‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 अक्टूबर। सुगम एप लॉन्च के विरोध में जिले के सब रजिस्ट्रार ऑफिस के दस्तावेज लेखक व वेंडर हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़ताल की वजह से जिला के बेमेतरा, साज व बेरला नवागढ़ उपपंजीयक कार्यालय का कामकाज पूरी तरफ ठप हो गया है।
आमतौर पर जिले में प्रतिदिन 40 से 50 रजिस्ट्री होती है पर हड़ताल की वजह से 48 घंटे में एक भी रजिस्ट्री नहीं हो पाई। जिला दस्तावेज लेखक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हमें लायसेंस दिया गया है। उनके हित को दरकिनार करते हुए सुगम एप लॉन्च कर दिया गया है, जिससे जिले के कई परिवार का रोजगार बंद हो जाएगा।
जिला मुख्यालय के साथ-साथ साजा, बेरला व नवागढ़ उपपंजीयक कार्यालय के दस्तावेज लेखक व स्टाप विक्रेता अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। जिले में 36 दस्तावेज लेखक हैं, जिसमे बेमेतरा में 13, बेरला 9, साजा 9 व नवागढ़ में 5 हैं। इसीतरह जिले में 52 स्टाप वेंडर हैं, जिसमें बेमेतरा 20, बेरला 7, साजा 17, नवागढ़ 5 और नांदघाट में 3 स्टाप वेंडर समेत 52 वेंडर हैं। संगठन के अनुसार सुगम एप से हम सबकी अजीविका समाप्त होगी, जिसे देखते हुए एप के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। इस एप के आने से दस्तावेज लेखक व स्टाप वेेंडरो को बेरोजगार होने का अंदेशा है।
एप में है कई खामियां, रोजगार का संकट
संगठन के सुरेश तिवारी, प्रफु ल्लचंद तिवारी, दत्तसिह बैस, महेश तिवारी, दानीराम साहू, गौरव तिवारी, अषोक शर्मा, सिद्धांत तिवारी, उमेश तिवारी, कोमल सोनी, प्रकाश ठाकुर, प्रियांका मानिकपुरी व मनीष साहू ने बताया कि इस काम को करते-करते कई दस्तावेज लेखक व स्टाप वेंडर उम्रदराज हो चुके हैं। एप की वजह से उनके सामने रोजगार का संकट नजर आ रहा है, जिससे हम सभी परेशान चल रहे हैं। मांग को ध्यान में रखते हुए सुगम एप को निरस्त किया जाना चाहिए। आने वाले समय में लायसेंस जारी करने के बाद उनके जीवकोपार्जन के जरियो को समाप्त करने के लिए तैयार किए गए एप के विरोध में न्यायालय की शरण ली जाएगी।
मोबाइल बेस्ड एप्लीकेशन है ‘सुगम’
इस एप्लीकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज के संपत्ति स्थल पर जाकर स्थल की 3 साइड से फोटो तथा अक्षांश व देशांतर भौगोलिक स्थिति को रजिस्ट्री सॉटवेयर में प्रविष्ट कर सकता है। इससे संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी व कर अपवंचन को रोकने में सार्थक मदद मिलने का दावा किया जा रहा है। पंजीयन विभाग के सर्च और नकल मॉड्यूल को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया जाएगा। कोई भी व्यक्ति ऑफिस में आए बिना निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा कर पुराने दस्तावेजों को सर्च करने के साथ उसकी कॉपी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेगा।
सर्विस प्रोवाइडर आईडी देने की मांग की जा रही
उपपंजीयक कार्यालय के स्टाप वेंडर रमेशचंद्र डेहरे, रमेश तिवारी, बीडी मानिकपुरी, नीलेश साहू ने बताया कि पहले ही उनकेद्वारा सर्विस प्रोवाइडर आईडी देने की मांग की जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्री का सभी दस्तावेज केवल लायसेंसधारी व आई कार्डधारी से कराने के अनिवार्य करने के साथ-साथ कुल 8 मांग को कई साल से महानिरीक्षक के समक्ष प्रदेशस्तर पर रखते आ रहे हैं, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है।
अब एप लॉन्च कर उनके सामने एक और समस्या खडॉी कर दी गई है। जानकारी हो कि जिले के चार सब रजिस्टार कार्यालय में प्रतिदिन 40 से 50 दस्तावेज का पंजीयन होता है, जिससे शासन को लाखों का राजस्व प्राप्त होता है। हड़ताल की वजह से 48 घंटे के दौरान एक भी जमीन रजिस्ट्री नहीं हुई है।
आईटी सॉल्यूशन लॉन्च किया गया था पहले
सरकार ने पहले पंजीयन विभाग में आइटी सॉल्यूशन लॉन्च किया फिर एनजीडीआरएस लॉन्च किया, जिसमें दस्तावेज लेखक और स्टाप वेंडर सरकार की नीतियों के अनुसार अब तक कार्य करते रहे। सरकार अब पुन: एक नई प्रक्रिया सुगम एप लॉन्च कर रही है। सरकार ने यह एप बिना किसी प्रशिक्षण के लाया है, जिसमें रजिस्ट्री कराने वाले सभी पक्षकारों को असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। साथ ही किसानों के साथ धोखाधड़ी का भी अंदेशा है। एप में एक दिन में एक व्यक्ति की रजिस्ट्री संभव नहीं है।
बिना गवाही के जमीन की रजिस्ट्री होने पर होगा फर्जीवाड़ा
गवाही नहीं ली जाएगी एप में, एप में पेपरलेस, कैशलेश और फेसलेस शामिल किया गया है। जबकि छोटे से शपथ पत्र बनवाने के लिए गवाही लगती है। एप में बिना गवाही के होगा। ऐसे में फर्जीवाड़ा की आशंका है। रजिस्ट्री की रसीद पहले 1 प्रतिशत कटती थी। अब वर्तमान सरकार के आने के बाद 4 प्रतिशत कट रहा है।
जिला पंजीयक संतलाल नेताम ने कहा कि सुगम ऐप लॉन्च किया गया है, जिसका प्रदेशब्यापी विरोध दस्तावेज लेखक व स्टैम्प विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा हैं। जिले में दो दिनों में एक भी पंजीयन नहीं हुआ है।