बेमेतरा

किसानों की जमीन बंजर हो जाएगी, गांव में उद्योग नहीं लगने देंगे-ग्रामीण
06-Aug-2023 3:55 PM
किसानों की जमीन बंजर हो जाएगी,  गांव में उद्योग नहीं लगने देंगे-ग्रामीण

एसडीएम ने ग्रामीणों को चौपाल लगाकर समझाने की कोशिश की, पर वे नहीं माने 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,  6 अगस्त।
नवागढ़ विधानसभा के ग्राम झिरिया में प्रस्तावित उद्योग के लिए होने वाली जनसुनवाई के पूर्व शनिवार को ग्रामीणों ने एसडीएम बेमेतरा सुरुचि सिंह को कहा कि वे किसी सूरत में गांव में उद्योग नहीं लगने देंगे। उनकी आवाज दबाने के लिए यदि बल का सहारा लिया गया तो तीन महीने बाद उन्हें बटन दबाने का मौका मिलेगा। 

ज्ञात हो कि एसडीएम सुरुचि सिंह ने चौपाल लगाकर ग्रामीणों को उद्योग के लाभ गिनाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि उद्योग से स्थानीय लोगों रोजगार मिलेगा, वहीं गांव के किसान इस बात से नाराज हैं कि गांव की जमीन को तबाह करने की योजना में अधिकारी उद्योगपतियों की आवाज में सुर मिला रहे हैं।

विकास नहीं विनाश होगा 
झिरिया निवासी महात्यागी विनोद तिवारी ने कहा कि झिरिया बीटकुली सहित आसपास कोई आयरन उद्योग नहीं लगने दिया जाएगा। टीसी पाल, गयाराम व रमन पाल ने कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है। किसानों की जमीन बंजर हो जाएगी। उद्योग के आसपास की जमीनें कौड़ी के मोल हो जाएंगे। लोगों को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ेगा। घरों में काले धुएं बैठ जाएंगे। जल संकट का सामना करना पड़ेगा। नदी, तालाब और मवेशी सब इससे प्रभावित होंगे। यह क्षेत्र के लिए विकास नहीं विनाश साबित होगा।

दाऊ लोग तो शहर में बस जाएंगे -विनोद 
विनोद तिवारी ने कहा कि अधिकारी गांव का सामंजस्य बिगाडऩा चाहते हैं। दाऊ लोग तो शहर में बस जाएंगे लेकिन गरीब गुजारा कैसे करेंगे। दाऊ मशीन से खेती कर लेगा। दूर में फार्म हाउस बना लेगा। बेचारा गरीब किसान कहा जाएगा। जिले के नवागढ़ विधानसभा में झिरिया में मछली पालन उद्योग, मुलमुला में पोल्ट्री फार्म में कितने लोगों को रोजगार मिला कितने लोग इससे प्रभावित हैं। सरकार इसे सार्वजनिक करे।

समाज के साथ यह बड़ी साजिश -देवादास
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष देवादास चतुर्वेदी ने कहा कि झिरिया में उद्योग एवं सुनवाई दोनों किसान व क्षेत्र के साथ साजिश है। 11 अगस्त को सतनामी समाज राज्य की पहली महिला सांसद मिनिमाता की पुण्य तिथि मनाता है। इसी दिन सुनवाई सतनामी समाज के साथ साजिश है। झिरिया के आसपास एक दर्जन ग्रामों में किसान फसल चट करने वाले आवारा पशुओं से परेशान हैं। उनकी फसल सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। इधर उद्योगपति को राहत देने टूट पड़े हैं। चतुर्वेदी ने कहा की क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग क्यों नही लगाया जा रहा है।

हम किसानों के साथ -निर्वाणी 
जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने कहा कि झिरिया में किसानों का हित सर्वोपरि है। उद्योग का विरोध जायज है। राजनीति से ऊपर क्षेत्र की जनता है। इस क्षेत्र के लोग दो अभिशाप भुगत रहे हैं। मछली पालन व पोल्ट्री फार्म का व तीसरे के लिए हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
 


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