बेमेतरा
1907 में प्राथमिक शाला के तौर पर नए भवन में शुरू हुई अभ्यास शाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 अगस्त। अंग्रेजों के शासनकाल में प्रारंभ किए गए सरकारी स्कूल आज भी संचालित हो रहे हैं। जिले के बेमेतरा, जेवरा, दाढी व बैजलपुर में संचालित इन स्कूलों में आज भी 19 वीं सदी के प्रथम 30 वर्ष के स्कूल का रिकॉर्ड उपलब्ध है। स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों में देशभक्ति का जज्बा का बीज बोने वाले इन शिक्षा केन्द्रों में केवल बेेमेतरा बेसिक स्कूल की पहचान अंग्रेज शासन काल के समय से होने के तौर पर मान पटल पर बसा हुआ है। इस स्कूल के अलावा दीगर स्कूलों की पहचान दिलाये जाने की दरकार है, जो अपना अस्तित्व धीरे-धीरे खोते जा रहे हैं। जानकारी हो कि बेमेतरा ब्लॉक में 1907 से शिक्षा के माध्यम से आजादी की अलख जगाई जा रही थी। 1907 के दौरान बेमेतरा तहसील मुख्यालय के तौर पर पहचान मिलने के बाद इसी सत्र से प्राथमिक स्कूल के तौर पर अभ्यास शाला नये भवन में अस्तित्व मेें आया था। इसके बाद ब्लॉक में खाम्ही, दाढ़ी, बैजलपुर, जेवरा व अन्य गांव में भी स्कूल प्रारंभ कर प्राथमिक शिक्षा का विस्तार किया गया। जानकार बताते हैं कि इन स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों में शिक्षकों ने आजादी की लड़ाई के लिए बीज बोए थे। बच्चों की मन:स्थिति को देश के लिए तैयार किया गया था। स्कूलो में पढऩे वाले बच्चे अपने -अपने क्षेत्र से आजादी के समर में उतरे थे। बेमेतरा, दाढी, बैजलपुर, खाम्ही, अंधियारखेार सहित अनेक गांव के सेनानियों का नाम आज भी रिकॉर्ड में दर्ज है, जिसको सामने लाने के पीछे स्कूलों में दी गई देशभक्ति की प्रेरणा का बड़ा हाथ रहा है।
बैजलपुर स्कूल, जहां से 5 सेनानी शामिल हुए थे
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम बैजलपुर में 1935 से 1937 के दौंरान इस गांव के पांच युवा थनवार पिता धनिया, मुकुतराम पिता नारायण, बुधराम पिता दिना, कलीराम पिता सदाशिव व पदुम पचकौड समर शामिल हुए थे। सभी बैजलपुर के स्कूल के ही विद्यार्थी थे। संरपंच छोटू लाल साहू ने बताया कि यहां से अंग्रेज के समय का स्कूल संचालित हो रहा है। पुराना भवन, जो अभी आगंनबाडी के पास था पर अब नये भवन में स्कूल संचालित हो रहा है। 47 स्कूल संचालित हो रहे थे पर आज अस्तित्व तलाशने की जरूरत
जानकारी के अनुसार 1907 से लेकर 1947 तक बेमेतरा तहसील में 49 प्राथमिक स्कूल संचालित किये जा रहे थे। 47 स्कूलों से 20 स्कूल 1940 के पूर्व के थे पर इन 47 स्कूलों का रिकॉर्ड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बेमेतरा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की बजाय दुर्ग कार्यालय में ही दबा हुआ है। इन 47 स्कूलों का अस्तित्व सामने लाने के लिए इतिहास के पन्ने पलटने की आवश्यकता है।
बेसिक स्कूल में 1906-07 में कक्षा लगाई गई
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में 1862 के दौरान स्कूली शिक्षा के लिए ब्रिटिश शासन काल में रायपुर में लोक शिक्षण संचालनालय प्रांरभ किया था। बेमेतरा पंचायत दुर्ग तहसील का हिस्सा हुआ करता था। तब कुर्मी पारा में दाऊ धिरावल वर्मा के मकान में स्कूल प्रारंभ किया गया। 1862 से 1906-07 तक संचालित होने के बाद 1907 में अभ्यास शाला प्रारंभ किया गया, जो आज भी संचालित हो रहा है। जिले में शताब्दी स्कूल का तमगा भी इस स्कूल को मिला है। को-एजुकेशन के तहत यहां पर बालक-बालिका दोनों पढ़ते थे। तब अंग्रेज के बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ के निकले थे, जिसका रिकॉर्ड स्कूल में मौजूद है।
अतीत सामने लाने का प्रयास करना चाहिए
प्रबुद्ध इतिहासकार डॉ. बसुबन्धु दीवान ने बताया कि आजादी की लड़ाई में बेमेतरा तहसील के स्कूलों में पढने वाले बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिले के इन गाौरवाशाली स्कूलों की जानकारी जुटाये जाने की जरूरत है। अतीत सामने लाने के लिए सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए।


