बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 16 नवंबर। दस जून 2024 को बलौदाबाजार जिले में आगजनी और हिंसा से जुड़े मामले में निर्धारित सुनवाई के दौरान पुलिस निरीक्षक अमित पाटले की गवाही दर्ज नहीं हो सकी। अदालत में केस की पुकार के समय 10 आरोपी उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण गवाही स्थगित करनी पड़ी। अदालत ने अब अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर तय की है।
ज्ञात हो कि 10 जून 2024 को सतनामी समाज के प्रदर्शन के दौरान स्थिति बिगड़ गई थी। उस दिन हुई घटनाओं को लेकर कई गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था।
प्रशासन ने उस समय हुए नुकसान का आंकलन किया था। घटना से जुड़े वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, निरीक्षक अमित पाटले उस दिन की घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं और वे शुरुआती पुलिस टीम का हिस्सा थे। अदालत में उनका बयान—भीड़ की स्थिति, हिंसा शुरू होने की परिस्थितियाँ, घटनास्थल पर मौजूद लोगों की पहचान, पुलिस और प्रशासन पर हुए हमले के विवरण जैसी बातों को स्पष्ट करने में सहायक माना जा रहा था।
सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक मुकुंद देशपांडे मौजूद थे। पुलिस की ओर से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे। न्यायालय को बताया गया कि सभी आरोपी जमानत पर हैं और जमानत की शर्त के अनुसार अदालत में उपस्थित होना आवश्यक है।
जब न्यायाधीश ने उपस्थिति सूची की जाँच की, तो 10 आरोपी उपस्थित नहीं पाए गए। इस कारण अदालत ने गवाही की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई।
अदालत ने निर्देश दिया है कि— सभी आरोपी 29 नवंबर को उपस्थित रहें। बिना उचित कारण अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की जा सकती है। गवाहों की उपस्थिति और सुरक्षा पर न्यायालय का ध्यान रहेगा। निरीक्षक अमित पाटले को अगली तारीख पर पुन: गवाही के लिए बुलाया गया है।


