बस्तर
ओखली बनाकर जीवनयापन
11-Apr-2025 10:12 PM

तस्वीर / ‘छत्तीसगढ़’ / विमल मिंज
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 अप्रैल। जगदलपुर के संजय मार्केट, हाता ग्राउंड के पास तेलंगाना से आए 80 वर्षीय रमेश और उनकी पत्नी अनीता के साथ काले पत्थर को छेनी-हथौड़ी से काटकर, ओखली और मूसल का आकार देते हैं। जिसका दाम 800 और 600 रूपये है। उनके साथ उनका नाती भी है। रमेश ने बताया वे पिछले कुछ दिनों से जगदलपुर में अपने साथ तेलंगाना के माचेरला से काले पत्थर के छोटे-छोटे गुटके के टुकड़े लाए हैं, और उससे ओखली बनाकर, सडक़ किनारे फुटपाथ पर बेचने के लिए रखा है। जगदलपुर में पड़ रही गर्मी में सुबह इसे बनाते हैं, इससे उनकी आमदनी हो रही है। खेती के समय आने पर वे अपने गांव वापस चले जाएंगे। आमतौर पर ओखली का उपयोग मसालों और कई प्रकार के चटनी पीसने के काम आता है।
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