बिलासपुर
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 12 अगस्त। मंगला नाका चौक से उसलापुर ब्रिज तक सड़क के दोनों ओर लगे गुलमोहर के पेड़ों पर इन दिनों सैकड़ों पक्षियों के घोंसले हैं। इन घोंसलों में ब्लैक क्राउन नाइट हेरॉन, लिटिल एग्रेट और अन्य प्रजातियों के 5-7 चूजों वाले कई घर हैं।
अब चूजों के पंख निकलने लगे हैं, और उड़ने की कोशिश में वे अक्सर घोंसले से फिसलकर सड़क पर गिर जाते हैं। अगर उस वक्त सड़क खाली हो तो उनकी जान बच जाती है, लेकिन कई बार वाहन की चपेट में आकर रोजाना 4-5 चूजों की मौत हो रही है।
आसपास के दुकानदार और राहगीर कई बार इन गिरे हुए चूजों को उठाकर किनारे कर देते हैं, जिसके बाद उनकी मां उन्हें चोंच में दबाकर वापस घोंसले में ले जाती है। वन्यजीव फोटोग्राफर शिरीष दामड़े ने बताया है कि यह स्थिति पिछले एक हफ्ते से लगातार बनी हुई है।
स्थानीय लोगों ने इस बारे में वन विभाग को कई बार जानकारी दी, लेकिन न तो कोई जवाब मिला और न ही कोई कर्मचारी मौके पर पहुंचा। कुछ चूजों को लोगों ने अपनी कोशिश से बचा भी लिया है, लेकिन बाकी कई मासूम हर दिन सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं।


