बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 अगस्त। जिले के किसान रबी फसल सीजन के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के बावजूद नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिलने से परेशान हैं। जिले के नवागढ़, दाढी, बेरला व बेमेतरा तहसील के सैकड़ों किसानों ने सोमवार को जिला कार्यालय पहुंचकर बीमा क्षतिपूर्ति जारी करने में की जा रही गड़बडिय़ों की शिकायत की। बता दें कि सोमवार को जिला कार्यालय पहुंचे किसानों ने जनचौपाल में अधिकारियों को फसल बीमा की क्षतिपूर्ति नहीं मिलने पर शिकायतों का पुलिंदा सौंपा।
नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम गाड़ामोर के किसानों ने अधिकारी को फसल बीमा से जुड़े सैकड़ों दस्तावेज सौंपे। किसानों ने फसल बीमा कपंनी के तत्कालीन कार्यरतों पर गड़बड़ी करने का खुला आरोप लगाया। किसान मानदास टंडन, अमरनाथ यादव, दिनेश, रामफल ने बताया कि सत्र 2022 -23 के दौरान रबी की फ सल मौसम की वजह से खराब हो गई। सभी किसानों ने फसल बीमा कराया था पर उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं मिली।
उन्होंने बताया कि जब फसल काटने के दौरान कृषि विभाग व बीमा कंपनी के कर्मचारी खेत पहुंचे, तब दल ने किसानों को फसल अभी हरा है और उसमें बीज भी नहीं है। इसे काटकर कैसे बताएं कहकर चने की बजाय पॉलीथिन में मिट्टी लेकर चले गए। नुकसान होने के बाद भी उन्हें क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिली। जबकि आसपास के गांव के किसानों को राशि जारी की जा चुकी है। किसानों ने धांधली की आशंका जाहिर करते हुए जांच कराने की मांग की है।
ग्राम कुम्ही के 133 किसान परेशान
बेरला तहसील के ग्राम कुम्ही में 133 किसानों ने रबी फसल का बीमा कराया था, जिसके बाद बेमौसम बारिश एवं अन्य प्राकृतिक कारणों से चना, गेंहू एवं अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ। नुकसान का सर्वे गांव के जनप्रतिनिधियों, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, कोटवार एवं गांव के सभी किसानों की उपस्थिति में 1 से 5 अप्रैल तक किया गया और वास्तविक नुकसान पाते हुए पंचनामा भी तैयार किया गया। सभी कवायद करने के बाद भी क्षतिपूर्ति की राशि किसानों को नहीं मिली। जिला कार्यालय में संरपच मनीष टंडन, रोशनलाल वर्मा, फलकुमार पात्रे, कुंवरसिंह साहू, शिवदयाल निर्मलकर, मनहरन टंडन, रमेश वर्मा, कृष्णादास भारती, लेखराम वर्मा, सेऊकदास दिवाकर, दुलरवा साहू, संतनदास पात्रे, राजेश्वर डहरिया आदि ने शिकायत की।
नांदघाट व दाढ़ी तहसील के किसानों ने भी की शिकायत
नांदघाट तहसील के ग्राम कुरा के किसान चोवाराम कुर्रे, पूनेदास, घनश्याम धृतलहरे व मंतराम समेत कई किसानों ने जनचौपाल में आवेदन सौंपकर कलक्टर से शिकायत की कि उन्हें रबी फसल के दैारान फ सल बीमा कराने के बाद भी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिली है। दाढ़ी तहसील के ग्राम हेमाबंद के संरपंच प्रमोद कुमार मारकन्डे, प्रमोद कुमार, गजेन्द्र कुमार, रविदास, कलाराम, अशोक, राजकुमार व आगर समेत अन्य किसानों ने ग्राम सुरकी के किसानों को रबी फसल की क्षतिपूर्ति नहीं मिलने की शिकायत की। खंडसरा के पुरानिक साहू, केशव राम, बलाराम व अन्य किसानों ने क्षतिपूर्ति नहीं मिलने की बात कही।
बारगांव के किसानों को केवल 700 की दर से मिली क्षतिपूर्ति
बेरला तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बारगांव के किसान ओझमणी देवांगन, कमलेश साहू, दीपक कुमार, बबलू साहू ने शिकायत की कि रबी फसल सीजन के दौरान क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को केवल 700 रूपए प्रति एकड़ की दर से राशि दी गई है। जबकि अन्य गांव के किसानों को 8000 से 10000 रुपए की की दर से राशि दी गई है। जबकि उनके गांव के किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
15 दिनों बाद स्पष्ट हो पाएगा - जितेन्द्र ठाकुर
कृषि विभाग के सीनियर ऑफिसर जितेन्द्र ठाकुर ने बताया कि जिले के चारों ब्लॉक से फसल नुकसान के लिए आवेदन करने वाले किसानों को बीामा कंपनी की ओर से 65 लाख 52 हजार की राशि डीबीटी की गई है। रकम मिलने या नहीं मिलने का पूरा ब्यौरा 15 दिन बाद ही साफ हो सकेगा।
भुगतान की वास्तविक जानकारी 15 दिनों बाद
कृषि विभाग उपसंचालक मोरध्वज डड़सेना ने बताया जिले को 65 करोड़ 52 लाख से अधिक का क्षतिपूर्ति राशि किसानों के खाते में भारत सरकार द्वारा डीपीटी कर रहे हैं। भुगतान की वास्तविक स्थिति की जानकारी 15 दिनों बाद ही हो सकेगी।


