‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 25 अक्टूबर। छग सहकारी कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे जिला सहकारी केन्द्रीय बैंग दुर्ग अंतर्गत आज समिति कर्मचारी संघ दुर्ग, बालोद, बेमेतरा के कर्मचारियों ने भी सामूहिक अवकाश लेकर धरना-प्रदर्शन किया माँग पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने 4 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऐसी स्थिति में आंदोलन के चलते 14 नवंबर से होने वाली धान खरीदी भी प्रभावित हो सकती है।
समिति कर्मचारी संघ दुर्ग, बालोद, बेमेतरा के पदाधिकारियों का कहना है कि छ.ग. सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ रायपुर प्रांतीय संगठन छ.ग. द्वारा निरंतर उनकी 3 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर लिखित रूप से छ.ग. शासन एवं प्राशासन को दिया गया था।
18 जून धरना स्थल तूता नवा रायपुर एवं छ.ग. मुख्यमंत्री जनदर्शन में भी इस संबंध में आवेदन दिया गया था मगर खेद का विषय है कि आज तक मांगों पर किसी भी प्रकार सकारात्मक पहल नहीं किया गया है। इस कारण प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में चरणबद्ध अनिश्चितकालीन आंदोलन मांग पूर्ति तक करने का निर्णय लिया गया है। फलस्वरूप प्रदेश में 2085 समितियों द्वारा छ.ग. शासन की महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाए जैसे समर्थन मूल्य धान खरीदी की तैयारी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कृषक पंजीयन, ईआरपी, केसीसी आई एस पोर्टल संपादित किया जा रहा है।
महासंघ द्वारा छ.ग. शासन के विभिन्न मंत्रियों शासन प्रशासन को 16 अक्टूबर को पुन: मांग पत्र पूरा नही होने पर चरणबद्ध आंदोलन की सूचना दे गयी थी। मांग पूर्ण नहीं होने पर प्रांतीय संगठन के आव्हान पर संभाग के सभी सहकारी समिति में कार्यरत लगभग सभी सहायक समिति प्रबंधक लेखापाल, लिपिकसह कम्प्युटर आपरेटर भृत्य एवं चौकीदार द्वारा 18 से 20 अक्टूबर तक काली पट्टी लगाकर कार्य किया गया। फिर मांग पूरी नहीं होने पर आज सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर रैली के माध्यम से ज्ञापन कलेक्टर को दिया गया। समिति कर्मचारी संघ दुर्ग, बालोद, बेमेतरा के अध्यक्ष जागेश्वर साहू का कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर 25 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक समिति मुख्यालय में भोजन अवकाश बाद लंबित 3 सूत्रीय मांगों पर नारा लागायेंगे।
उक्त 3 सूत्रीय मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होने पर 4 नवम्बर से लंबित 3 सूत्रीय मांगों की पूर्ति तक प्रदेश स्तरीय अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन स्थल तूता बूढ़ा तालाब रायपुर में की जाएगी। ऐसे में समितियों द्वारा संचालित समस्त कार्य प्रभावित होने पर संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन ही होगी।
सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने मांग की है कि मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर छ.ग. सरकार द्वारा भी प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों को कर्मचारियों के वेतनमान व अन्य सुविधायें लाभ देने प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों का 3-3 लाख रूपये प्रबंधकीय अनुदान राशि देने शीघ्र अदेशित की जावें।
इसी प्रकार सेवानियम 2018 की आंशिक संशोधन करने हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू किया जाना चाहिए। साथ ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सुखत मान्य करते हुए आगामी वर्षों के लिए धान खरीदी नीति में वर्णित 16.9 में सुखत का प्रावधान करते हुए धान खरीदी अनुबंध में परिवर्तन करते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय एवं कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता, फसल बीमा आदि को 4 गुणा बढ़ोतरी कर राशन वितण पर 500 किलो क्षति पूर्ति 5000 रूपये तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा कमीशन की राशि समितियों को दी जाए।