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शरीर बहुत कीमती, नशे में बर्बाद न करें-सविता दीदी
08-Feb-2025 1:10 PM
शरीर बहुत कीमती, नशे में बर्बाद न करें-सविता दीदी

रायपुर, 8 फरवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने बताया कि भारत शासन के नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो के संयुक्त तत्वावधान में आत्मानन्द उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माना में  बच्चों  को नशा मुक्ति का सन्देश देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि हमारा शरीर एक मन्दिर के समान है जिसमें चैतन्य आत्मा निवास करती है। हमें बीड़ी, सिगरेट और गुटका आदि खाकर इसे अशुद्घ नहीं करना है। 

विश्वविद्यालय ने बताया कि इसे साफ सुथरा रखना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि भगवान नेें हम सबको बिना किसी भेदभाव के बहुत ही कीमती शरीर प्रदान किया है। हमारा एक-एक अंग बेशकीमती है। एक आंकलन के अनुसार सारे अंगों को मिलाकर इसकी कुल कीमत दो सौ करोड़ के आसपास ऑँकी गई है। इतना मूल्यवान है हमारा शरीर। हृदय तक खून पहुंचाने वाली पतली सी नस में ब्लाकेज हो जाए तो लाखों रूपया खर्च हो जाता है। किडनी फेल हो जाए तो पच्चीस-तीस लाख तक खर्च हो जाते हैं।

विश्वविद्यालय ने बताया कि  इसलिए हमें अपने शरीर की बहुत देखभाल करने की जरूरत है। लेकिन कुछ लोग इस शरीर की कद्र करने की बजाय इसमें तम्बाकू, गुटका, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन कर इसे अशुद्घ करते रहते हैं। नशा करके हम अपने ही बहुमूल्य अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने चिन्ता व्यक्त करते हुए बतलाया कि आजकल बहुत से युवा संगदोष में आकर अथवा फैशन के नाम पर नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं।

विश्वविद्यालय ने बताया कि  हमारा देश विश्व में तम्बाकू का तीसरा बड़ा उत्पादक और खपत करने वाला देश बन चुका है जो कि चिन्ताजनक है। सर्वेक्षण से ज्ञात हुआ कि प्रतिदिन भारत में पचपन हजार युवा तम्बाकू खाने की शुरूआत करते हैं। कुछ लोग मजे के लिए नशाखोरी करते हैं जिससे उनके ब्रेन में डोपामीन नामक रसायन बनता है जो कि आनन्द देता है। यही डोपामीन लोगों को नशे का आदि बना देता है।ज्यादातर व्यसनों की शुरूआत किशोरावस्था में होती है।
 


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