बेमेतरा

दिवाली से पहले वेतन जारी करने की मांग
बेमेतरा, 21 अक्टूबर। धान बेचने के बाद कमीशन नहीं मिलने की वजह से बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ सहकारी समितियों के सैकड़ों कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन नहीं मिलने की वजह से कर्मचारी आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। जिले की सहकारी समितियों में 4 से 8 माह का वेतन जारी नहीं किया गया है।
वेतन जारी नहीं होने के सवाल पर अफसर दिवाली से पहले वेतन जारी होने का भरोसा दिला रहे हैं। जिले के चारों विकासखंड के 17 सहकारी बैकों के मताहत 102 सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा है। इन समितियों में 5 से लेकर 8 कर्मचारी अलग-अलग वेतन पर काम कर रहे हैं, जिसमें समिति प्रंबंधक, उपसमिति प्रबंधक, लिपिक, ऑपरेटर व देैनिक वेतनभोगी कर्मचारी शामिल हैं।
जिले की समितियों को प्रत्येक माह औसतन एक लाख से अधिक का व्यय कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करना पड़ रहा है। इसके अलावा भी अन्य व्यय का भार समितियों पर है। वेतन देने व अन्य खर्चों के लिए 102 समितियां पूरी तरह से धानखरीदी के दौरान दिए जाने वाले कमीशन पर निर्भर हैं। जिले में धान खरीदी बंद हुए महीनों बीत चुके हैं, जिसके बाद समितियों द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया मोटा धान सरना व पतला धान केंद्र द्वारा मिलर व संग्रहण केंद्र को जारी किए गए धान का मिलान कर लिया गया है। इसके बाद भी वेतन जारी नहीं हुआ है।
खाद, बीज व कमीशन पर टिका समितियों का संचालन
सूत्रों के अनुसार जिला सहकारीे केन्द्रीय बैक मर्यादित दुर्ग के मताहत जिला में बेमेतरा, जेवरा, बालसमुंद्र, नवागढ़, नांदघाट, दाढ़ी, मारो, संबलपुर, बेरला, साजा, देवकर, परपोड़ी, थानखहरिया, ठेलका, भिभौरी, देवरबीजा, खंडसरा, केहका व खर्रा शाखा के तहत 102 सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा है। समितियों के पास आय के तौर पर किसानों को दिए जाने वाले खाद व बीज बिक्री से प्राप्त आय व धान खरीदी के एवज में प्राप्त होने वाला कमीशन ही आय का स्त्रोत है। कमीशन मिलने में होने वाले लेटलतीफी का असर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता है। कमीशन जारी नहीं होने की वजह से समितियां अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है।
दीपावली पर संकट, कर्ज लेकर काम चलानेे की मजबूरी
वेतन नहीं मिलने से सहकारी समितियों के कर्मचारी आर्थिक संकट की स्थिति का सामना कर रहे हैं। आने वाले सप्ताह भर के दौरान कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं होने की स्थिति में त्यौहार मनाना मुश्किल होगा। इस बात को कर्मचारी दबे जबान से स्वीकारने लगे हैं। सूत्रो के अनुसार समिति एक तरफ किसानों को रबी फसल सीजन के लिए कर्ज दे रही है। वहीं दूसरी तरफ वेतन के लाले पडऩे के कारण कर्मचारी बाजार से मजबूरी में कर्ज लेकर घर चला रहे हैं। जिले के कई कर्मचारियों को 8 माह का भी वेतन नहीं मिला है।
32 रुपए समितियों को कमीशन पर मिलते हैं
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान धान खरीदी केन्द्रों को दिया जाने वाला कमीशन प्रत्येक लाख क्विंटल के आधार पर निर्धारित किया गया है, जिसमें सरना व मोटा धान के लिए 31.25 रुपए और पतला धान के लिए 32 रुपया कमीशन दिया जाना है। बीते सत्र के दौरान 102 धानखरीदी केन्द्रों में 270986.28 टन मोटा धान, 41943.28 टन पतला धान व 621757 टन सरना धान समेेत 934686.68 टन धान खरीदा गया था। लगभग 93 लाख 46 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदा गया, जिसके लिए कमीशन के तौर पर समितियों को 93 करोड़ से अधिक राशि दी जानी है। मिलान करने का कार्य मार्कफेड अधिकारी कार्यालय द्वारा 10 दिन पूर्व किया जा चुका है।
बोनस की बात तो दूर, वेतन मिल जाए तो बहुत
कर्मचारी हित से जुड़े कार्यरत मानते हैं कि आम तौर पर दीपावली के पूर्व निजी व सरकारी संस्थान दीपावली का बोनस जारी करते हैं पर सहकारी समितियों के कर्मचारियों को बोनस न सही मूल वेतन का इंतजार है।
विभाग उदासीन -मिश्रा
सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने बताया कि कई समितियों में कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नहीं मिला है। त्योहारी सीजन आ रहा है। छोटे-छोटे गरीब कर्मचारियों से काम तो भरपूर कराया जा रहा है परंतु उन्हें वेतन के लाले पड़े हैं। विभाग इस दिशा में उदासीन है।
दीपावाली से पहले राशि जारी की जाएगी - वारे
जिला नोडल अधिकारी आरके वारे ने बताया कि जिले की समितियों के कर्मचारियों को कुछ माह का मानदेय नहीं मिला है, जिसे जारी किया जाएगा। दीपावली से पहले सभी के खाते में कम से कम दो माह का वेतन जारी किया जाएगा।