बिलासपुर
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने जताई नाराजगी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 17 अगस्त। बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू करने का काम अब भी अधूरा है। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने एक बार फिर काम की धीमी रफ्तार पर कड़ा एतराज जताया है। समिति का कहना है कि डीवीओआर मशीन लगाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम का आना फिलहाल टल गया है, क्योंकि जिस भवन पर यह मशीन लगनी है, वह अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है। यह भवन मई 2025 तक बन जाना चाहिए था।
समिति ने कहा कि नाइट लैंडिंग सुविधा न होने से बिलासपुर एयरपोर्ट पर हवाई सेवाओं का विस्तार रुक गया है। अभी यहां से सिर्फ सरकारी कंपनी एलायंस एयर की उड़ानें संचालित हो रही हैं। निजी एयरलाइंस कंपनियां नाइट लैंडिंग की सुविधा और रनवे पर पर्याप्त रोशनी न होने की वजह से यहां उड़ान शुरू करने से बच रही हैं।
बरसात और सर्दी के दिनों में दृश्यता (विज़िबिलिटी) घटने से स्थिति और खराब हो जाती है। नियम के मुताबिक, निजी एयरलाइंस तभी उड़ान भर या उतार सकती हैं जब 5 किलोमीटर की दूरी से रनवे साफ दिखे। कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता और विमान को डायवर्ट करना पड़ता है। एलायंस एयर को विशेष अनुमति दी गई है कि वह 2.8 किलोमीटर दृश्यता पर भी उड़ान संचालित कर सकती है। इसी कारण उसकी फ्लाइट फिलहाल चल रही है।
समिति का कहना है कि नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू हो जाने से न केवल कम रोशनी में बल्कि रात को भी विमानों का आना-जाना संभव होगा। इससे निजी कंपनियां देर रात बिलासपुर में विमान उतार सकेंगी, रातभर पार्किंग में खड़ा कर सकेंगी और सुबह जल्दी उड़ान शुरू कर सकेंगी। इससे यात्रियों को फायदा होगा कि वे रात को बिलासपुर पहुंचें और अगली सुबह बड़े शहरों के लिए रवाना होकर दिनभर अपना काम निपटाकर शाम को वापस लौट सकें।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि नाइट लैंडिंग सुविधा का काम पिछले दो साल से बेहद धीमी रफ्तार से चल रहा है। इसकी स्वीकृति पूर्ववर्ती सरकार के समय ही मिल गई थी, लेकिन तकनीक चयन और टेंडर प्रक्रिया में वक्त निकल गया। मई 2025 की तय समय सीमा भी बीत चुकी है, फिर भी काम पूरा नहीं हुआ है।
समिति ने मांग की है कि एयरपोर्ट से जुड़े सभी विकास और निर्माण कार्यों की समयबद्ध मॉनिटरिंग की जाए।
इधर, हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का धरना आज भी जारी रहा। इसमें रवि बनर्जी, बद्री यादव, डॉ. प्रदीप रही, राशिद बख्श, समीर अहमद बबला, अनिल गुलहरे, राघवेंद्र सिंह ठाकुर, गोपी राव, अशोक भंडारी, देवेंद्र सिंह ठाकुर, मनोज तिवारी, रमाशंकर बघेल, केशव गोरख, शेख अल्फाज, विजय वर्मा, मोहन जायसवाल, चंद्र प्रकाश जायसवाल, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव सहित कई सदस्य शामिल हुए।


