‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सूरजपुर, 20 नवंबर। जिले में बाल विवाह और बाल संरक्षण के विभिन्न विषयों पर जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हंै। शासकीय महाविद्यालय रामानुजनगर व कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामानुजनगर में यूनिसेफ़ और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह और बाल संरक्षण के महत्वपूर्ण विषयों पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों को बाल विवाह की हानियों और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि बच्चे ही कल के भविष्य हैं, ये सुरक्षित हैं तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित है, पॉक्सो एक्ट में बच्चों को लैंगिक अपराध से बचाने के लिए प्रावधान दिये गये हैं, बच्चों को गलत तरीके से घूरना, पीछा करना, रास्ता रोकना, ग़लत चित्र दिखाना, गलत तरीके से छुना भी अपराध है, गुड टच बैड टच के बारे भी विस्तृत जानकारी दी गई, पॉक्सो से बचने के लिए चार चीज़ों के बारे में बताया गया नो- मतलब विरोध करना, गो- मतलब भागना, टेल-मतलब बोलना, इसके बारे में बताया गया।
सोशल मीडिया के उपयोग कितना करना है सोशल मीडिया माध्यम से होने वाले साइबर क्राइम से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी। इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए, इसके बारे जानकारी दी गई।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे जानकारी दी गई ,जेजे एक्ट में बच्चों को नशे से बचाने के लिए नए प्रावधान दिये गये हैं जिसमें धारा 77 और 78 यदि कोई बच्चे को नशा कराता है या नशे का समान बेचता है उसे एक लाख रुपये जुर्माना व दो वर्ष के सजा का प्रावधान है, चुप्पी तोड़ो गतिविधि से बच्चो को बोलने के लिये प्रेरित किया गया।
जायसवाल ने चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098,181,112 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी, साइबर क्राइम और नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों के बारे में जानकारी दी।
यूनिसेफ़ के जि़ला समन्वयक प्रथमेश मानेकर ने विद्यार्थियों के साथ बाल विवाह मुक्त सूरजपुर अभियान पर जानकारी दी। इस कार्यक्रम में बाल विवाह की परिभाषा, इसके कारण, नकारात्मक प्रभाव और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की इसके साथ भी शाला त्यागी बच्चों, बच्चों की सही परवरिश (गुड पैरेंटिंग), बच्चों के अधिकार और सोशल मीडिया के प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने विद्यार्थियों को बाल विवाह रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रेरणा दी और उने बाल विवाह रोकने के एम्बेसडर कहा। चाइल्ड लाइन से शीतल सिंह ने चाइल्ड लाइन की सेवाओं के बारे में जानकारी दी और 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन), 181 (महिला हेल्पलाइन) और 100 (पुलिस हेल्पलाइन) जैसी टोल-फ्री सेवाओं की जानकारी साझा की।
सखी सेंटर से केंद्र प्रशासक विनीता सिन्हा द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर के बारे बताया इसमें सभी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा वन स्टॉप सेन्टर में उपलब्ध होती है। एक ही छत के नीचे हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदाय करता है। इसके बारे में विस्तार से बताया गया।
इस कार्यक्रम में जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, यूनिसेफ़ के जि़ला समन्वयक प्रथमेश मानेकर, सखी सेंटर से केंद्र प्रशासक विनीता सिन्हा , प्राचार्य आर. के. साहू शासकीय महाविद्यालय, प्राचार्य प्रजापति शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामानुजनगर, चाइल्ड हेल्पलाइन से शीतल सिंह परामर्शदाता, आउटरीच वर्कर पवन दीवान, विद्यालय से सभी शिक्षक- शिक्षिका वर्ग एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।