‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 11 जनवरी। स्थानीय चावरा हॉयर सेकण्डरी स्कूल में विश्व हिन्दी दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्कूल की प्राचार्या सिस्टर सिशिलिया ने कहा -हिंदी देश की राष्ट्र भाषा है, हमें गर्व है कि हम हिंदुस्तानी है आज सम्पूर्ण विश्व में हिंदी भाषा को लोग अपना रहे है। हमें भी हिंदी के प्रचार प्रसार में बढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए ।
हिंदी भाषा प्रमुख अंसुमती पांडेय ने हिंदी के प्रदुर्भाव और उन्नति पर अपनी बात रखी। हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना माना गया है। संस्कृत भाषा भारत की सबसे प्राचीन भाषा है जिसे आर्य भाषा या देव भाषा कहा जाता है । हिंदी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदी का जन्म संस्कृत की ही कोख से हुआ है। सन 1881 में बिहार राज्य ने सर्वप्रथम हिंदी को अपना आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी। हिंदी भाषा के कुछ अंश सातवीं शताब्दी ईसा के पश्चात में पाए जाते है। हिंदी भाषा सिंधु नदी के आसपास के प्रदेशों में बोली जाती थी। आज विश्व के अनेकों देशो में इसे सहर्ष स्वीकार किया गया है। उक्त बातें हिन्दी टीचर धर्मेंद्र यदु ने कही।
जीवन में हिंदी के महत्व को आत्मसात करने की प्रेरणा देते हुए पद्मा स्वामी ने विचार रखा कि बदलते परिवेश में हिंदी को अपनाने में कुछ तपके के लोग कतराते थे वो आज हिंदी के पक्ष में आंदोलन कर रहे है। मोंनिक पटेल और एंजलीना सेम्युअल ने भी इस अवसर पर हिंदी विषय और हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए बल दिया।
इस अवसर पर लव नारायण पांडे,भावेश पटेल, भावेश दिक्चती, श्रीनिवास रेड्डी, अनुप अग्रवाल, हितेंद्र सिंह ठाकुर, काजल अंसारी,भावना वर्मा आदि उपस्थित थे।