छन्नी, कुलबीर, हेमा, जितेन्द्र व नरेश का नाम सुर्खियों में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 मार्च। भाजपा के खिलाफ ताल ठोंकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव लडऩे की अटकलों के बीच स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी टिकट को लेकर ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा से पहले भाजपा ने मौजूदा सांसद संतोष पांडे को प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया है। पांडे को टक्कर देने के लिहाज से दमदार चेहरे की कांग्रेस की तलाश शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का राजनंादगांव से चुनाव लडऩे के प्रति झुकाव बढ़ा है। हालांकि उन्होंने कई दफे लोकसभा चुनाव लडऩे से इंकार किया है। पार्टी नेतृत्व भूपेश को चुनाव मैदान में भेजने पर जोर दे रहा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा लोकसभा की जीती हुई सीट चाहिए। ऐसी स्थिति में भूपेश बघेल एक मजबूत नाम है। पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते बघेल को पहचान की भी जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री के तौर पर वह राजनांदगांव के लगभग हर विधानसभा का दौरा कर चुके हैं। भाजपा की तुलना में कांग्रेस की स्थिति सियासी रूप से थोड़ी अलग है। भाजपा मोदी के नाम पर चुनावी समर में कूद पड़ी है। जबकि कांग्रेस में अभी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्साह की कमी दिख रही है।
इधर भूपेश बघेल के अलावा खुज्जी की पूर्व विधायक छन्नी साहू, शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा, महापौर हेमा देशमुख, पूर्व महापौर नरेश डाकलिया, युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार, आफताब आलम का नाम भी चर्चा में है।
लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए पूर्व विधायक छन्नी साहू भी इच्छुक हैं। पार्टी हाईकमान से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा चल रही है। श्रीमती साहू भी चुनाव लडऩे का इरादा लेकर लोगों से मेल-मुलाकात कर संपर्क बढ़ा रही है।
श्री छाबड़ा एक अच्छे नेता के तौर पर जाने जाते हैं। उनकी साख सियासी रूप से काफी बेहतर है। वह लगभग लंबे समय से विधानसभा की टिकट के प्रबल दावेदार रहे। लोकसभा का चुनाव लडऩे के लिए वह तैयार हैं।
महापौर हेमा देशमुख भी महिला नेत्री के रूप में चर्चित चेहरा हैं। वह कुर्मी समुदाय से वास्ता रखती हैं। उन्हें टिकट दिए जाने से कवर्धा जिले के कुर्मी समुदाय का उन्हें समर्थन मिल सकता है। जिससे पार्टी की जीत की राह आसान हो सकती है।
पूर्व महापौर नरेश डाकलिया भी दमदार चेहरे हैं। वह खेल जगत के अलावा कांग्रेस के सियासत में दखल रखते हैं। जैन समुदाय में वह लंबे समय तक अध्यक्ष भी रहे। उनकी हर वर्ग में अच्छी पैठ है। युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार भी प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस की राजनीति में मुदलियार ने अपनी स्थिति को लगातार मजबूत किया। लोकसभा उम्मीदवार बनने पर भारी पड़ सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस सचिव आफताब आलम भी टिकट के दावेदार हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से सालों पुराने संबंध हैं। वह पिछले लोकसभा चुनाव में भी टिकट के लिए जोर आजमाईश कर रहे थे। इस बार भी चुनाव लडऩे के इरादे से टिकट के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं।