पीडि़तों को मुआवजे में मिलती है मदद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य में ई डार(इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस बैठक में ए.आई.जी. ट्रैफिक संजय शर्मा, सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर वाई. वी. एस. राव, अरविंद यादव, टेक्निकल डायरेक्टर अमित देवांगन, आर.आई. लीड एजेंसी पुष्पेंद्र सिंह, एस.आर.एम. ई डार छत्तीसगढ़ सारांश शिरके, सीनियर प्रोग्रामर मोहित राजपूत एवं प्रोग्रामर हेमंत साहू सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अरविंद यादव ने आई राड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) प्रोजेक्ट के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली सडक़ दुर्घटनाओं के सटीक डेटा संग्रहण और विश्लेषण में सहायक होगी, जिससे प्रभावी नीतियां बनाई जा सकेंगी।
ए.आई.जी. ट्रैफिक संजय शर्मा ने सभी जिलों की दुर्घटनाओं का विवरण आई राड एप्लिकेशन में पूर्ण रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए। सभी दुर्घटना मामलों में आईएआर(इन्फॉर्मेशनल एक्सीडेंट रिपोर्ट) और डार (डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) समय पर कोर्ट एवं बीमा कंपनियों को भेजी जाएं, जिससे पीडि़तों को शीघ्र मुआवजा मिल सके।
गंभीर सडक़ दुर्घटनाओं की स्थिति में संबंधित जिले, इंटरडिपार्टमेंटल लीड एजेंसी को तत्काल सूचित करें।सभी जिला नोडल अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।
प्रशिक्षण सत्र में मास्टर ट्रेनर सारांश शिरके ने आईराड प्रणाली में डेटा एंट्री करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। साथ ही, अधिकारियों की आईडी अपडेटेशन की प्रक्रिया को रेखांकित किया, ताकि नए अधिकारियों की नियुक्ति के बाद डेटा प्रविष्टि में किसी प्रकार की बाधा न आए।
महत्वपूर्ण निर्णय: सडक़ दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस एवं डायल 112 वाहनों की रिपोजिशनिंग की जाएगी, जिससे दुर्घटना के बाद शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। दुर्घटनाओं के उच्च समयावधि में ट्रैफिक इनफोर्समेंट को प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे सडक़ दुर्घटनाओं की रोकथाम हो सके।
फैटल (घातक) एवं गंभीर दुर्घटनाओं के मामलों में ट्रांसपोर्ट विभाग, सडक़ एजेंसियों एवं अस्पतालों को निरीक्षण हेतु अनुरोध भेजा जाएगा, ताकि सडक़ सुरक्षा के प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।