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नियमित मस्तिष्क जांच कराने रामकृष्ण केयर का आग्रह
रायपुर, 22 जुलाई। रामकृष्ण केयर अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और एचओडी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और जटिल अंग है मस्तिष्क, जो हमारे विचारों, गतिविधियों, यादों और भावनाओं को नियंत्रित करता है। लेकिन अक्सर इसकी अहमियत को तब तक नजऱअंदाज़ किया जाता है, जब तक कोई बड़ी समस्या न आ जाए।
डॉ. शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई को हर साल मनाए जाने वाले विश्व मस्तिष्क दिवस के मौके पर, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने आम जनता से अपील की है कि वे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स यानि मस्तिष्क संबंधी विकारों के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें और नियमित मस्तिष्क जांच को अपनी प्राथमिकता बनाएं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस साल की थीम है मस्तिष्क स्वास्थ्य और रोकथाम। इसमें शुरुआती लक्षणों की पहचान, सही समय पर इलाज और ऐसी जीवनशैली अपनाने पर ज़ोर दिया गया है जो लंबे समय तक न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करे। आज बढ़ते तनाव, सुस्त जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण स्ट्रोक, मिर्गी, डिमेंशिया, मल्टीपल स्क्लेरोसिस और ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारियां युवाओं और बुज़ुर्गों, दोनों को तेज़ी से अपनी चपेट में ले रही हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि लोग अक्सर मस्तिष्क रोगों को केवल स्ट्रोक या ट्यूमर समझते हैं। लेकिन आज के समय में, तनाव, बर्नआउट और डिजिटल ओवरलोड ने साइलेंट किलर' का रूप ले लिया है, जो कामकाजी लोगों में ज़्यादा देखने मिल रहा है। एकाग्रता की कमी, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और भूलने की बीमारी जैसे लक्षणों को आमतौर पर नजऱअंदाज़ कर दिया जाता है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि लेकिन ये खतरे के संकेत हो सकते हैं। स्वस्थ मस्तिष्क, कोई विकल्प नहीं बल्कि सामान्य रूप से स्वस्थ जीवन जीने के लिए बेहद ज़रूरी है। कॉर्पोरेट जगत में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बढ़ रही हैं। स्क्रीन का ज़्यादा इस्तेमाल, आराम की कमी और लगातार मानसिक दबाव मस्तिष्क पर बुरा असर डाल रहे हैं। रामकृष्ण केयर अस्पताल के कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. राहुल पाठक ने कहा, अब हम 30 साल से कम उम्र के लोगों में भी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स देख रहे हैं, जिनका कारण अनियमित जीवनशैली और तनाव हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वस्थ मस्तिष्क का मतलब सिर्फ बीमारियों से बचना नहीं है। इसका मतलब है अपने रोज़मर्रा के जीवन में मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहतर महसूस करना। न्यूरोलॉजिस्ट्स मानते हैं कि अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन उपलब्धियां प्राप्त करने वाले लोग कुछ खास आदतें अपनाते हैं जो दिमाग के लिए अच्छी होती हैं।