बिलासपुर
छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 25 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर बहकाने वाले दलालों पर अब शिकंजा कसना शुरू किया गया है। यहां एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा गया है, जो मरीजों को झूठे बहाने बनाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहा था। सिम्स प्रबंधन ने उसे पुलिस के हवाले कर जेल भिजवा दिया।
घटना 22 अक्टूबर की सुबह की है, जब सिम्स के टाइज वार्ड में अभिषेक निर्मलकर नामक व्यक्ति को संदिग्ध स्थिति में मरीजों और परिजनों से बात करते पाया गया। सुरक्षा कर्मियों को उसके व्यवहार पर शक हुआ। पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया कि वह मरीजों को यह कहकर बरगलाने की कोशिश कर रहा था कि यहां डॉक्टर नहीं हैं या बाहर सस्ता इलाज मिलेगा।
सुरक्षा टीम ने अभिषेक को पकड़कर सिम्स चौकी के माध्यम से सिटी कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया।
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति कहा कि संस्थान में मरीजों के हित सर्वोपरि हैं। किसी भी बाहरी व्यक्ति द्वारा मरीजों को गुमराह करने या इलाज में बाधा डालने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सुरक्षा टीम की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में भी ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि सिम्स में रोज़ाना बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं, ऐसे में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को गंभीर अपराध माना जाएगा। इस तरह की हरकत दोहराने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
सुरक्षा सुपरवाइजर लघु शर्मा ने बताया कि अस्पताल के सभी वार्डों में नियमित गश्त की जा रही है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी प्रशासन को दी जाती है। सिम्स प्रशासन ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत सुरक्षा विभाग या प्रशासन को दें, ताकि मरीजों की सुरक्षा और सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।


