कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 15 जुलाई। कोंडागांव जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता आयोजित कर बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर सरकार को घेरते कहा- बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर लूटने का काम भाजपा सरकार ने किया है। घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है।
सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई है। छत्तीसगढ़ के किसान इस सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चलते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान हैं, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढ़ाकर किसानों की कमर तोड़ रही है भाजपा सरकार।इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जनता को लूटने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की। 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमनसिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव चुनावी वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटकर 6 रुपया 20 पैसे किया गया।
प्रेसवार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष बुधराम नेताम,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मतलाम,पूर्व जिलाध्यक्ष झूमूकलाल दीवान,महामंत्री रितेश पटेल, गीतेश गाँधी, कपिल चोपड़ा, जिला उपाध्यक्ष तरुण गोलछा, प्रदेश सचिव सकुर खान,कोंडागांव शहर अध्यक्ष नरेन्द्र देवांगन, संयुक्त महामंत्री भंगी पटेल, सचिव उमर मेमन, मंडल अध्यक्ष नंदू दीवान सहित कांग्रेस जन मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता में आगे कहा- पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में पूरे 5 साल का नेट वृद्धि यदि देखें तो मात्र दो पैसे का था, जो ऐतिहासिक तौर पर सबसे न्यूनतम था।पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल ऑफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड रुपए के सब्सिडी देकर बहुत बड़ी राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक निशुल्क बिजली दिया, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुक्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाया।
भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश भर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बधाई जाने लगी है।
कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है?
भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे, कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहें, सरकारी उपक्रमों और सरकार के चहेतों का करोड़ों का बिजली बिल का भुगतान लंबित है, उसकी वसूली भी जनता से कर रही है सरकार
सत्ता के संरक्षण में बिजली चोरी और लाइन लॉस के मामले बढ़े हैं, जिसके चलते हो रहे नुकसान की भरपाई भी जनता से वसूली करके करना चाहती है यह सरकार
केंद्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते हैं बिजली का उत्पादन लागत बढा है, कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवरप्लांट को अडानी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है।