‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 नवंबर। प्रदेश में उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाओं का आना लगातार जारी है । इसके चलते शीतलहर के अलर्ट की अवधि और क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। 13 जिलों में 15 नवंबर तक शीतलहर रहेगी। इनमें एमसीबी, सरगुजा जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, जीपीएम, कोरिया, कोरबा, मुंगेली कवर्धा,केसीजी, राजनांदगांव और दुर्ग के एक दो इलाके में शीतलहर चलेगी। बीती रात अंबिकापुर में 7.6, बलरामपुर 8 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडी गुजरी।
वहीं प्रदेश में न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट के साथ विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। प्रदेश में कल 12 नवंबर को मौसम शुष्क रहने की संभावना है। बात करें मध्य छत्तीसगढ़ की तो राजधानी रायपुर की तो 14.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। समीप स्थित माना में 13.2 डिग्री सेल्सियस, बिलासपुर में 12.6, पेंड्रारोड में 9 और दुर्ग में 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है।
शीतलहर का खेती किसानी पर असर: फसलों को ठंड से बचाने के लिए प्रकाश की व्यवस्था करें और बार-बार सिंचाई/स्प्रिंकलर सिंचाई करें। बिना पके फलों के पौधों को सरकंडा/स्ट्रॉ/पॉलीथिन शीह्न/गनी बैग से ढक दें।
केले के गुच्छों को छिद्र युक्त (सरंध्र) पॉलीथीन बैग से ढक दें।
धान की नर्सरी में रात के समय नर्सरी क्यारियों को पॉलीथिन की चादर से ढक दें और सुबह हटा दें। शाम को नर्सरी क्यारियों की सिंचाई करें और सुबह पानी निकाल दें।
सरसों, और चना जैसी संवेदनशील फसलों को पाले के हमले से बचाने के लिए, सल्फ्यूरिक एसिड ञ्च 0.1त्न (1000 लीटर पानी में 1 लीटर ॥2स्ह्र4) या थियोरिया ञ्च 500 पीपीएम (1000 लीटर पानी में 500 ग्राम थियोरिया) का छिडक़ाव करें। यदि आपका क्षेत्र शीत लहर से ग्रस्त है, तो इसका प्रभाव आश्रयों से खत्म करें / गली (बड़े पेड़ों के कतारों के बीच) फसलें उगाएं।
फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में पौधों के प्रभावित हिस्सों की छंटाई करें। काटे गए पौधों पर तांबा कवकनाशी का छिडक़ाव करें और सिंचाई के साथ एनपीके दें।
पहली बार इस मौसम में जशपुर जिले में बर्फ गिरी। आज सुबह खेतों और पुआल में बर्फ की चादर नजर आई। इससे पहले जशपुर जिले में बीती रात तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढक़ गया था। वहीं मैनपाट में 4 डिग्री दर्ज किया गया।
क्या ना करें
ठंड के मौसम में मिट्टी में पोषक तत्व न डालें, खराब जड़ गतिविधि के कारण पौधे अवशोषित नहीं कर सकते हैं। खेत के मिट्टी की गुड़ाई ना करें; ढीली सतह निचली सतह से गर्मी के प्रवाहकत्व को कम कर देती है।
मवेशियों को रात के समय शेड के अंदर रखें और उन्हें सूखा बिस्तर लगाकर ठंड से बचाने के लिए प्रबंध करें । ठंड की स्थिति से निपटने के लिए, पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए आहार में प्रोटीन स्तर और खनिजों को बढ़ाएं। जानवरों की ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पशुओं को नियमित रूप से नमक के साथ खनिज मिश्रण और गेहूं के दाने, गुड़ आदि 10-20 प्रतिशत दैनिक आहार में दें। पोल्ट्री में, पोल्ट्री शेड में कृत्रिम प्रकाश प्रदान करके चूजों को गर्म रखें। सुबह के समय मवेशियों/बकरियों को चरने न दें। रात के समय उन्हें खुले में न रखें।