बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जनवरी। उज्जवला होम में दुष्कर्म की शिकायतों के मुद्दे पर पुलिस ने अपना पक्ष आज स्पष्ट किया है। पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि पुलिस के समक्ष बयान में पीडि़त महिलाओं ने दुष्कर्म की कोई शिकायत नहीं की थी। अब इस मामले में महिला बाल विकास विभाग के उच्चाधिकारियों और महिला आयोग ने संज्ञान लिया है । इसे देखते हुए यह तय किया गया है की धारा 164 के तहत युवतियों से धारा 164 के अंतर्गत बयान दर्ज करवा लिया जाए और इसमें जो भी आरोपी होंगे उनके विरुद्ध पुलिस दंड संहिता के अंतर्गत अपराध दर्ज करते हुए समुचित कार्रवाई करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राजकिशोर नगर स्थित उज्जवला होम की तीन लड़कियों ने मीडिया के सामने दुष्कर्म और प्रताडऩा का आरोप लगाया जबकि सरकंडा पुलिस के समक्ष उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की थी, पुलिस का ऐसा दावा है। यह मामला रविवार को सामने आया था, जब एक युवक अपनी पत्नी को उज्जवला होम से बाहर निकालने के लिए पहुंचा था और वहां अन्य लड़कियों ने उसके समक्ष यौन प्रताडऩा की शिकायत की थी।
पुलिस के समक्ष दर्ज बयान में इन युवतियों ने प्रताडऩा भोजन नहीं देने जैसी शिकायतें की थी लेकिन इन्हें छोड़े जाने के बाद मीडिया के सामने आकर इन्होंने दुष्कर्म सहित प्रताडऩा के आरोप लगाए हैं। इस मामले को राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है।