अधिक अस्पताल में भर्ती रहने पर रूपये सोलह हजार प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार पीडि़त के एक सप्ताह से कम अस्पताल में भर्ती रहने पर पाच हजार चार सौ रुपए प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता दी जाएगी। इन पीडि़तों के आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस मद के तहत आर्थिक सहायता के लिए पात्र नहीं होंगे। आर्थिक सहायता की राशि वास्तविक व्यय की सीमा के अधीन होगी।
कपड़ों एवं बर्तनों की क्षति के लिए आर्थिक सहायता
प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना, नहर व तालाब फूटने के कारण मकान पूर्ण नष्ट होने, बह जाने या दो दिन तक जलमग्न रहने पर यदि संबंधित पीडि़त परिवार के दैनिक उपयोग के कपड़े , बर्तन नष्ट होने पर दो हजार पाच सौ रुपए प्रति परिवार सहायता दी जाएगी।
आजीविका नष्ट होने पर
ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, को आनुग्राहित राहत आर्थिक सहायता हेतु पीडित परिवार का भूमिहीन होना एवं मनरेगा अथवा श्रम विभाग के अंतर्गत पंजीयन होना आवश्यक होगा। जिन परिवारों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, ऐसे प्रभावित परिवारों के दो वयस्क सदस्यों को मनरेगा की प्रतिदिन वास्तविक दर या सभी राज्यों या संघ राज्य क्षेत्रों की औसत दर जो भी कम हो, के अनुसार सहायता दी जाएगी।
राज्य सरकार ने विपदा में हर पीडि़त परिवारों के साथ सहयोग प्रदान करने के लिए पूरी व्यवस्था की है। जरूरत इस बात की है कि पीडि़त परिवार तहसील कार्यालय में आवेदन कर सरकारी प्रक्रिया को पूरा करे।