रायपुर, 12 अगस्त। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कार्यकारी अध्यक्ष-राजेन्द्र जग्गी, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि एक सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता- डॉ.प्रवीण सारडा, कंधे व कोहनी के विशेषज्ञ, मुख्य अतिथि-डॉ.पुर्णेंदु सक्सेना, आर्थोपेडिक सर्जन, व्ही वाय हास्पीटल, विशिष्ट अतिथि-डॉ. आनंद जोशी एवं डॉ. श्रीधर राव, आर्थोपेडिक सर्जन, व्ही वाय हास्पीटल रायपुर उपस्थित थे।
डॉ. सारडा ने बताया कि वे वर्तमान में श्रेयम स्पेशिलिटी आर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन सेन्टर अहमदाबाद के प्रबंध निदेशक हैं। एमबीबीएस और एम.एस. (ऑर्थो) सिविल अस्पताल अहमदाबाद से 2002 में स्वर्ण पदक के साथ, लंदन, फ्रांस और जर्मनी में एक वर्षीय विशेषज्ञ अपर लिम्ब फेलोशिप सहित उच्च प्रशिक्षण के लिए यूके गये और भारत वापस आये।
डॉ. सारडा ने दैनिक जीवन शैली में आसन, आहार, एवं व्यायाम संबंधी जानकारी दी कि हमें खड़े होने के समय किस प्रकार से खड़े होना, चलना एवं किस प्रकार बैठना चाहिये एवं किस प्रकार का आहार हमारे शरीर के लिये उत्तम है एवं नियमित तौर से व्यायाम करना चाहिये।
डॉ. सारडा ने बताया कि खड़े होते समय हमें ज्यादा झुकना नहीं चाहिये, हमें सीधा खड़े होना चाहिये। वाकिंग करते समय पहनने वाला जूता आरामदायक होना चाहिये। जूते की नोक ज्यादा नुकीला नहीं होना चाहिये और न ही ऊंचे हिल वाला जूता-सैंडिल पहनना चाहिये।
डॉ. सारडा ने बताया कि आफिस में कंप्यूटर में काम करते समय कुर्सी इतना पास न हो कि कोहनी पर भार पड़े। कंप्यूटर में काम करते समय एक ही पोजीशन में नहीं बैठना चाहिये। ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में बैठने से कमर एवं कंधे पर दर्द होने लगता है। लंबे समय तक ड्राइव करने से भी कमर एवं कंधे पर दर्द होता है, इसलिये कमर एवं सीट के बीच पतला तकिया रखना चाहिये।
डॉ. सारडा ने आहार(डाइट)के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संतुलित आहार (बैलेंस डाइट) एक ऐसा आहार है जिसमें कुछ मात्रा और अनुपात में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ होते हैं ताकि कैलोरी, प्रोटीन, खनिज, विटामिन और वैकल्पिक पोषक तत्वों की आवश्यकता पर्याप्त हो।