बलौदा बाजार
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सौर ऊर्जा चलित पंप से टंकी में पानी भी नहीं भर पा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 मई। जिला मुख्यालय से महज 9 किलोमीटर दूर एवं ग्राम पंचायत झोंका के आश्रित आदिवासी बाहुल्य ग्राम केशडबरी के निवासी भीषण गर्मी के दौरान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यहां नल जल योजना के तहत और सौर ऊर्जा संचालित पंप से पानी टंकी में पानी भी नहीं भर पा रहा है, वहीं ग्राम में स्थित शासकीय बोर में लगे पंप के खराब हो जाने के चलते ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर ग्राम मोहतरा के खार में स्थित निजी बोर से पानी लाना पड़ रहा है। जबकि साधन विहीन गरीब परिवार गांव के निस्तारित तालाब के पानी का उपयोग पेयजल के रूप में करने मजबूर हैं।
इस गंभीर समस्या की ओर ग्राम पंचायत के प्रमुख प्रतिनिधि आंखें मूंदे बैठे हैं उनके द्वारा इसकी जानकारी भी संबंधित विभाग को नहीं दिया जाना इन जनप्रतिनिधियों के गैर जिम्मेदारी रवैया को प्रदर्शन करता है।
विदित हो कि बलौदाबाजार वाया करही बाजार बिलासपुर मार्ग पर पूर्व दिशा में ग्राम केशडबरी मुख्य मार्ग से 2 किलोमीटर दूर अंदर स्थित है यहां मुख्यत: आदिवासी बाहुल्य ग्राम है। जहां 40-50 घरों में करीब 250 आदिवासी वर्षों से निवासरत हैं। यह परिवार कृषि अथवा आसपास के ग्रामों में मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं, सिंचाई का पर्याप्त साधन नहीं होने के चलते कृषि का भी कार्य वर्षाजल के भरोसे ही संचालित होता है। ऐसे ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान इस ग्राम को ग्राम पंचायत के अधीन कर दिया गया और चुनाव में ग्राम झोंका निवासी व्यक्ति सरपंच के पद पर काबिज हुए वर्षों से पिछड़े इस ग्राम की किस्मत इसके बावजूद नहीं बदली।
यहां प्रत्येक वर्ष ग्रामीणों को ग्रीष्म काल में भीषण जल संकट से जूझना पड़ता है, किंतु इस बार स्थिति और अधिक विकराल है। यहां सार्वजनिक नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने के उद्देश्य से प्राथमिक स्कूल परिसर में 2000 लीटर की दो मिनी टंकी लगाई गई है।
सोलर पंप के माध्यम से टंकी में पानी भरा जाता है, परंतु टंकी के अधिक ऊंचाई पर लगे होने वर्तमान में भूजल स्तर गिरने पानी आपूर्ति करने वाली पाइप लाइन के फूट जाने की वजह से टंकी की पानी चल नहीं पा रहा है। इसके चलते सार्वजनिक स्थानों व घरों में लगाए गए नल कनेक्शन भी सूखे पड़े हुए हैं।
पेयजल समस्या की कोई भी सूचना नहीं मिली-एसडीओ
मामले के संबंध में सरपंच भागवत बंदे के नंबर पर कॉल एवं व्हाट्सएप मैसेज किया गया, वहीं कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलौदा बाजार मनोज ठाकुर को भी कॉल किया गया, परंतु दोनों ने ही जवाब नहीं दिया, वही पीएचई विभाग के एसडीओ आर के ध्रुव को अवगत कराने पर उन्होंने कहा कि संबंधित ग्राम पंचायत से उन्हें ग्राम में व्याप्त पेयजल की समस्या का कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। क्योंकि जानकारी मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है, एक दो दिवस में ग्राम में विभाग के कर्मचारी भेजकर बिगड़े हुए पंप को दुरुस्त किया जाएगा।
सरपंच व पंचायत प्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे
देवरी के आदिवासी परिवारों ने बताया कि वर्तमान में निस्तारित का प्रमुख साधन गांव के प्रारंभ में ही स्थित एक निजी तालाब है। इस तालाब के आसपास दो-तीन शासकीय बोर लगे हुए हैं, परंतु बोर में लगे पंप जल जाने की वजह से इन से पानी नहीं निकल रहा वहीं एक दो हैंडपंप जो टूट-फूट गए हैं यदि एकाध हैंडपंप चल भी रहा है तो भूजल स्तर गिर जाने की वजह से उसमें पानी नहीं निकल रहा है। वहीं निवासरत साधनहीन आदिवासियों परिवार मजबूरी में निस्तारित तालाब के पानी का उपयोग पीने और भोजन पकाने में कर रहे हैं।
इन परिस्थितियों से अवगत होने के बावजूद ग्राम झोंका निवासी सरपंच भगवत बंदे और ग्राम पंचायत प्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सोलर पंप के समस्त बंद पड़े मोटर एवं चालू करने एवं सार्वजनिक नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति घर-घर तक सुचारू रुप से करने के लिए आवश्यक पहल की मांग की है।