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रायपुर, 13 अगस्त। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के द्वारा सभाकक्ष में संवाद संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आदिवासी समाज की संस्कृति एवं महत्व तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी।
शुभारंभ कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डॉ. आशा अंभईकर, कला एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता शिल्पी भट्टाचार्य, शोध संकाय की अधिष्ठाता डॉ. हर्षा पाटिल, हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय शुक्ल एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी स्मिता प्रेमानंद की उपस्थिति में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना से प्रारंभ हुआ।
डॉ. श्रीधर ने बताया कि भारतीय समाज में आदिवासी समुदाय का उल्लेखनीय योगदान है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा और वीरनारायण सिंह का स्मरण किया। जिन्होंने शक्तिशाली अंग्रेजी साम्राज्य को झुकने पर मजबूर किया। भारतीय सेना के सबसे पराक्रमी अंग कोबरा कमांडो में सर्वाधिक आदिवासी समाज के युवाओं की उपस्थिति है। जो ध्येयनिष्ठता से देश की सेवा में लगे हुए है।


