बेमेतरा
पहले सांप पकडऩे से डर लगता था, अब सर्प मित्र के जैसा लगता है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 अगस्त। ग्राम जीया के पुनीत वर्मा व उसके साथी 20 साल से जहरीले सांपों को बचाकर सुरक्षित स्थल पर छोडक़र रक्षा करने का काम कर रहे हैं। ग्राम जीया के 53 साल के पुनित वर्मा द्वारा सांपों को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों को देखते हुए गांव में 35 से अधिक व्यक्ति उनके रास्ते पर चलते हुए सांप बचाने व सुरक्षित छोडऩे का काम करने लगे हैं। सभी निस्वार्थ सेवा दे रहे हैं। हजारों की संख्या में घर, दुकान व अन्य स्थानों में देखे गए सांपों को वे अब तक पकड़ चुके हैं।
जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर ग्राम जीया में पुनीत वर्मा, सरजू पाल, रज्जू पाल, लाल वर्मा, जितेन्द्र वर्मा व नंदलाल समेत गांव के 35 से अधिक व्यक्ति सर्प को लोगों से बचाने का काम कर रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा आसपास के गांव के किसी घर दुकान या अन्य स्थानों पर सांप निकलने या दिखने की जानकारी मिलने व बुलावे पर वो मौके पर पहुंचकर जहरीले से जहरीले सांपों को पकड़ते हैं। पकडऩे के बाद दूर जाकर या जंगल जाकर छोड़ देते हैं।
पुनित वर्मा ने बताया कि उसे ग्राम दुलदुला के संत साहू ने उसे सांप से डरने, बचने व पकडऩा सिखाया। इसके बाद कुछ समय तक सांप पकडऩे के दौरान डर लगता था पर धीरे-धीरे साांप मित्र की तरह लगने लगा। लोगों से कहा कि सांपंों को बचाना व बचना दोनों जरूरी है। सांप दिखाई दे तो उसे परेशान न करें। जानकारो को बुलाएं। खुद पकडऩे का प्रयास न करें। 20 साल के दौरान जहरीले से जहरीले सापों को पकड़ चुके हैं। अब वो अपने दोनों बेटे अजय व मोरध्वज को भी तरीका सिखा कर उन्हें भी सांपों को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि ग्राम जीया के सर्प मित्र अपने गांव के आलावा जेवरा, बसनी, मटका, चोरभटठी, निनवा, हथमुड़ी व अन्य गांव में जाकर भी सांप पकड़ते है। पुनित वर्मा ने कहा कि लोग सांप को देखते ही डर जाते हैं। मारने लगते हैं पर ऐसा नहीं करना चाहिए।


