बेमेतरा

कृषि औजारों की पूजा, गेड़ी चढक़र मनाई हरेली
24-Jul-2025 8:28 PM
 कृषि औजारों की पूजा, गेड़ी चढक़र मनाई हरेली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 24 जुलाई। छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रथम त्यौहार हरेली का पर्व प्राथमिक शाला अकोला में धूमधाम के साथ मनाया। छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण हरे रंग की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। प्रधान पाठिका हिम कल्याणी सिन्हा ने कहा कि हरेली हमारे छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार है, जो कृषि, पर्यावरण, परंपरा और समृद्धि का प्रतीक है।

किसानों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पारंपरिक कृषि औजारों जैसे नागर, कुदाली, रापा, हसिया, टंगिया आदि की पूजा की गई। बच्चों ने भी गेड़ी चढक़र छत्तीसगढ़ी पारंपरा का जीवंत प्रदर्शन किया। शिक्षिका हेमलता ठाकुर ने बच्चों को नीम वृक्ष के औषधीय गुणों की जानकारी दी।

 इस अवसर पर बच्चों ने तुलसी, नीम, नींबू सहित कई उपयोगी पौधों का रोपण कर हरियाली को बढ़ावा दिया। बच्चों ने छत्तीसगढ़ी हरेली गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। अंत में सभी बच्चों को जलेबी वितरित कर पारंपरिक मिठास के साथ पर्व को पूर्णता प्रदान की गई।

बाल संसद का गठन

इस अवसर पर विद्यालय में बाल संसद का गठन भी किया गया, जिसमें बच्चों को विभिन्न जिमेदारियों का दायित्व सौंपा गया। बच्चों ने गुलाल लगाकर नवगठित बाल संसद के पदाधिकारियों का स्वागत किया और नेतृत्व, जिमेदारी और अनुशासन के साथ कार्य करने का संकल्प लिया। हरेली पर्व के माध्यम से शासकीय प्राथमिक शाला अकोला ने न सिर्फ संस्कृति और परंपरा को जीवंत किया, बल्कि पर्यावरण चेतना और बाल नेतृत्व विकास की मिसाल भी प्रस्तुत की।


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