बिलासपुर, 9 फरवरी। बृहस्पति बाजार निवासी नगर के जाने-माने अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष बुधिया का कल देहावसान हो गया। वे कुछ महीनों से रक्त कैंसर से पीडि़त चल रहे थे। डॉ. बुधिया का अंतिम संस्कार रविवार को सुबह 11.30 बजे सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में किया गया। वे हरि प्रसाद बुधिया के पुत्र, डॉ. रश्मि बुधिया के पति तथा श्रेयांश व डॉ. दिव्यांश बुधिया के पिता थे। डॉ. बुधिया सामाजिक कार्यों में बढ़-चढक़र हिस्सा लेते थे। वे हसदेव बचाओ आंदोलन में भी काफी सक्रिय थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 6 फरवरी। नगर निगम ने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक अलग तरह की पहल की है। जिन स्थानों पर लोग अक्सर कचरा फेंककर गंदगी फैलाते थे, उन्हें अब रंगोली से सजाया जा रहा है। यह पहल नागरिकों को भी जागरूक करेगी कि वे सार्वजनिक स्थलों पर कचरा न फैलाएं।
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों और सड़कों के किनारे खाली स्थानों पर कचरा फेंकने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए, वहां रंगोली बनाई जा रही है ताकि लोग सोच-समझकर ही कचरा फेंकें।
नगर निगम लगातार सफाई अभियान चला रहा है, लेकिन समस्या यह है कि सफाई के बाद भी लोग फिर से वहीं कचरा डाल देते हैं। इसे रोकने के लिए सभी जोन कमिश्नरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में कचरा प्रभावित स्थानों की पहचान कर, वहां सफाई के बाद रंगोली बनवाएं। इसका उद्देश्य सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि नागरिकों की मानसिकता में बदलाव लाना है।
इससे पहले नगर निगम ने गार्बेज वलनेरेबल प्वाइंट (जीवीपी) यानी सबसे ज्यादा कचरा जमा होने वाली जगहों पर बोर्ड और वॉल पेंटिंग लगाकर स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर "बिल्लू बिलासपुरिया" के जरिए सफाई का संदेश दिया था। अब रंगोली के माध्यम से इस अभियान को और प्रभावी बनाया जा रहा है।
संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से चारों दिशाओं के लिए रूट आवंटन की मांग की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 2 फरवरी। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘नई उड़ान योजना’ की घोषणा की है, जिसके तहत 540 करोड़ रुपये की सहायता से 120 नए हवाई मार्गों पर उड़ानें शुरू की जाएंगी। इस योजना के तहत यात्रियों को प्रति टिकट सब्सिडी दी जाएगी, जिससे एयरलाइंस बिना घाटे के नए शहरों को जोड़ सकेंगी।
बिलासपुर में लंबे समय से हवाई सुविधा विस्तार की मांग कर रही हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने इस नई योजना का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि रूट आवंटन में बिलासपुर के साथ पिछली बार जैसा अन्याय नहीं होना चाहिए। समिति ने याद दिलाया कि 2016 से 2021 के बीच चली उड़ान योजना में बिलासपुर को सिर्फ प्रयागराज और जबलपुर के रूट मिले थे, जबकि भोपाल का आवंटित रूट केवल चार महीने में ही बंद हो गया था।
संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि नई उड़ान योजना के तहत बिलासपुर से देश के चारों दिशाओं में कम से कम एक प्रमुख शहर को जोड़ा जाए, ताकि इस क्षेत्र में हवाई सेवा का वास्तविक विस्तार हो सके। साथ ही, समिति ने बिहार के पांच हवाई अड्डों की तर्ज पर बिलासपुर एयरपोर्ट के 4सी निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की मांग दोहराई। समिति का कहना है कि बजट में इस पर कोई घोषणा नहीं की गई, जो निराशाजनक है।
इसके अलावा, समिति ने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे बिलासपुर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास करें। इस मांग को लेकर समिति का धरना आज भी जारी रहा, जिसमें रामशरण यादव, अनिल गुलहरे, मनोज तिवारी, रवि बनर्जी, राकेश शर्मा, केशव गोरख, चित्रकांत श्रीवास, अमर बजाज, राकेश केसरी, पंकज सिंह, मोनू अवस्थी, मनोज श्रीवास, चंद्र प्रकाश जायसवाल, संतोष पीपलवा, अशोक भंडारी, अखिल अली, मोहसिन अली सहित कई लोग शामिल रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 2 फरवरी। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल), नागपुर के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक जय प्रकाश द्विवेदी को दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस संबंध में कोयला मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किया गया है। वे नियमित सीएमडी की नियुक्ति तक इस पद का दायित्व संभालेंगे।
जेपी द्विवेदी ने शनिवार को बिलासपुर मुख्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण किया, जहां निदेशक मंडल, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) और विभागाध्यक्षों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सुरक्षा टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया। पदभार ग्रहण करने के बाद, उन्होंने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों (एरिया जनरल मैनेजर्स) और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की।
जेपी द्विवेदी वर्तमान में डब्ल्यूसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वे डब्ल्यूसीएल में निदेशक (तकनीकी) के पद पर रह चुके हैं और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के बोर्ड में भारत सरकार के नामित निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनके पास कोयला खनन उद्योग में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में मेगा लेवल ओपनकास्ट और भूमिगत खदानों के संचालन का गहन कार्यानुभव शामिल है। उन्होंने आईआईटी-बीएचयू, वाराणसी से खनन अभियांत्रिकी (माइनिंग इंजीनियरिंग) में स्नातक किया और 1986 में कोल इंडिया लिमिटेड में एक खनन अभियंता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
उन्होंने एसईसीएल में 28 वर्ष, ईसीएल में 4 वर्ष और एनसीएल में 3 वर्ष तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इसके अलावा, उन्होंने 1999 में मार्केटिंग मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी पूरा किया। जेपी द्विवेदी ने रूस, चीन, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका और कनाडा में आयोजित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया है। उन्होंने ईसीएल की झांझरा भूमिगत खदानों में कंटीन्यूअस माइनर्स (सीएम) तकनीक की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके योगदान को विभिन्न मंचों पर सराहा गया है और उन्हें इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर पुरस्कार’ तथा कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र महाप्रबंधक : व्यक्तिगत उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 2 फरवरी। बिल्हा विकासखंड के ग्राम खैरखुंडी के पंचायत सचिव मनहरण लाल सांडे को त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2025 के महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही बरतने और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई सीईओ, जिला पंचायत द्वारा की गई।
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार, 30 जनवरी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बिल्हा ने नाम निर्देशन केंद्र पंचायत भवन लखराम का निरीक्षण किया। इस दौरान पंचायत सचिव मनहरण लाल सांडे ड्यूटी पर नशे की हालत में पाए गए। उनके इस कृत्य को छत्तीसगढ़ पंचायत आचरण नियम 1998 और छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम 1999 के नियम 4(1) का उल्लंघन माना गया।
इस लापरवाही को देखते हुए सीईओ, जिला पंचायत ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में ग्राम पंचायत खैरखुंडी का अतिरिक्त प्रभार अशोक कुमार दुबे, पंचायत सचिव ग्राम पंचायत परसाही, जनपद पंचायत बिल्हा को सौंपा गया। निलंबन अवधि में मनहरण लाल सांडे का मुख्यालय जनपद पंचायत बिल्हा रहेगा और उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
कोरबा के बालक का चल रहा अपोलो में इलाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 1 फरवरी। छत्तीसगढ़ में पहली बारह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण का मामला सामने आया है। कोरबा जिले के तीन वर्षीय एक बालक में इस वायरस की पुष्टि हुई है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल, उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है और रायपुर एम्स में रेफर करने पर विचार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, कोरबा निवासी यह बच्चा 27 जनवरी को बिलासपुर लाया गया था, लेकिन उपचार के बावजूद उसकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। चिकित्सकों की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रमोद तिवारी ने पुष्टि की है कि बालक में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया है, जिसके बाद उसे अस्पताल में अन्य मरीजों से अलग आईसीयू में रखा गया।
संक्रमित बालक के परिवार में उसके तीन और भाई-बहन हैं, जिन्हें एहतियातन निगरानी में रखा गया है, हालांकि उनमें अभी तक संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर और कोरबा जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एचएमपीवी एक सांस संबंधी वायरस है, जो आमतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इस वायरस की पहचान पहली बार 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। वर्तमान में चीन और ब्रिटेन में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। भारत में अब तक कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में कुल 8 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं।
सरकार ने संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए नागरिकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। स्वास्थ्य विभाग ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं- नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, भीड़भाड़ वाली जगहों और अस्पतालों में मास्क का प्रयोग करें, बिना हाथ धोए आंख, नाक और मुंह छूने से बचें, बीमार लोगों के सीधे संपर्क में आने से परहेज करें, खांसते या छींकते समय रूमाल या टिशू का उपयोग करें, किसी भी सांस संबंधी परेशानी होने पर घर पर ही रहें और चिकित्सक से सलाह लें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को पद से हटाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस बिभु दत्त गुरु की अदालत ने सुनवाई के बाद स्पष्ट किया कि सरकार के प्रसाद पर्यंत नियुक्त व्यक्तियों को किसी भी समय बिना पूर्व सूचना या कारण बताए पद से हटाया जा सकता है।
पूर्व विधायक भानु प्रताप सिंह को 16 जुलाई 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जबकि गणेश धु्रव, अमृत टोप्पो और अर्चना पोर्ते को सदस्य बनाया गया था। नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि ये नियुक्तियां राज्य सरकार के प्रसाद पर्यंत होंगी।
15 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद आदिवासी विकास विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन नियुक्तियों को समाप्त कर दिया। इस निर्णय को याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में चुनौती दी, इसे असंवैधानिक और राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि पद से हटाए गए व्यक्ति संवैधानिक पदाधिकारी नहीं हैं और उन्हें कोई संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं है। सरकार को यह अधिकार है कि वह प्रसाद पर्यंत आधार पर नियुक्त किए गए व्यक्तियों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटा सकती है।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ताओं का चयन किसी प्रतियोगी प्रक्रिया से नहीं हुआ था, बल्कि मनोनयन के आधार पर किया गया था। ऐसे मामलों में सरकार को यह अधिकार होता है कि वह अपनी मर्जी से नियुक्ति समाप्त कर दे।
हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है क्योंकि निष्कासन आदेश कानूनी रूप से उचित और निष्पक्ष है। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मनोनीत सदस्य किसी संवैधानिक या कानूनी अधिकार के तहत पद पर बने रहने के हकदार नहीं हैं।
निर्वाचन कार्यक्रम प्रशिक्षण से हुई अभियान की शुरूआत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। नगर पालिक निगम बिलासपुर ने अपने सभी बैठकों को ‘जीरो वेस्ट’ (शून्य अपशिष्ट) थीम पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत बैठकों में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा और स्टील व बायोडिग्रेडेबल बर्तनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस अभियान की शुरुआत पंडित लालबहादुर शास्त्री स्कूल और मल्टीपरपज स्कूल में आयोजित कर्मचारियों के निर्वाचन प्रशिक्षण कार्यक्रम से की गई। इस दौरान भोजन और पानी स्टील के बर्तनों में परोसा गया तथा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए हरा और नीला डस्टबिन रखा गया। साथ ही, कर्मचारियों को गीले-सूखे कचरे के पृथक्करण और प्लास्टिक मुक्त वातावरण के महत्व पर जागरूक किया गया।
नई गाइडलाइन के अनुसार बैठकों में प्लास्टिक की बोतल व डिस्पोजेबल गिलास की जगह स्टील या बायोडिग्रेडेबल प्लेट, गिलास और कटोरी का उपयोग अनिवार्य किया गया है। साथ ही भोजन की सही मात्रा निर्धारित करने पर जोर दिया गया है ताकि अनावश्यक खाद्य अपशिष्ट न हो। बैठकों में हरा, नीला और लाल डस्टबिन अनिवार्य किया गया है। हरा डस्टबिन गीले कचरे के लिए, नीला डस्टबिन सूखे कचरे के लिए तथा लाल डस्टबिन बैटरी व अन्य इलेक्ट्रॉनिक कचरे के लिए होगा। बैठक स्थलों की नियमित सफाई और कचरा पृथक्करण की निगरानी हेतु ‘ग्रीन टीम’ का गठन किया गया है। सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया है।
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार के निर्देशानुसार, इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। ग्रामीण बैंक से फर्जी दस्तावेज पेश कर 30 लाख रुपए का लोन लेकर गबन करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
सिरगिट्टी थाना प्रभारी रजनीश सिंह ने बताया कि 2021 से 2024 तक तिफरा स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक दीपिका गुप्ता थीं। उनके कार्यकाल में कश्यप कॉलोनी निवासी राशि सोनी और उनके पति मुरारी ने जमीन खरीदने के नाम पर बैंक से लोन की मांग की थी।
आरोपियों ने बैंक को जमीन के दस्तावेज दिखाए और शाखा प्रबंधक के साथ अन्य अधिकारियों को जमीन भी दिखाई। दस्तावेजों के आधार पर बैंक ने उन्हें 30 लाख रुपए का लोन मंजूर कर दिया।
लोन की किश्त नहीं चुकाने पर जब बैंक अधिकारियों ने राशि सोनी और उनके पति से संपर्क किया, तो उनके मोबाइल बंद मिले। अधिकारियों ने जमीन पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि जमीन किसी और की है।
बैंक को तब यह समझ आया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज पेश कर लोन लिया और धोखाधड़ी की। शाखा प्रबंधक दीपिका गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने पति-पत्नी और जमीन के विक्रेता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल में अधोसंरचना विकास कार्यों के तहत बैकुंठ-सिलियारी सेक्शन में रिलीविंग गर्डर की डी-लांचिंग का कार्य किया जाएगा। इस कार्य के लिए रेलवे प्रशासन 2 से 4 फरवरी के बीच ट्रैफिक कम पावर ब्लॉक लेगा, जिससे कई यात्री गाडिय़ों का परिचालन प्रभावित रहेगा।
दो फरवरी को डाउन लाइन में 3 घंटे 30 मिनट का ब्लॉक रहेगा। 3 और 4 फरवरी को अप एवं मिडिल लाइन में 4-4 घंटे का ब्लॉक लिया जाएगा। इसके चलते 2 फरवरी को बिलासपुर-रायपुर, रायपुर-बिलासपुर, बिलासपुर-गेवरा रोड, गेवरा रोड-बिलासपुर मेमू पैसेंजर रद्द रहेगी। 4 फरवरी को बिलासपुर-रायपुर, रायपुर-जूनागढ़ रोड पैसेंजर 5 फरवरी: जूनागढ़-रायपुर, रायपुर-कोरबा पैसेंजर रद्द रहेगी। 2 फरवरी को झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर बिलासपुर में समाप्त होगी, गोंदिया तक नहीं जाएगी। इसके अलावा 2 फरवरी को ही गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू बिलासपुर से रवाना होगी, गोंदिया तक नहीं जाएगी।
पुनर्विकास कार्य पूरा होते तक जारी रहेगी नई व्यवस्था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य जारी है, जिसके चलते रेलवे प्रशासन ने टिकट बुकिंग व्यवस्था में अस्थायी परिवर्तन किए हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अनारक्षित टिकट काउंटर और आरक्षण केंद्र (पीआरएस) को नए स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
बदलाव के तहत, गेट नंबर 03 पर स्थित अनारक्षित टिकट काउंटर को गेट नंबर 01 के पास स्थित आरक्षण केंद्र में स्थानांतरित किया गया है। आरक्षण केंद्र (पीआरएस) को अस्थायी रूप से स्काउट गाइड विंग (टीटीई विश्राम गृह के पीछे, साईं मंदिर स्टेशन रोड) में स्थानांतरित किया गया है। अब यात्रियों की आवाजाही के लिए गेट नंबर 01 और 02 पूरी तरह खुले रहेंगे, जहां ड्रॉप एंड गो सुविधा भी उपलब्ध होगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से स्टेशन पर समय से पहले पहुंचने और नए आरक्षण केंद्र व टिकट बुकिंग स्थान को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाने का अनुरोध किया है। यह अस्थायी व्यवस्था स्टेशन पुनर्विकास कार्य के पूरा होने तक जारी रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आंगनबाडिय़ों में विशेष बच्चों को पोषण आहार नहीं दिए जाने पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई की। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अमितेन्द्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष कोर्ट कमिश्नरों ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कई गंभीर खामियों का खुलासा हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार बालोद जिले के डोड़ी 01, डोड़ी 02 और गुण्डरदेही की आंगनबाडिय़ों में बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल रहा है। डोंड़ी 01 में बिजली की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। हैरानी की बात यह है कि बिजली न होने के बावजूद वहां बिजली का बिल आ रहा है। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।
कोर्ट कमिश्नर ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 25 जनवरी 2023 को पोषण आहार की मात्रा संशोधित और बढ़ाई गई थी, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। इस पर अदालत ने महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक को निर्देशित किया कि वह आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार की स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
कोर्ट कमिश्नर अमियकांत तिवारी ने रिपोर्ट में बताया कि बच्चों को दिए जाने वाले दाल मिक्स की खरीदी 50 रुपए प्रति किलो की दर से हो रही है, जो बाजार दर से काफी कम लगती है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
राज्य सरकार के उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने अदालत को जानकारी दी कि पोषण आहार के लिए केंद्र सरकार को 22 जून 2023 और 5 नवंबर 2024 को पत्र भेजा गया था।
सुनवाई के दौरान भिलाई चरोदा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर बने आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर भी मामला उठा। रेलवे के अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने दलील दी कि रेलवे इंजीनियरिंग कोड के अनुसार रेलवे क्षेत्र में स्थित भूमि पर आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का कोई प्रावधान नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च 2025 को निर्धारित की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। नगर निगम की पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त करने पर अडानी कंपनी पर 4.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और कंपनी की बड़ी ड्रिल मशीन जब्त कर ली गई। मामला महिमा तिराहा के पास का है, जहां गैस पाइपलाइन बिछाने के दौरान कंपनी ने व्यापार विहार पानी टंकी से जुड़ी पाइपलाइन को तोड़ दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई।
बुधवार की सुबह निरीक्षण के दौरान नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने क्षतिग्रस्त पाइपलाइन का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर ही मशीन जब्त करने और 2 लाख रुपये जुर्माना वसूलने का आदेश दिया।
तीन दिन पहले शांति नगर में भी अडानी कंपनी द्वारा पाइपलाइन तोडऩे की घटना सामने आई थी। उस समय निगम ने 2.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और कंपनी अधिकारियों को सतर्कता से काम करने के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके, कंपनी की लापरवाही जारी रही, जिससे निगम को दोबारा कार्रवाई करनी पड़ी।
निगम अधिकारियों ने कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्य के दौरान सावधानी बरती जाए और पाइपलाइन जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान न पहुंचे। निगम कमिश्नर ने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने भारत सरकार के गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल के माध्यम से अप्रैल 2024 से अब तक 14,298 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों और सेवाओं का क्रय किया है।
कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में जेम पोर्टल से 14,858 करोड़ रुपये की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 2 महीने शेष हैं, और एसईसीएल पहले ही अपने लक्ष्य का 96त्न पूरा कर चुकी है।
एसईसीएल ने जेम पोर्टल के माध्यम से कोयला उद्योग से संबंधित उपकरणों और सेवाओं की खरीद की है। इनमें नट-बोल्ट से लेकर 240 टन डंपर, 42 क्यूबिक मीटर शॉवेल, डोजर और ग्रेडर जैसी भारी मशीनें शामिल हैं। इसके अलावा वे ब्रिज, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, आईटी, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और दैनिक उपयोग से जुड़े विभिन्न उत्पाद भी शामिल हैं।
कंपनी जेम पोर्टल पर उपलब्ध सभी वस्तुओं का 100 प्रतिशत क्रय इसी प्लेटफॉर्म से कर रही है। यदि कोई उत्पाद पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, तो जेम के प्रावधानों के तहत कस्टम बिडिंग के माध्यम से खरीदारी की जा रही है।
2016 में शुरू किया गया जेम पोर्टल सरकारी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और समावेशी बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। इस पोर्टल का उपयोग करके एसईसीएल ने कोयला उद्योग में अपने उत्पादों और सेवाओं की खरीद प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित बनाया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने जेम पोर्टल के माध्यम से 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रिकॉर्ड खरीदारी की थी। इस वर्ष भी कंपनी ने बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे पूरा करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। नगर निगम चुनाव को लेकर पार्षद टिकट के बंटवारे पर गहराते विवादों ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। जहां एक ओर कांग्रेस नेताओं के बयानों ने आपसी खींचतान को उजागर कर दिया है। पार्टी के शहर व जिला अध्यक्षों ने दावा किया है कि असंतोष दूर कर लिया जाएगा। साथ ही जो पार्टी के खिलाफ काम करेंगे उन्हें निष्कासित किया जाएगा।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडे और ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी के खिलाफ पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर तेज हो गए हैं। मेयर पद के कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद नायक की बैठक से पहले पूर्व पार्षद अखिलेश चंद्र प्रदीप बाजपेयी ने टिकट वितरण पर नाराजगी जाहिर करते हुए मीडिया के सामने खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड से बाहरी व्यक्ति को टिकट दे दी गई। वार्ड के कार्यकर्ताओं ने उसके नाम का प्रस्ताव ही नहीं रखा था।
वार्ड क्रमांक 13 के उम्मीदवार श्याम पटेल द्वारा ओबीसी प्रमाण-पत्र जमा न करने पर उनका नामांकन निरस्त हो गया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। वहीं, वार्ड क्रमांक 15 में बाहरी उम्मीदवार हीरालाल यादव को टिकट मिलने से असंतोष बढ़ गया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर हुई बहस में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मेयर पद के दावेदार त्रिलोक श्रीवास और पूर्व पार्षद तैयब हुसैन ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने दावा किया कि टिकटों का वितरण भाजपा के इशारे पर किया गया है।
इसी तरह वार्ड क्रमांक 23 में राजन रिजवी की पत्नी और वार्ड क्रमांक 24 में प्रलय शर्मा राजा को टिकट दिए जाने पर भी सवाल उठाए गए। उन्होंने कुछ उदाहरणों के साथ बताया कि इन लोगों ने पूर्व में भाजपा के लिए काम किया है। स्थानीय नेताओं का आरोप है कि पार्टी ने बाहरी उम्मीदवारों को तरजीह देकर पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है।
जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पार्टी ने 7 ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है और जो नेता आरोप लगा रहे हैं, वे कांग्रेस विरोधी मानसिकता रखते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अनुशासनहीनता करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। वहीं शहर जिला अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि जिन्हें टिकट नहीं मिली, उनको एक दो दिन तो आक्रोशित होने का अधिकार है, पर उन्हें हम मना लेंगे। वे सब पार्टी के उम्मीदवार को जिताने के लिए काम करेंगे।
अंतरकलह और निर्दलीय चुनाव लडऩे की धमकियों ने कांग्रेस की स्थिति कमजोर कर दी है। मामला प्रदेश स्तर तक पहुंच गया है। बगावत करने वालों से संपर्क कर उन्हें नाम वापसी के लिए मनाने कहा गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 30 जनवरी। कोटा नगर पंचायत में नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष और पार्षद प्रत्याशियों ने अंतिम दिन मंगलवार को रैली निकाल नामांकन फार्म भरा।
भारतीय जनता पार्टी जय स्तंभ नाका चौक से नगर भ्रमण रोड शो करते पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष पद के सरोज दुर्गेश साहू, कांग्रेस पार्टी ने मीनू प्रकाश जायसवाल ने नामांकल दाखिल किया, वहीं कांग्रेस, पड़ावपारा राम मंदिर चौक तहसील कार्यालय तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी आदित्य दीक्षित सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ नगर पंचायत अध्यक्ष व पार्षद प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कोटा तहसील कार्यालय में दाखिल किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 जनवरी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका सूरजपुर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े ने दायर की थी, जिसमें संशोधन को अवैधानिक बताया गया था।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए बताया कि 3 दिसंबर 2024 को जारी अध्यादेश की जगह 23 जनवरी 2025 को नया अध्यादेश जारी किया गया है। इसे आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पारित किया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के आधार पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करते हुए सरकार ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को विलोपित कर दिया, जो संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। संविधान के अनुच्छेद 213 के अनुसार कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह सप्ताह तक प्रभावी रह सकता है। इसे विधिवत अधिनियम में परिवर्तित करना अनिवार्य होता है, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।
3 दिसंबर 2024 को जारी अध्यादेश को जनवरी 2024 के विधानसभा सत्र में केवल पटल पर रखा गया, लेकिन इसे पारित नहीं कराया गया। इस कारण यह अध्यादेश विधिशून्य हो गया। इसके बावजूद, इसी आधार पर 24 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में संशोधन किया गया, जिसे याचिकाकर्ता ने पूरी तरह अवैधानिक करार दिया।
याचिका में मांग की गई कि अवैधानिक हो चुके संशोधन के आधार पर जारी आरक्षण रोस्टर को निरस्त किया जाए और पूर्व प्रावधानों के तहत वैध तरीके से नया रोस्टर तैयार कर पंचायत चुनाव आयोजित किए जाएं।
महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि नया अध्यादेश 23 जनवरी 2025 को जारी किया गया है और इसे बजट सत्र में पारित किया जाएगा। अदालत ने सरकार के इस तर्क को स्वीकारते हुए याचिका खारिज कर दी।
देर रात सूची संशोधित कर 7 वार्डों में नाम बदलने पर भी असंतोष, बैज का फूंका पुतला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 जनवरी। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद से विवाद और बगावत तेज हो गई। बिलासपुर नगर निगम में मेयर पद के लिए प्रमोद नायक का नाम फाइनल होने पर कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं, बोदरी नगर पंचायत में अध्यक्ष प्रत्याशी चयन के खिलाफ नाराज 14 वार्ड पार्षद प्रत्याशियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
प्रमोद नायक के नाम की घोषणा होते ही त्रिलोक श्रीवास ने ऐलान किया कि वह आज 28 जनवरी को मेयर पद के लिए कांग्रेस से नामांकन दाखिल करेंगे। उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी उनके नाम पर बी-फॉर्म जारी करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे।
बोदरी नगर पंचायत में अध्यक्ष प्रत्याशी विमला सुनील साहू के नाम की घोषणा पर असहमति जताते हुए 14 वार्ड पार्षद प्रत्याशियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। नाराज पार्षदों का कहना है कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने सर्वसम्मति से नीलम विजय वर्मा के नाम का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन पार्टी ने अचानक विमला सुनील साहू को प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज होकर सभी पार्षद प्रत्याशियों ने पार्टी आलाकमान को व्हाट्सएप पर इस्तीफा भेज दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
बिलासपुर में पार्षद और मेयर पद के लिए टिकट बंटवारे को लेकर सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर हंगामा किया। नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला भी फूंका। उनका कहना है कि टिकट वितरण में गुटबाजी चली। मेयर और पार्षद पद के टिकट के लिए शैलेष पांडेय, अटल श्रीवास्तव, विजय पांडेय की ही बात सुनी गई। पूर्व महापौर रामशरण यादव के एक भी नाम को हरी झंडी नहीं मिली।
कांग्रेस ने सोमवार को तीन बार पार्षद प्रत्याशियों की सूची बदली। पहली सूची में 40 वार्डों के नाम थे, जबकि दूसरी सूची में 70 वार्डों के नाम शामिल किए गए। लेकिन, इन सूची में कई पुराने दावेदारों के नाम कट गए, जिससे नाराजगी और बढ़ गई। देर रात जारी तीसरी सूची में सात वार्डों के प्रत्याशियों को फिर बदल दिया गया।
इधर जीपीएम जिले में भी टिकट वितरण से नाराज होकर पेंड्रा के ब्लॉक अध्यक्ष प्रशांत श्रीवास व गौरेला ब्लाक उपाध्यक्ष शंकर पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
बिलासपुर ननि का विस्तार होने के बाद मेयर पद पर पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव, चार विधानसभा क्षेत्र के मतदाता डालेंगे वोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 जनवरी। बिलासपुर नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में भाजपा की पूजा विधानी और कांग्रेस के प्रमोद नायक आमने-सामने हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर में प्रमोद नायक के नाम की कल घोषणा की। भाजपा ने पहले ही पूजा विधानी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
भाजपा प्रत्याशी का चयन बिलासपुर विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की पसंद पर हुआ, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार का चयन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सहमति से हुआ है। ऐसे में यह चुनाव दोनों दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
इस बार महापौर का चुनाव सीधे वोटरों द्वारा किया जाएगा। पिछली बार पार्षदों के माध्यम से महापौर चुना गया था, तब कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बन चुकी थी। कांग्रेस के पास अधिक पार्षद थे और रामशरण यादव को बिना किसी दिक्कत के निर्विरोध चुन लिया गया। था। पार्षदों के बीच तोड़-फोड़ की आशंका के चलते भाजपा ने अपना कोई उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया। इस बार नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी की पत्नी पूजा विधानी को भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किया है। उनका नाम अमर अग्रवाल की सहमति से तय किया गया है। अशोक विधानी और पूजा विधानी अपने क्षेत्र से लगातार बारी-बारी पार्षद चुनाव लडक़र जीतते रहे हैं। पूजा विधानी प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा सहित संगठन के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुकी हैं। बिलासपुर महापौर सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। इसमें महिला पुरुष का बंधन नहीं है। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग से आए अनेक पुरुष दावेदारों को किनारे कर महिला प्रत्याशी घोषित किया है। इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं, एक तो विधायक अमर अग्रवाल ने अपने सर्वाधिक पुराने विश्वस्तों में से एक के नाम की सिफारिश की, दूसरी ओर महतारी वंदन योजना से महिलाओं को मिले लाभ को वोटों में तब्दील करने का प्रयास। इस बार बिलासपुर नगर-निगम का दायरा बढ़ चुका है, जिसमें तखतपुर, बेलतरा और बिल्हा के भी कस्बे और गांव शामिल किए जा चुके हैं। इन चारों सीटों पर ही इस समय भाजपा के विधायक हैं। तखतपुर से धर्मजीत सिंह ठाकुर, बेलतरा से सुशांत शुक्ला व बिल्हा से धरमलाल कौशिक पर भी जीत का दारोमदार रहेगा। अकेले बिलासपुर विधानसभा सीट में अमर अग्रवाल को 28 हजार मतों की लीड मिली थी। इसके अलावा बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला को नगर निगम क्षेत्र में आने वाले वार्डों से भारी बढ़त थी, जो कांग्रेस उम्मीदवार विजय केशरवानी की हार का प्रमुख कारण था। यही स्थिति धर्मजीत सिंह ठाकुर और धरमलाल कौशिक की है, जिन्हें शहरी क्षेत्र के मतदाताओं से अच्छा समर्थन मिला था।
दूसरी ओर कांग्रेस ने प्रमोद नायक को उम्मीदवार तय किया है। नायक पूर्व सीएम भूपेश बघेल के समर्थक हैं। उन्हें जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में ऐसे प्रत्याशी को खड़ा करने की कोशिश की जा रही थी, जिसकी कार्यकर्ताओं में पकड़ भी हो और जिसके पास संसाधनों की भी कमी नहीं हो। इस लिहाज से कई दावेदारों को किनारे कर नायक का नाम फाइनल कर दिया गया।
नायक के पक्ष में यह बात जाती है कि भूपेश बघेल के समर्थक नगर-निगम क्षेत्र में प्रभावशाली स्थिति रखते हैं। उन्हें कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव व उनके कार्यकर्ताओं का साथ मिलेगा, जो बिलासपुर में सक्रिय हैं। हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। टिकट कटने से नाराज दावेदारों को साध पाना उनके लिए मुश्किल होगा। एक दावेदार नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के समर्थक त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना असंतोष भी जाहिर कर दिया है। पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, जो स्वयं को टीएस सिंहदेव समर्थक बताते हैं, उनका भी कितना साथ मिलेगा, देखने की बात होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 जनवरी। एसईसीएल मुख्यालय के वसंत विहार ग्राउंड में 76वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में निदेशक (तकनीकी) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, सीवीओ हिमांशु जैन, श्रद्धा महिला मंडल अध्यक्षा पूनम मिश्रा, विभिन्न विभागाध्यक्ष, श्रम संघ प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और स्कूली बच्चे मौजूद रहे।
समारोह में एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों की झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें भटगांव क्षेत्र को प्रथम, गेवरा क्षेत्र को द्वितीय और चिरमिरी क्षेत्र को तृतीय पुरस्कार मिला। डीएवी पब्लिक स्कूल, ड्रीमलैंड और केपीएस के बच्चों ने देशभक्ति गीत और नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
इससे पहले, मुख्यालय प्रशासनिक भवन में निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास ने शहीद स्मारक और बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। समारोह ने देशभक्ति और एसईसीएल के योगदान को लेकर सम्मान दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 जनवरी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय और सभी मंडलों में 76वां गणतंत्र दिवस पूरी गरिमा और परंपरा के साथ मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम एन.ई. इंस्टीट्यूट मैदान पर आयोजित हुआ, जहां महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर आरपीएफ, सिविल डिफेंस, एनसीसी और स्काउट-गाइड की टुकडिय़ों द्वारा मार्च-पास्ट की सलामी ली।
तरुण प्रकाश ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए रेलवे के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस वर्ष 200 मिलियन टन माल लदान कर ?23,503 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो भारतीय रेलवे में दूसरा स्थान है। वंदे भारत ट्रेनों के संचालन से यात्री सुविधाओं में सुधार हुआ है, और ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत प्रशिक्षित रेलकर्मी यात्रियों की सेवा में तत्पर हैं।
रेलवे द्वारा संरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। इस वर्ष 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा किया गया है और 387 टिकट काउंटरों पर डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू की गई है। आधारभूत संरचना के तहत 10 फुट ओवर ब्रिज, 4 रोड ओवर ब्रिज और 42 रोड अंडर ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ है।
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा मीनाक्षी शर्मा ने सम्मानित किया।
महाप्रबंधक ने सभी रेलकर्मियों और उनके परिवारों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह को सफल बनाने में रेलवे कर्मचारियों, महिला कल्याण संगठन और अन्य सहयोगियों की सराहना की गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने बुधवार को उसलापुर स्थित विद्युत लोको प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया और भारतीय रेलवे में विद्युत ट्रैक्शन के 100 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का उद्घाटन किया।
यह प्रशिक्षण केंद्र भारतीय रेलवे के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जहां विद्युत इंजन संचालन और रखरखाव के साथ-साथ रेल चालकों और परिचालकों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाता है। महाप्रबंधक ने केंद्र की सुविधाओं और संसाधनों का गहन अवलोकन किया और प्रशिक्षकों व लोको इंस्पेक्टरों के साथ संवाद कर उनके सुझावों और समस्याओं को समझा।
महाप्रबंधक ने केंद्र में उपलब्ध सिमुलेटर और प्रायोगिक कक्षाओं का निरीक्षण करते हुए उनकी सराहना की। ये सिमुलेटर प्रशिक्षणार्थियों को वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव प्रदान करते हैं। उन्होंने केंद्र की प्रशिक्षण गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
विद्युत ट्रैक्शन के 100 वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों का शुभारंभ करते हुए महाप्रबंधक ने इसे भारतीय रेलवे के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि इस केंद्र के प्रशिक्षार्थी और कर्मचारी इस ऐतिहासिक सफर को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर आर. के. तिवारी, प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर एस. के. सोलंकी, मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। महादेव सट्टा एप मामले में गिरफ्तार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और अन्य आरोपी सुनील कुमार दम्मानी की जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एएसआई पर राजनीतिक नेताओं और महादेव बुक के प्रमोटरों के बीच संपर्क सूत्र के रूप में काम करने का आरोप है।
दुर्ग पुलिस ने 29 फरवरी 2022 को मोहन नगर थाने में आलोक सिंह राजपूत, रामप्रवेश साहू, खडग़ उर्फ राजा सिंह, अभिषेक और पिंटू के खिलाफ सार्वजनिक जुआ (छ.ग. संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 4ए, आईपीसी की धारा 420, 120बी और आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आर्थिक अपराध जांच रिपोर्ट (ईसीआईआर) भी दर्ज की थी।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके क्रिकेट, घुड़दौड़, ग्रेहाउंड रेसिंग और कबड्डी जैसे खेलों पर सट्टा लगवाते थे। लैपटॉप और अन्य उपकरणों के माध्यम से ऑनलाइन आईडी बनाई जाती थीं, जिनका उपयोग महादेव बुक एप के जरिए अवैध सट्टेबाजी के लिए किया जाता था। जांच के दौरान पता चला कि महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी इस एप का फ्रेंचाइज़ सिस्टम चला रहे थे।
आरोप है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने प्रमोटरों और छत्तीसगढ़ के राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के बीच पुल की भूमिका निभाई। ईडी ने जांच के दौरान हवाला किंग अनिल कुमार दम्मानी और सुनील कुमार दम्मानी को भी गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सुनील कुमार दम्मानी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता डॉ. सौरभ पाण्डेय की पैरवी के बाद खारिज कर दिया गया। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। शहर के फुटपाथ अब कारोबार का केंद्र बन गए हैं, जिससे आम लोगों के लिए चलने की जगह खत्म हो चुकी है। हर सडक़ के फुटपाथ पर ठेले, गुमटी और दुकानों का सामान रखा गया है, जिससे ट्रैफिक जाम और हादसों की समस्या गंभीर हो गई है। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने बिलासपुर के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को जवाब देने का निर्देश दिया है।
फुटपाथ पर अतिक्रमण और यातायात नियमों के उल्लंघन के खिलाफ संस्कार राजपूत ने एडवोकेट सिद्धांत दास, सिद्धांत त्रिवेदी और इमाम सिद्दिकी के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि ठेले और गुमटी लगाने, दुकानों का सामान फुटपाथ पर रखने और अनधिकृत पार्किंग के कारण पैदल चलने वालों को सडक़ पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके चलते दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है और बच्चों तथा बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, ‘पहले सडक़ पर गुमटी और ठेले लगवा दिए जाते हैं, बाद में कार्रवाई की जाती है। सडक़ों पर पूरा कारोबार खड़ा कर दिया गया है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है।’
याचिका में बताया गया कि शहर के मार्केट और कॉम्प्लेक्स के बाहर पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हालात और बिगड़ गए हैं। इस वजह से वाहन सडक़ पर खड़े किए जा रहे हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।
हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई 12 फरवरी 2025 को निर्धारित की है। कोर्ट ने कलेक्टर और निगम आयुक्त से इस समस्या पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के एक आदिवासी किसान राम साय की शिकायत पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। राम साय को राज्य सरकार द्वारा वन भूमि पर कृषि कार्य के लिए पट्टा दिया गया था। इस भूमि पर 2023-24 में रिलायंस जियो कंपनी ने बिना अनुमति और बिना मुआवजा दिए मोबाइल टावर स्थापित कर दिया।
राम साय ने पहले ग्राम पंचायत और फिर कलेक्टर कोंडागांव के पास शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद राजस्व अधिकारियों ने पुष्टि की कि कंपनी ने गैर-कानूनी तरीके से टावर लगाया है। इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने राजस्व मामला दर्ज कर रिलायंस जियो को नोटिस और फिर जमानती वारंट जारी किया, लेकिन कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया।
18 नवंबर 2024 को अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश दिया कि कंपनी राम साय के साथ अनुबंध कर उन्हें हर महीने किराया दे और बकाया राशि का भुगतान करे। लेकिन राम साय ने बताया कि गरीब आदिवासी होने के कारण उनके लिए इतनी बड़ी कंपनी से अनुबंध करना कठिन है।
राम साय ने वकील संदीप दुबे और मानस वाजपेयी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के बाद जस्टिस बी.डी. गुरु ने कलेक्टर कोंडागांव को 20 दिनों के भीतर कंपनी और राम साय के बीच अनुबंध सुनिश्चित करने और बकाया व मासिक किराए का भुगतान कराने का आदेश दिया।