बिलासपुर

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 3 सितंबर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा कर्मचारियों की 18 अगस्त से शुरू हुई हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। हड़ताल के 16वें दिन सत्तारूढ़ भाजपा के बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने हड़ताली कर्मचारियों का समर्थन किया और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
हड़ताल में जिला चिकित्सालय, सीआईएमएस चिकित्सालय, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 44 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मानसिक चिकित्सालय, और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के संविदा कर्मचारी शामिल हैं। इनमें चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। इसके चलते ओपीडी, शल्य चिकित्सा, आपातकालीन सेवाएं, टीकाकरण, मलेरिया, टीबी, जन्म-मृत्यु पंजीयन, और महामारी से संबंधित दैनिक रिपोर्टिंग जैसी सेवाएं बाधित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूरी तरह बंद हैं, जिससे मरीजों को सर्दी, खांसी, बुखार, और दस्त जैसी बीमारियों का समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा। मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की मुख्य मांग संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण है। सुशांत शुक्ला ने कोनहेर गार्डन, नेहरू चौक में हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी जायज मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को सरकार के उचित स्तर तक उठाएंगे। हड़ताली कर्मचारियों ने विधायक सुशांत शुक्ला को बताया कि भाजपा के घोषणा पत्र में 100 दिन के भीतर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कमेटी गठन का वादा किया गया था, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने चेतावनी दी कि नियमितीकरण होने तक हड़ताल जारी रहेगी।