बेमेतरा
सिरवाबांधा में सडक़ एक किनारा 12 मीटर तक बहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 अगस्त। सावन की झड़ी ने सडक़ों की पोल खोल दी है। जिले के अंदर लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत बनाई गई सडक़ों की परतें बारिश में उखड़ गई हैं। जिला मूख्यालय से ग्राम सिरवबांधा, रजकुड़ी व साजा ब्लॉक के कांपा से ठेकापुर में पुल व पैबंद क्षतिग्रस्त हो गया। जिले में सडक़ों की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग भी उठने लगी है।
जिले में सडक़ों का जाल बिछाने के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को बारिश के दिनों में बेहतर आवागमन की सुविधा देने के लिए बनाई गई सडक़ों ने बारिश में लोगों के लिए परेशानी उत्पन्न कर दी। सडक़ों पर रात में चलना खतरों से कम नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार प्रभावितों ने सडक़ों पर रात में चलना बंद कर दिया है।
बताना होगा कि बारिश या बाढ़ आने के बाद लैंड स्लाइड होने या फिर सडक़ का हिस्सा बारिश में बह जाने के बाद सडक़ों की स्थिति देखने के लिए विभाग के जिम्मेदार मौके पर पहुंचते हैं, ताकि सडक़ों का संधारण किया जा सके। जिला मुख्यालय के ग्राम रजकुड़ी व ग्राम सिरवाबांधा जाने वाली दो अलग-अलग सडक़ों की स्थिति को देखने के लिए जिम्मेदारों की टीम मौके पर सात दिन बाद भी नहीं पहुंची।
ग्राम सिरवाबांधा के सूबेचंद ने बताया कि बेमेतरा पहुंचने से पूर्व पुलिया के ऊपर जल स्तर बढ़ जाने के बाद सडक़ का साइड शोल्डर करीब 12 मीटर बह गया है, जिससे आज तक दुरुस्त नहीं कराया गया। सात दिनों से लोगों ने प्रभावित सडक़ों पर आना-जाना छोड़ दिया है। रात में आने-जाने में भारी दिक्कतें होती हैं। इसी तरह ग्राम रजकुड़ी में भी सडक़ क्षतिग्रस्त होने के बाद आज तक दुरूस्त नहीं किया गया है। साजा ब्लॉक के ग्राम बगलेड़ी के लिए बनी नई सडक़ भी बारिश में बह गई।
सिरवाबांधा रोड 2 करोड़ 60 लाख की लागत से 18 माह पहले बना
जिला मुयालय से ग्राम सिरवाबांधा तक 5.61 किलोमीटर लंबाई की सडक़ का निर्माण 28 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ किया गया था। सडक़ निर्माण करीब साल भर बाद में पूर्ण किया गया। 18 माह पूर्व बनी इस सडक़ में करीब 30 स्थानों पर पेंचवर्क किया गया। निर्माण के दौरान ही सडक़ की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे कि बची-खुची कसर बारिश ने पूरी कर दी और सडक़ अब करीब सात स्थानों पर जमीन छोड़ चुकी है।
इसी तरह की हालत जिला मुयालय से ग्राम रजकुड़ी जाने वाले मार्ग की है। गांव के करीब ही सडक़ बह गई है। बीते बारिश के दौरान पुल का टेल एरिया बह गया था। इस बार सडक़ बह गई। इस सडक़ का निर्माण भी 2023 के दौरान किया गया था।
6 माह पहले बनी सडक़ बह गई, चलना दूभर
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत साजा ब्लॉक के ग्राम बगलेड़ी से केसतरा तक 2.10 किलोमीटर सडक़ का निर्माण 2 करोड़ 10 लाख की लागत से हुआ। करोड़ों के फंड से बनी सडक़ पहली बारिश की मार नहीं झेल पाई। पुल में जाने से पूर्व सडक़ का एक बड़ा हिस्सा बारिश में बह गया। राहगीर प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जो सडक़ पहली बारिश में बह गई। इससे आने वाले दिनों में यह सडक़ कब तक ठीक हो पाएगी, ये अपने आप में सवाल है।
गातापार से ढेकापुर पुल का एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त, जांच करने की मांग
ठेलका प्रतिनिधि के अनुसार करीब 8 माह पूर्व ग्राम गातापार से ठेकापुर तक सडक़ का निर्माण एक करोड़ से अधिक के फंड से किया गया। बीते दिनों हुई बारिश के बाद पुल का एप्रोच रोड बह गया, जिसकी वजह से पुल के एक छोर में सडक़ अंदर से खोखली हो चुकी है।
तोसू वर्मा, रमेश वर्मा, रमाकांत वर्मा, भूपेन्द्र सिन्हा, रामसहाय, पीलू राम समेत अन्य लोगो ने क्षतिग्रस्त पुल के हिस्से व सडक़ का संधारण नहीं होने की स्थिति में हादसा होने का अंदेशा जाहिर करते हुए संधारण कराने व निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना ईई संतोष कुमार साहू ने कहा कि सडक़ निर्माण के बाद संधारण की जिम्मेदारी ठेकेदारों की है, जिन्हें निर्देश देकर संधारित कराया जाएगा। दोनों सडक़ों की स्थिति की जानकारी ली जा रही है।


