बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 23 मई। संयुक्त जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में जिला पुनर्वास समिति की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर कुणाल दुदावत ने की। बैठक में लोन वरा टू अभियान के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने हेतु कई अहम निर्णय लिए गए।
आत्मसमर्पण के दिन लायेम दस्तावेज
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करता है, उसे उसी दिन आधार कार्ड, राशन कार्ड, बस पास, मनरेगा जॉब कार्ड तथा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। इससे उन्हें त्वरित रूप से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और समाज में पुन: स्थापित होने में मदद मिलेगी।
प्रोत्साहन राशि और ईनाम की स्वीकृति
बैठक में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। साथ ही, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा घोषित पद के अनुरूप ईनाम राशि प्रदान करने के संबंध में भी विस्तार से चर्चा हुई। यह निर्णय आत्मसमर्पण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नक्सली घटनाओं में मृतकों के परिजनों को राहत
बैठक में नक्सली घटनाओं में मारे गए नागरिकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा उनके एक परिजन को शासकीय सेवा में नियुक्ति देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई और अनुमोदन दिया गया। यह निर्णय पीडि़त परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करेगा।
चिकित्सकीय व्यय की स्वीकृति
आत्मसमर्पित नक्सलियों के रिवर्स वैसक्टमी ऑपरेशन एवं अन्य शल्य चिकित्सा पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति करने के प्रस्ताव को भी बैठक में सहमति दी गई। यह सुविधा उनके सामाजिक पुनर्वास को और सशक्त करेगी। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक गौरव राय, जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा और अपर कलेक्टर राजेश पात्रे प्रमुख रूप से मौजूद थे।