सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भैयाथान, 15 नवंबर। जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा भैयाथान विकासखण्ड में जन शिक्षकों को एक विशेष बैठक में बाल विवाह और बाल संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर जागरूक किया गया।
बैठक के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने शिक्षकों को बाल विवाह की समस्या और इससे जुड़े तथ्यों की जानकारी दी। श्री जायसवाल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि सूरजपुर जिले में बाल विवाह का प्रतिशत 34.3: है। उन्होंने कहा कि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सभी शिक्षकों और संकुल प्राचार्यों को अपने-अपने विद्यालयों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए, ताकि शिक्षक और छात्र-छात्राओं में इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता बढ़ सके।यदि सभी शिक्षक और छात्र छात्राएं ठान लें, तो बाल विवाह पर रोक लगाई जा सकती है, कम उम्र में विवाह हो जाने से कई परेशानीयां बढ़ जाती हैं, जच्चा बच्चा दोनों को जान का खतरा तो होता ही है, बच्चा कुपोषित या मृत भी हो सकता है इस लिए अपने जिले को बाल विवाह मुक्त करने के लिए सभी को मिल कर प्रयास करना होगा।
श्री जायसवाल ने लैंगिक अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए बने पॉक्सो एक्ट 2012 की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों का सुरक्षित भविष्य ही हमारे समाज का मजबूत आधार है। पॉक्सो एक्ट में बच्चों को लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को गलत तरीके से घूरना, पीछा करना, रास्ता रोकना, अश्लील चित्र दिखाना, या गलत तरीके से छूना भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही उन्होंने श्गुड टच, बैड टचश् के बारे में भी विस्तार से बताया ताकि शिक्षक एवं बच्चों को इन महत्वपूर्ण बिंदुओं के प्रति सचेत कर सकें।
बैठक में बाल श्रम के खिलाफ जानकारी दी गई, जिसमें बाल श्रम निषेध और नियमन अधिनियम 1986 के प्रावधानों पर चर्चा की गई। श्री जायसवाल ने बताया कि बच्चों से श्रम कराने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा और 20,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की कि बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और विद्यालय छोड़ चुके बच्चों को पुन: शाला में प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित करें।
श्री जायसवाल ने हेल्पलाइन नम्बरों की जानकारी दी, जिसमें चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181, और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 को शामिल किया गया। उन्होंने इन टोलफ्री नम्बरों के महत्व और इनके उपयोग के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में सहायता ली जा सके।
बैठक में जिला समग्र शिक्षा अधिकारी श्री शशिकांत, विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी.एस. मारवी, यूनिसेफ से जिला समन्वयक प्रथमेश मानेकर, भैयाथान विकासखंड के सभी जनशिक्षक और संकुल प्राचार्य उपस्थित रहे।
यह जागरूकता कार्यक्रम जिले में बाल संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में बच्चों के उज्जवल और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर होगा।