बेमेतरा

जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन नहीं, मोतियाबिंद के 97 फीसदी ऑपरेशन बाहर करा रहे लोग
26-Jul-2025 3:46 PM
जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन नहीं,  मोतियाबिंद के  97 फीसदी ऑपरेशन बाहर करा रहे लोग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 26 जुलाई। मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए पूरी तरह निजी संस्थाओं के भरोसे हैं। पूरे जिले में मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा केवल जिला अस्पताल में है पर सर्जन पदस्थ नहीं है। ऑपरेशन के लिए मरीज मिलने पर प्रत्येक मंगलवार को रायपुर से डॉक्टर आकर मोतियाबिंद ऑपरेशन करते हैं। गत अप्रैल से जून तक 52 मरीजों की आंखों का मोतियाबिंद ऑपरेशन हुआ है।

हाल ही में प्रदेश के 11 जिले राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मोतियाबिंद मुक्त जिला घोषित किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों को मोतियाबिंद से दृष्टि बाधित मुक्त जिला बनाने के बाद प्रदेश को भी मुक्त घोषित किया जाएगा। पूरे प्रदेश को मोतियाबिंद मुक्त घोषित करने के लिए जारी वर्ष का निर्धारण किया गया है। यानी 2025 तक पूरे राज्य को मोतियाबिंद मुक्त किया जाना है।

बेमेतरा जिला भी मुक्त होने के कगार पर हैं पर नेत्र सर्जन की कमी जिले के लिए रोड़ा साबित हो रही हैं। जिला कार्यालय द्वारा प्रदेश कार्यालय को भेजे गए मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने वाले मरीजों का ब्यौरा का प्रथम चरण का सत्यापन बीते माह जून में किया गया था। तब राज्य में गठित दल डॉ. एनसी लांगे नेत्र रोग विशेषज्ञ और 4 नेत्र सहायक अधिकारी सभी जिला राजनांदगांव द्वारा जिले के चारों ब्लॉक में भ्रमण कर जिले के बैगलॉक 2023-24 में मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने वाले मरीजों का सत्यापन किया गया था। इसके बाद दूसरे चरण का सत्यापन लंबित हैं। मुख्यालय में 5 साल पूर्व ही 30 बिस्तर का नेत्र चिकित्सालय भवन बन चुका हैं। नेत्र रोगियों के उपचार से सम्बंधित सभी तरह के सुविधा भवन में हैं। इस अस्पताल के लिए सेटअप भी स्वीकृति हो चुका है। नेत्र सर्जन की कमी होने की वजह से प्रारंभ नहीं हो पाया है। आज भवन गोदाम की तरह उपयोग किया जा रहा है।

जिले में मरीज एनजीओ के भरोसे

आंख से संबंधित रोग के उपचार व मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए जिले के मरीज पूरी तरह से दीगर जिलों के निजी अस्पताल के भरोसे है। वहीं जिले में सरकारी तौर पर होने वाले मोतियाबिंद ऑपरेशन 97 फीसदी से अधिक ऑपरेशन जिले के बाहर होते हैं। जिले में बीते सत्र मार्च 2025 तक 3412 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन हुआ है। जिसमे बेमेतरा जिला अस्पताल में केवल 104 ऑपरेशन हुआ है। इस रिकॉर्ड से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि लक्ष्य पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को गैर सरकारी संगठन व निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है।

 

  बीते सत्र में 104 तो इस बार हुए 52 ऑपरेशन

मोतियाबिंद होने के बाद आंख की रोशनी खोने से बचाने के लिए प्रति सत्र लक्ष्य तय हुआ हैं। सत्र 2024-25 के दौरान जिले के 3 हजार मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया जाना था। तब जिले में लक्ष्य से बढक़र 3412 मरीजों का ऑपरेशन किया गया था। तब जिला अस्पताल में केवल 104 ऑपरेशन हुए थे। बचे 3308 ऑपरेशन एनजीओ के माध्यम से निजी अस्पताल में किए गए थे। इस सत्र में जून तक 3 हजार लक्ष्य कब विपरीत केवल 661 ऑपरेशन हुए हैं , जिसमे 52 ऑपरेशन जिला अस्पताल में किए गए हैं। जिला के मरीजों को उपचार के लिए दुर्ग व राजनांदगांव जिले में एक-एक अस्पताल व रायपुर के तीन अस्पतालों से अनुबंध किया गया है। गांव-गांव में शिविर लगाकर मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान कर वाहन के माध्यम से ऑपरेशन के लिए लेकर जाते हैं। मरीजों के ऑपरेशन हो जाने के बाद उनको घर तक वापस पहुँचाया जाता हैं।

अभी भी मिल रहे हैं मोतियाबिंद के मरीज

नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण डॉ. बीएल राज ने बताया कि जिले में अभी भी मोतियाबिंद के मरीज मिल रहे हैं , इसलिए मुक्त घोषित नहीं हुआ है। स्थिति में सुधार के लिए सर्जन की नियुक्ति के लिए प्रयास किया जाएगा। वहीं सुविधा एवं संसाधन में भी सुधार लाया जाएगा।

ऑपरेशन की स्थिति

2024-25   2025-26

लक्ष्य   लक्ष्य

 3000      3000

ऑपरेशन हुए    ऑपरेशन हुए

3412                 661

जिला अस्पताल में   जिला अस्पताल में

ऑपरेशन की संख्या   ऑपरेशन हुआ 10200           52


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