राजनांदगांव

रफ्तार पकड़ रही कोरोना की चौथी लहर
17-Jul-2022 3:58 PM
रफ्तार पकड़ रही कोरोना की चौथी लहर

दबे पांव लोगों को जकड़ रही वैश्विक महामारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई।
जिले में कोरोना की चौथी लहर रफ्तार पकड़ रही है। पिछले सप्ताहभर के आंकड़े देखकर कहा जा सकता है कि वैश्विक महामारी ने चौथी लहर के रूप मे ंलोगों को अपने जद में लेना शुरू कर दिया है। जुलाई के पहले सप्ताह में मामूली बढ़ोत्तरी के साथ शुरू हुई मरीजों की संख्या में रोज बढ़ रही है। हालांकि राहत की बात यह है कि मौजूदा लहर में अब तक किसी की भी जान गंवाने की खबर नहीं है।

वहीं दूसरा सुकून यह है कि ज्यादातर लोग घरों में रहकर ही उपचार के बाद ठीक हो रहे हैं। जिले के कोविड सेंटरों में एक्का-दुक्का ही कोरोनाग्रस्त मरीज हैं। वहीं बड़े सेंटरों में बिस्तर पूरी तरह से खाली हैं। स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि चौथी लहर ने दबे पांव दस्तक दे दी है। धीरे-धीरे नए मरीजों के मामलों में बढ़ोत्तरी होगी। पिछले 7 जुलाई के बाद से रोजाना जिले में कोरोना मरीजों की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है।

15 जुलाई को आए एकमुश्त 55 मरीजों की पहचान होने से चौथी लहर की आशंका से लोग घिरे हुए हैं। इस लहर की यह सबसे बड़ी संख्या है। इसी के साथ ही 7 जुलाई से औसतन हर रोज 25 से 30 मरीज मिले हैं। शहरी इलाकों में फिलहाल कोरोना तेजी से लोगों को जकड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना ने मामूली शुरूआत करते हुए लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है।

देहात क्षेत्रों की स्थिति शहर की तुलना में काफी अच्छी है। एहतियात बरतने के मामले में लोगों की लापरवाही चरम पर है। मसलन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लोग भूल चुके हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना बचाव को लेकर लोगों की दिलचस्पी नदारत है। प्रशासन की ओर से अब तक सख्ती नहीं बरती जा रही है। जनवरी-फरवरी माह में आए तीसरी लहर की तुलना में चौथी लहर संक्रमण के मामले में घातक साबित हो सकती है।

हर रोज जिले में नए मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब तक जिले में 64 हजार 468 मरीज कोरोनाग्रस्त हुए हैं। जिसमें 63 हजार 685 स्वस्थ हो गए हैं। पिछले सप्ताहभर में सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले दो-तीन दिनों के आंकड़ों में आए बढ़ोत्तरी से कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 218 पहुंच गई है। बहरहाल कोरोना की चौथी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसके बावजूद लोग कोविड की शर्तों का पालन करने में बेपरवाह दिख रहे हैं।


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