धमतरी

पोषण पुर्नवास केन्द्र नगरी में कुपोषण एवं शिशु संरक्षण माह
18-Feb-2025 3:02 PM
पोषण पुर्नवास केन्द्र नगरी में कुपोषण एवं शिशु संरक्षण माह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नगरी, 18 फरवरी। विकासखंड नगरी वनांचल  क्षेत्र है। जहां लगभग 240 छोटे एवं बड़े गांव है। क्षेत्र में लगभग 54 प्रतिशत आदिवासी जनजाति निवासी करती है। एवं इनमें से लगभग 5000 विशेष पिछड़ी जनजाति के सदस्य निवासरत है । इनमें से सांकरा एवं केरेगांव क्षेत्र में निवासरत विपिजज के अधिकांश सदस्य घुमुंतु है। जबकी बेलरगांव , दुगली , नगरी क्षेत्र के विपिजज सदस्य स्थायी रूप से निवास करते है। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 06 माह से 05 वर्ष तक के  विकासखंड में लगभग 18 प्रतिश्त बच्चे कुपोषण का शिकार है। जिसका मुख्य कारण लोगों के द्वारा इसके प्रति कम जागरूक होना , कुपोषण को एक बीमारी के तौर पर न लेना एवं खाना पकाने व खाने के दोषपूर्ण पद्वती है।

        विकासखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषण मुक्ति की दिशा में शिशु संरक्षण माह , स्कूलों आंगनबाड़ीयों में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसके साथ साथ लाईन डिपार्टमेंट स्कूल शिक्षा विभाग में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित है । इसी प्रकार आंगनबाड़ीयों में बच्चों को भी पोषण आहर की व्यवस्था की गई है। किंतु इन सब में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित ‘‘पोषण पुर्नवास केन्द्र ‘‘ शासन का एक अत्यंत ही क्रांतिकारी, शीघ्र किंतु दीर्घ प्रभावी योजना है। क्योंकि इसमें बच्चों को सीधे तौर पर एक पुरी तरह से प्रशिक्षित चिकित्सक , व स्टाफ नियमित तौर पर देखभाल करते है। बच्चे के साथ साथ बच्चे के मॉ को भी 15 दिवस तक एनआरसी में रखकर पोषण के बारे में बताया जाता है एवं भोजन पकाने के सही तरीके व बच्चों को भोजन देने के सही शेडयुल की समुचित जानकारी दी जाती है।  विकासखंड नगरी में दिनांक 07/07/2012 से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नगरी अंतर्गत 10 बिस्तरीय ‘‘पोषण पुर्नवास केन्द्र ‘‘ का संचालन किया जा रहा है। पोषण पुर्नवास केन्द्र के स्थापना उपरांत अब तक लगभग 1500 से भी अधिक गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण के कुचक्र से बाहर लाने में मदद मिली है। इसके माध्यम से कुपोषित बच्चों के माताओं को सही पोषण एवं पोषण के महत्व को समझाया जा रहा है। वर्तमान में स्वास्थ्य केन्द्रों के ओपीडी से , चिरायु कार्यक्रम से ,महिला बाल विकास विभाग से कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उन्हें ‘‘पोषण पुर्नवास केन्द्र नगरी‘‘ में भेजकर उन्हें सुपोषित किया जा रहा है।  पोषण पुर्नवास केन्द्र की प्रमुख गतिविधि:-

1 एनआरसी में दाखिले के उपरांत सर्व प्रथम बच्चे का विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा समान्य स्क्रीनिंग की जाती है। एवं कुपोषण के कारण जैसे , एनिमिया, कृमिसंक्रमण, डायरीया या अन्य कोई बीमारी हो तो ईलाज करते है।

2 बच्चों को इस दरम्यान प्रस्तावित डाईट चार्ट शेडयुल के अनुसार उन्हें प्रत्येक दो घंटे में पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है।

3 बच्चों के माताओं को भी भोजन पकाने की विधि का ज्ञान दिया जाता है एवं उन्हें पोषण हेतू डाईट शेडयुल से अवगत कराया जाता है।

4 बच्चों के माताओं का पोषण पर कांउसलिग किया जाता है। एवं उन्हें स्थानीय पोषण के स्रोतों के बारे में भी बताया जाता है।

5 बच्चों को उनके वेक्शिनेशन शेडयुल के अनुसार वेक्शिन दिया जाता है।

6 बच्चे के माता को प्रति दिन राशि 150/- के दर से उनको मानदेय /मजदुरी छतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है।

7 आर्थिक रूप से कमजोर माताओं को डिस्चार्ज होने के दिन उनके बच्चों की स्थिति के अधार पर राशि 500/- की अतिरिक्त मेडिसनल सर्पोट प्रदान किया जाता है।

8 डिस्चार्ज उपरांत भी माता-पिता के माध्यम से दूरभाष पर या संबंधित आंगनबाड़ी के माध्यम से  फॉलोअप लिया जाता है।

9 अत्यधिक कुपेाषित बच्चों को 15 दिवस में पुन: फॉलोअप के लिए बुलाया जाता है।

विशेष गतिविधि-

कलेक्टर नम्रता गांधी के मागदर्शन में वर्ष 2024 से सिविल अस्पताल नगरी में एनआरसी के बच्चों को आयुष थेरेपी भी प्रदान किया जा रहा है। सांथ ही इस वर्ष लगभग 54 कमार बच्चों को कुपोषण से मुक्ती मिली है।

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news