बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 दिसंबर। हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे पुलिस उप निरीक्षक डी. आर. ठाकुर के घोर नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में स्थानांतरण के आदेश पर रोक लगाते हुए गृह सचिव को स्थानांतरण नीति के तहत याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
नेहरूनगर, बिलासपुर निवासी ठाकुर वर्तमान में पुलिस थाना कुसमुंडा, जिला कोरबा में उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), रायपुर द्वारा उनका स्थानांतरण कोरबा से दंतेवाड़ा किया गया। ठाकुर ने इस आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग के 3 जून 2015 के सर्कुलर के अनुसार, 55 वर्ष की आयु से अधिक के अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुसूचित नक्सल प्रभावित जिलों में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। पुलिस स्थानांतरण नीति (एसओपी क्रमांक 30/2018) के तहत, सेवानिवृत्ति के दो वर्ष पहले उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को यथासंभव उनके गृह जिले में पदस्थ किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की उम्र वर्तमान में 60 वर्ष और 6 माह है। उनकी सेवानिवृत्ति में केवल डेढ़ वर्ष शेष है। यह स्थानांतरण, सरकार का नीति का स्पष्ट उल्लंघन है। एक अत्यधिक संवेदनशील और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तबादला उनके हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वह स्थानांतरण नीति के अनुसार याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का शीघ्र निराकरण करें।


