फेडरेशन ने उठाए सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई। छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई 2017 से सातवां वेतनमान अनुसार वेतन का लाभ मिलना प्रारंभ हो गया था, लेकिन राज्य के कर्मचारियों को आज भी छठवें वेतनमान के वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत के पुराने दर पर मिल रहा है। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को शहरों के वर्गीकरण के आधार पर सातवें वेतनमान में एक जुलाई 17 से मूल वेतन का क्रमश: 24 प्रतिशत, 16 प्रतिशत तथा 8 प्रतिशत एवं 1 जुलाई 21 से 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत तथा 9 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है।
छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिलाध्यक्ष शरद शुक्ला, जिला सचिव पीआर झाड़े ने कर्मचारियों को गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 16 से सातवां वेतनमान लागू हुआ था, लेकिन 1 जनवरी 16 से 30 जून 22 तक 78 माह में राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को छटवें वेतनमान के मूलवेतन पर ही गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है, जो कि न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने सातवे वेतन के तत्सस्थानी छटवें वेतन में कर्मचारियों को 1 जनवरी 16 से 30 जून 22 तक 78 माह में हुए न्यूनतम नुकसान के गणना की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सातवे वेतनमान के पे-मैट्रिक्स में 1300 रुपए ग्रेड पे का प्रारंभिक वेतन 15600 रुपए का 7 प्रतिशत, 1092 तथा 10 प्रतिशत, 1560 गृहभाड़ा भत्ता (एचआरए) बनता है, लेकिन राज्य शासन द्वारा सातवे वेतन का तत्सस्थानी छठवां वेतन 6070 रुपए पर 7 प्रतिशत, 425 तथा 10 प्रतिशत 607 रुपए दिया गया है। जिसके कारण प्रत्येक माह अंतर की राशि क्रमश: 667 तथा 953 रुपए है, जो कि 78 माह में क्रमश: 52026 रुपए तथा 74334 रुपए का नुकसान चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है।
उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों को 6वां ग्रेड पे के अनुसार 7वां वेतनमान के 17 लेवल अनुसार वेतन भुगतान हो रहा है। गृहभाड़ा भत्ता में नुकसान कर्मचारी अधिकारी के वेतन के अनुपात में हुआ है। जिसका जितना वेतन उसका उतना अधिक नुकसान हुआ है। जिससे जिला संरक्षक मुकुल साव सहित सदस्यगण राजेन्द्र देवांगन, पुष्पेन्द्र साहू, नीलू झाड़े, सीमा तरार, वंदना पानसे, अभिशक्ता फंदियाल, यशस्विनी तिवारी, अन्नपूर्णा महिलांगे, प्रेमलता मंडावी, पायल देवांगन, विनोद कुमार, लीलाधर सेन, बृजभान सिन्हा, रंजीत कुंजाम, रूपेश तिवारी, सुधांशु सिंह हीरालाल गजभिये, देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी, सीएल चंद्रवंशी, पीएल साहू, संजीव मिश्रा, उत्तम डड़सेना, दीपक सिन्हा, द्रोण साहू, जितेन्द्र बघेल, जनक तिवारी, नवीन कुमार पांडेय, रविमल दामले, अशोक साहू, राकेश कुमार वर्मा, एवं साथियों ने आक्रोश व्यक्त किया है।