अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मेक्सिको पर लगाए गए 25 फ़ीसदी टैरिफ़ पर मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि मेक्सिको किसी तरह का टकराव नहीं चाहता है’ और उन्होंने चेतावनी दी है कि ‘उनमें साहस की कमी नहीं है’.
राष्ट्रपति शिनबाम ने कहा है कि उनके पास लोगों का समर्थन है और वह अकेली नहीं है.
मेक्सिको की राष्ट्रपति ने कहा है, “हम अमेरिका की ओर से मेक्सिको सरकार पर आपराधिक संगठनों से मिले होने के आरोपों को ख़ारिज करती हैं. संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.”
इससे पर पहले अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ़ पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि 'हम भी अमेरिका के ख़िलाफ़ टैरिफ़ समेत जवाबी कार्रवाई करेंगे.'
राष्ट्रपति शिनबाम ने कहा था, “मैं आर्थिक मंत्री को प्लान बी लागू करने का निर्देश देती हूं. इस पर हम काम कर रहे हैं. इसमें मेक्सिको की रक्षा से जुड़े टैरिफ़ और ग़ैर-टैरिफ़ उपाय शामिल हैं.” (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने के बाद कहा है कि वह सोमवार को कनाडा और मेक्सिको से बात करेंगे.
राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को कनाडा, चीन और मेक्सिको पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी.
अब डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, "वह टैरिफ़ पर मेक्सिको और कनाडा के नेताओं से सोमवार को बातचीत करेंगे. अमेरिका की ओर से कनाडा और मेक्सिको पर लगाया गया टैरिफ़ मंगलवार रात से प्रभावी होना है."
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने जवाब में अमेरिका पर टैरिफ लगाने की बात कही थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, “डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ़ के जवाब में कनाडा भी टैरिफ़ लागू करेगा. उनकी सरकार 155 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी उत्पादों पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ लागू करेगी.”
वहीं मेक्सिको की राष्ट्रपति ने कहा था, “हम भी अमेरिका के ख़िलाफ़ टैरिफ़ समेत जवाबी कार्रवाई करेंगे.” (bbc.com/hindi)
बर्लिन, 2 फरवरी । जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति होर्स्ट कोहलर का 81 वर्ष की आयु में बीमारी के बाद निधन हो गया। यह जानकारी जर्मनी के संघीय राष्ट्रपति कार्यालय ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जुलाई 2004 से मई 2010 तक जर्मनी के राष्ट्रपति रहे कोहलर ने जर्मनी के सशस्त्र बलों के विदेशी अभियानों के संबंध में टिप्पणी की थी। इस पर आलोचना होने के बाद उन्होंने अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर ने शनिवार को ईवा लुईस कोहलर से बात की और उनके पति की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने देश के लिए कोहलर की सेवा और योगदान की सराहना की। राष्ट्रपति बनने से पहले होर्स्ट कोहलर 2000 से 2004 तक वाशिंगटन में आईएमएफ के प्रमुख थे।
उन्होंने सिविल सेवा और बैंकिंग में अन्य भूमिकाएं भी निभाईं। तत्कालीन विपक्षी नेता एंजेला मर्केल द्वारा उन्हें आगे बढ़ाने के बाद वे जर्मनी के राष्ट्राध्यक्ष बने, जो कि एक औपचारिक भूमिका थी। मार्केल बाद में चांसलर बनीं। स्टीनमीयर को 2009 में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया, लेकिन अगले वर्ष मई में उन्होंने अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा देकर देश को चौंका दिया था। उनका यह निर्णय एक इंटरव्यू में विवादास्पद टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में जर्मनी की सैन्य उपस्थिति को आर्थिक हितों की रक्षा से जोड़ा था। इन टिप्पणियों ने महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया था, क्योंकि जर्मनी में विदेशों में सैन्य अभियानों के बारे में संवेदनशीलता बनी हुई है। ये नाजी युग की दर्दनाक यादों से आकार लेती है। अपने भाषणों के दौरान, कोहलर ने अक्सर जर्मनी की ताकत और उसके लोगों की क्रिएटिविटी और रचनात्मकता में विश्वास रखने के महत्व पर जोर दिया। (आईएएनएस)
काहिरा, 2 फरवरी । मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर गाजा पट्टी में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष विराम पर चर्चा हुई की। मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया, "दोनों राष्ट्रपतियों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। इसमें युद्ध विराम समझौते के पहले और दूसरे चरण के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने और गाजा पट्टी में युद्ध विराम की स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।" दोनों नेताओं के बीच शनिवार को हुई बातचीत में 'गाजा के निवासियों को मानवीय सहायता और राहत पहुंचाने की तत्काल जरूरत' पर भी चर्चा हुई। कॉल के दौरान, मिस्र के राष्ट्रपति ने 'क्षेत्र में स्थायी समाधान के लिए अनुकूल शांति प्रक्रिया शुरू करने की जरुरत" पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ट्रंप की ऐतिहासिक और स्थायी इजरायल-फिलिस्तीनी शांति समझौते को सुरक्षित करने की क्षमता पर भरोसा करता है। यह क्षेत्र में दशकों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करेगा। इसमें कहा गया है कि अल-सिसी और ट्रंप ने निकट भविष्य में आधिकारिक यात्राओं के लिए एक-दूसरे को निमंत्रण भी दिया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, यह वार्ता अल-सिसी के बुधवार को व्यक्त किए इस विचार के बाद हुई कि फिलिस्तीनियों का विस्थापन 'अन्याय' का कार्य है और इसमें मिस्र भाग नहीं लेगा। पिछले सप्ताह ट्रंप ने गाजा से फिलिस्तीनियों को पड़ोसी जॉर्डन और मिस्र में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था, "जहां वे शायद शांति से रह सकें।"
लेकिन इस योजना को क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अस्वीकार कर दिया गया। बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों ने सड़क पर उतर इस प्रस्ताव का विरोध किया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि प्रदर्शनकारी मध्य गाजा शहर के अल-सरया स्क्वायर और डेयर अल-बलाह में इकट्ठे हुए। उन्होंने फिलिस्तीनी और मिस्र के झंडे लहराए। उन्होंने ट्रंप की योजना को अस्वीकार करने के लिए मिस्र की तारीफ की। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की छवियों वाले बड़े बैनरों पर नारे लिखे थे। इसमें लिखा था कि "मिस्र हमेशा फिलिस्तीन का सच्चा समर्थक और रक्षक रहेगा और अपने लोगों के विस्थापन को कभी स्वीकार नहीं करेगा।" -- (आईएएनएस)
ओटावा, 2 फरवरी । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शनिवार को कहा कि उनका देश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए अनेक अमेरिकी आयातों पर 25% शुल्क लगाएगा। उन्होंने अमेरिकियों को चेतावनी दी कि ट्रंप के फैसले उनके लिए गंभीर परिणाम लेकर आएंगे। दुनिया की सबसे लंबी भूमि सीमा साझा करने वाले पुराने सहयोगी देशों के बीच संबंधों में आई गिरावट के बीच ट्रूडो ने कहा कि वे 155 बिलियन कनाडाई डॉलर (107 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगा रहे हैं। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक कनाडाई पीएम ने कहा कि 30 बिलियन कनाडाई डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ मंगलवार से लागू होंगे, [उसी दिन ट्रंप के टैरिफ भी प्रभावी होंगे], और 125 बिलियन कनाडाई डॉलर मूल्य के यूएस प्रॉडक्ट्स पर 21 दिनों में शुल्क लगाया जाएगा।
ट्रूडो की यह घोषणा ट्रंप की तरफ से कनाडा और मैक्सिको से आयातित वस्तुओं पर 25% और चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाने के आदेश के कुछ ही घंटों बाद आई है। हालांकि कनाडा के ऊर्जा संसाधनों पर 10% टैरिफ ही लगेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले से व्यापार युद्ध छिड़ने का खतरा है, जिसके बारे में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे वैश्विक विकास धीमा हो सकता है और मुद्रास्फीति फिर से बढ़ सकती है। कनाडाई नेता ने कहा कि टैरिफ में अमेरिकी बीयर, वाइन और बॉर्बन के साथ-साथ फल और फलों के जूस भी शामिल होंगे। इसके अलावा ट्रंप के गृह राज्य फ्लोरिडा से संतरे का जूस भी शामिल होगा। कनाडा कपड़ों, खेल उपकरणों और घरेलू उपकरणों सहित वस्तुओं को टारगेट करेगा। ट्रूडो ने कहा कि आने वाले सप्ताह कनाडाई लोगों के लिए कठिन होंगे, लेकिन ट्रंप के कामों से अमेरिकियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
ट्रूडो ने कनाडाई लोगों को कनाडाई उत्पाद खरीदने और अमेरिका के बजाय अपने देश में छुट्टियां मनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "हमने इसके लिए नहीं कहा था, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।" ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी नागरिकों को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा, "कनाडा के खिलाफ टैरिफ आपकी नौकरियों को खतरे में डाल देगा, जिससे संभवतः अमेरिकी ऑटो असेंबली प्लांट और अन्य मैन्युफैक्चिंग सेंटर बंद हो जाएंगे। वे महंगाई बढ़ा देंगे, जिसमें किराने की दुकान पर भोजन और पंप पर ईंधन शामिल है।"(आईएएनएस)
सोल, 2 फरवरी । उत्तर कोरिया ने रविवार को अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगियों के लिए हथियारों की मदद बढ़ा रहा है। उसने कहा कि इस तरह की सहायता दक्षिण कोरिया की रणनीतिक कमजोरी की भरपाई नहीं कर सकती है। योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने यह आरोप तब लगाया जब अमेरिकी डिफेंस सिक्योरिटी सहयोग एजेंसी ने हाल ही में दक्षिण कोरिया को हथियारों की प्रस्तावित बिक्री की घोषणा की। उत्तर कोरिया की सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने एक टिप्पणी में कहा, "अमेरिका, जो दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध व्यापारी है, उन देशों को अपने हथियार बेचकर पहले से कहीं अधिक उत्साहित हो रहा है जो (अमेरिका) का अनुसरण करते हैं।" इसमें कहा गया कि दक्षिण कोरिया को इस तरह की बिक्री तेजी से और 'लगातार' हो रही है।
केसीएनए ने दावा किया कि दक्षिण कोरिया को हथियार मुहैया कराना क्षेत्र में शक्ति संतुलन को नष्ट करने और अपनी आधिपत्य को मजबूत करने के अमेरिका के प्रयास को दर्शाता है। इसमें कहा गया, "अमेरिका की ओर से कोई भी हथियार सहायता (दक्षिण कोरिया) को रणनीतिक कमजोरी की भरपाई नहीं कर सकती है...अमेरिका की महत्वाकांक्षा हमारी न्यायपूर्ण शक्ति की वजह पूरी नहीं हो पाएगी।' उत्तर कोरिया लंबे समय से दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग की निंदा करता रहा है। प्योंगयांग का कहना है कि मित्र देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास दरअसल हमलों का अभ्यास है और एक उकसावे वाली कार्रवाई है। पिछले सप्ताह प्योंगयांग ने कहा कि वह तब तक अमेरिका के खिलाफ 'सबसे कठोर जवाबी कार्रवाई' जारी रखेगा जब तक कि वह देश की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को खारिज करता रहेगा। -(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 2 फरवरी । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो शनिवार शाम से लागू हो गया। इस फैसले के साथ अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार युद्ध की शुरुआत हो गई है, जो आगे अन्य देशों तक भी फैल सकता है। कनाडा और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% शुल्क बढ़ाया गया है। हालांकि, कनाडा से आयातित तेल पर सिर्फ 10% शुल्क लगेगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों और घातक नशे, खासतौर पर फेंटेनाइल (एक खतरनाक नशीला पदार्थ), की बढ़ती तस्करी राष्ट्रीय आपातकाल बन गई है। राष्ट्रपति ट्रंप मेक्सिको, कनाडा और चीन को अवैध आप्रवासन को रोकने और हमारे देश में जहरीली फेंटेनाइल और अन्य दवाओं के प्रवाह को रोकने के अपने वादों के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए यह कार्रवाई कर रहे हैं।
यह शुरुआत भर है। ट्रंप सरकार जल्द ही कंप्यूटर चिप्स, फार्मास्यूटिकल्स, स्टील, एल्युमीनियम, तांबा, तेल और गैस के आयात पर भी नए शुल्क लगाने की योजना बना रही है। यूरोपीय देशों पर भी ऐसे ही शुल्क लगाए जा सकते हैं। व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट में कहा गया है, "आदेश स्पष्ट करते हैं कि अवैध वितरण नेटवर्क के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटेनाइल जैसी प्रतिबंधित दवाओं के प्रवाह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट सहित एक राष्ट्रीय आपातकाल पैदा कर दिया है।" व्हाइट हाउस का कहना है कि चीन अपराधी गिरोहों को खतरनाक रसायन बेचने और धनशोधन रोकने में असफल रहा है। वहीं, मेक्सिको सरकार पर आरोप लगाया है कि वह ड्रग माफियाओं के साथ मिली हुई है और उन्हें नशीले पदार्थ बनाने और अमेरिका में भेजने की छूट दे रही है। इन माफियाओं के कारण हजारों अमेरिकी नागरिकों की जान जा चुकी है। फैक्टशीट के मुताबिक, कनाडा में भी फेंटानाइल का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों के व्यापार में शामिल होता जा रहा है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम का असर अमेरिका और इन देशों के व्यापारिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है। -- (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 2 फरवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर कड़े शुल्क लगाने संबंधी एक आदेश पर शनिवार को हस्ताक्षर किए जिसके तुरंत बाद देश के उत्तरी अमेरिकी पड़ोसियों की जवाबी कार्रवाई से व्यापार युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए अपने पोस्ट में कहा कि ये शुल्क ‘अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए’ आवश्यक हैं। ट्रंप ने तीनों देशों पर ‘फेंटेनाइल’ (दर्द निवारक दवा) के अवैध निर्माण एवं निर्यात पर अंकुश लगाने तथा कनाडा और मेक्सिको पर अमेरिका में अवैध आव्रजन को रोकने का दबाव डाला।
शुल्क अगर जारी रहे, तो मुद्रास्फीति काफी बढ़ सकती है, जिससे कई मतदाताओं का ट्रंप पर भरोसा कम हो सकता है, क्योंकि उन्होंने किराने का सामान, गैसोलीन, आवास, वाहन और अन्य वस्तुओं की कीमतें कम करने का वादा किया था। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था और ट्रंप के राजनीतिक जनादेश को उनके दूसरे कार्यकाल के सिर्फ़ दो सप्ताह में उथल-पुथल में डालने का जोखिम भी है।
ट्रंप ने चीन से सभी आयात पर 10 प्रतिशत और मेक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की। कनाडा से आयातित ऊर्जा, जिसमें तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली शामिल है, पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। ट्रंप के आदेश के बाद यदि ये देश भी जवाबी शुल्क लगाते हैं, तो अमेरिका के पास इन दरों को और बढ़ाने का विकल्प होगा। इससे और गंभीर आर्थिक व्यवधान की आशंका बढ़ सकती है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गंभीर लहजे में कहा, “व्हाइट हाउस द्वारा आज की गई कार्रवाई ने हमें एकजुट करने के बजाय अलग कर दिया है।” उन्होंने कहा कि उनका देश शराब और फलों सहित 155 अरब डॉलर तक के अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएगा।
उन्होंने कनाडा के लोगों द्वारा महसूस किए जा रहे विश्वासघात को व्यक्त करते हुए अमेरिकियों को याद दिलाया कि कनाडाई सैनिकों ने अफगानिस्तान में उनके साथ लड़ाई लड़ी थी तथा कैलिफोर्निया में जंगल की आग से लेकर तूफान ‘कैटरीना’ तक के संकटों से निपटने में मदद की थी।
मेक्सिको की राष्ट्रपति ने भी जवाबी शुल्क लगाने का आदेश दिया है। चीन ने ट्रंप की कार्रवाई पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “हम व्हाइट हाउस के इस आरोप को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं कि हमारी सरकार का आपराधिक संगठनों के साथ गठजोड़ है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था सचिव को एक प्रतिक्रिया लागू करने का निर्देश दिया है जिसमें मेक्सिको के हितों की रक्षा में जवाबी शुल्क और अन्य उपाय शामिल हैं।
शिनबाम ने कहा, “यदि अमेरिका की सरकार और उसकी एजेंसियां अपने देश में फेंटेनाइल की भारी खपत से निपटना करना चाहती हैं, तो वे अपने प्रमुख शहरों की सड़कों पर नशीली दवाओं की बिक्री से लड़ सकते हैं, जो वे नहीं करते हैं और इस अवैध गतिविधि से उत्पन्न धनशोधन ने उनकी आबादी को बहुत नुकसान पहुंचाया है।”
ये शुल्क लगाने से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है और इससे मतदाताओं का इस बात में भरोसा खत्म हो सकता है कि ट्रंप अपने वादे के अनुसार किराने के सामान, गैसोलीन, आवास, वाहन और अन्य वस्तुओं की कीमतें नीचे ला सकते हैं।
इस कार्रवाई से अमेरिका और उसके दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों मेक्सिको और कनाडा के साथ आर्थिक गतिरोध पैदा हो गया है। (एपी)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 2 फरवरी (भाषा)। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने कहा है कि भारत में पिछले दशक में “उल्लेखनीय परिवर्तन” देखे गए हैं और देश की उनकी आगामी यात्रा में उन्हें यह देखने का अवसर मिलेगा कि कैसे डिजिटल और तकनीकी नवाचार ने “इस परिवर्तन को बढ़ावा दिया है।”
यांग चार से आठ फरवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी।
यांग ने अपनी यात्रा से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी का निवास होने के नाते भारत संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण सदस्य है।’’
यात्रा के उद्देश्य से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यांग ने कहा कि वह "बहुपक्षवाद के भविष्य के लिए भारत की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण को और अधिक गहराई से समझने" के लिए उत्सुक हैं।
इस यात्रा के दौरान, वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर समेत भारतीय नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे।
मध्य अफ्रीकी देश कैमरून के प्रधानमंत्री के रूप में 2013 में अपनी भारत यात्रा को याद करते हुए, यांग ने कहा कि तब से, भारत में एक "उल्लेखनीय परिवर्तन" हुआ है और उन्हें उम्मीद है कि इस यात्रा में उन्हें यह देखने का अवसर मिलेगा कि कैसे डिजिटल और तकनीकी नवाचार ने “इस परिवर्तन को बढ़ावा दिया है”।
कीव, 2 फरवरी। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि संघर्ष को लेकर अमेरिका और रूस के बीच वार्ता से यूक्रेन को बाहर रखना ‘‘बेहद हानिकारक’’ होगा। जेलेंस्की ने साथ ही संघर्ष विराम की योजना तैयार करने के लिए कीव तथा वाशिंगटन के बीच और बातचीत की मांग की।
जेलेंस्की ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ बातचीत में कहा कि रूस संघर्ष विराम वार्ता में शामिल नहीं होना चाहता या किसी भी तरह की राहत देने पर चर्चा नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के खिलाफ ऊर्जा और बैंकिंग प्रणाली संबंधी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी देते हैं तो पुतिन वार्ता के लिए मजबूर हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये सबसे महत्वपूर्ण कदम है।’’
जेलेंस्की की टिप्पणी शुक्रवार को ट्रंप के उस बयान के बाद आई जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी और रूसी अधिकारी युद्ध को समाप्त करने को लेकर ‘‘पहले से ही बात कर रहे हैं’’।
ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन ने रूस के साथ ‘‘अहम’’ चर्चा की है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया।
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘उनके अपने संबंध हो सकते हैं, लेकिन हमारे बिना यूक्रेन के बारे में बात करना, यह सभी के लिए हानिकारक है।’’ (एपी)
गोमा (कांगो), 2 फरवरी। पूर्वी कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा और उसके आस-पास के इलाकों में रवांडा समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई में एक सप्ताह में 773 लोग मारे गए हैं। कांगो के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विद्रोहियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया था और वह अन्य क्षेत्रों पर भी कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे जिसे सेना ने काफी हद तक नाकाम कर दिया और कुछ गांवों पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
कांगो सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने राजधानी किंशासा में संवाददाताओं को बताया कि 773 लोगों के मारे जाने और 2,880 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
विद्रोहियों की ओर से पानी, बिजली आपूर्ति सहित बुनियादी सेवाओं को बहाल करने का वादा किए जाने के बाद शनिवार को सैकड़ों गोमा निवासी शहर लौट रहे थे। उन्होंने हथियारों के मलबे से अटे पड़े इलाकों को साफ किया।
स्थानीय निवासी जीन मार्कस ने कहा, ‘‘मैं थक गया हूं और नहीं जानता कि कहां जाऊं। हर ओर सिर्फ मातम है।’’ जीन के एक रिश्तेदार की संघर्ष में मौत हो गई है।
कांगो के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करने की होड़ में लगे 100 से अधिक हथियारबंद समूहों में ‘एम23’ सबसे ताकतवर है। इस क्षेत्र में खनिज का विशाल भंडार हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समूह को पड़ोसी देश रवांडा के सैनिकों का समर्थन प्राप्त है। (एपी)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 10 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें इस क़दम के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने की बात कही गई है.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चीन इस क़दम से पूरी तरह असंतुष्ट है और इसका कड़ा विरोध करता है.” इसमें कहा गया है कि यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का ‘गंभीर उल्लंघन’ है.
चीन ने कहा है कि इस तरह के उपाय चीन और अमेरिका के बीच की सामान्य आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के लिए नुक़सानदायक हैं.
चीन अब अमेरिका के ‘ग़लत व्यवहार’ के ख़िलाफ़ विश्व व्यापार संगठन में मुक़दमा दायर करेगा और ‘अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए’ जवाबी कदम उठाएगा.
इस बयान में कहा गया है, “चीन ने अमेरिका से ग़लत पद्धति को सुधारने की अपील करते हुए कहा है कि वो समस्या का सामना करने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करे.”
चीन ने अमेरिका से कहा है कि वो “पारस्परिक लाभ, सम्मान और समानता के आधार पर मतभेदों को दूर करने और आपसी सहयोग को मज़बूत करने के लिए काम करे.”
इससे पहले, टैरिफ़ के मामले पर चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ में चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ही यादोंग का बयान प्रकाशित किया गया था.
इसमें कहा गया था कि टैरिफ़ उपाय न तो चीन या संयुक्त राज्य अमेरिका और न बाकी दुनिया के हितों के अनुकूल है.
दरअसल, शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल मीडिया पर लिखा था कि टैरिफ़ लगाने का फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के ज़रिए किया गया था. (bbc.com/hindi)
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मेक्सिको पर लगाए गए 25 फ़ीसदी टैरिफ़ पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा है कि 'हम भी अमेरिका के ख़िलाफ़ टैरिफ़ समेत जवाबी कार्रवाई करेंगे.'
राष्ट्रपति शिनबाम ने लिखा, “मैं अर्थव्यवस्था के सचिव को प्लान बी को लागू करने के निर्देश देती हूं, जिस पर हम काम कर रहे हैं. इसमें मेक्सिको की रक्षा से जुड़े टैरिफ़ और ग़ैर-टैरिफ़ उपाय शामिल हैं.”
हालांकि, यह क्या होंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल मीडिया पर कनाडा और मेक्सिको से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ और चीन पर 10 फ़ीसदी कर लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बारे में जानकारी दी है.
ट्रंप ने लिखा कि यह फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के ज़रिए किया गया था. (bbc.com/hindi)
इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम के तहत शनिवार को हमास ने अपने कब्ज़े में मौजूद तीन बंधकों को आज़ाद किया है.
इनमें 34 साल के यार्डेन बिबास, 53 साल के ओफ़र कालडेरॉन और 65 साल के कीथ सीगल शामिल हैं.
यार्डेन बिबास को शनिवार सवेरे ग़ज़ा के दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में छोड़ा गया. उनके दोनों बेटों (पांच साल के एरियल और दो साल के कफ़िर) को भी हमास ने सात अक्तूबर 2023 को बंधक बना लिया था. उनकी पत्नी और उनके दोनों बेटे अभी भी हमास की कैद में हैं.
ओफ़र कालडेरॉन फ्रांसीसी मूल के इसराइली नागरिक हैं. उन्हें भी हमास ने दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में आज़ाद किया. ओफ़र और उनके दोनों बच्चों एरेज़ और शहर को हमास के लड़ाकों ने निर ओज़ के पास बंधक बनाया था. नवंबर 2023 में हुए अस्थायी युद्धविराम के बाद उनके दोनों बच्चों को हमास ने आज़ाद कर दिया था.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनकी रिहाई का स्वागत किया है.
कीथ सीगल अमेरिकी मूल के इसराइली नागरिक हैं. उन्हें और उनकी पत्नी आड्रिएन (उन्हें अविवा नाम से भी जाना जाता है) को हमास के लड़ाकों ने कफ़्र अज़ा में उनके घर से बंधक बना लिया था. नवंबर 2023 में के युद्धविराम समझौते के तहत आड्रिएन को आज़ाद किया गया था.
कीथ के परिवार ने एक बयान जारी कर कहा है कि "484 दिनों के लंबे इंतज़ार, दहशत भरे दिन और रातों और पिता की चिंता के बाद, अब हम एक बार फिर सांस ले सकते हैं." (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कनाडा और मेक्सिको से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 25 फ़ीसदी और चीन पर 10 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
शनिवार रात को राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ़ लागू कर दिया गया है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट भी किया.
ट्रंप ने लिखा कि यह फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के ज़रिए किया गया था.
उन्होंने लिखा, “क्योंकि, हमारे नागरिकों के लिए अवैध विदेशियों का ख़तरा बढ़ रहा है. फेंटेलिन समेत अन्य घातक दवाएं हमारे नागरिकों को मार रही हैं.”
“हमें अमेरिकियों की रक्षा करने की ज़रूरत है और राष्ट्रपति के तौर पर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है.”
उन्होंने लिखा, “मैंने अपने अभियान में हमारी सीमाओं पर अवैध विदेशियों और नशीली दवाओं की बाढ़ को रोकने का वादा किया था, और अमेरिकियों ने इसके पक्ष में भारी मतदान किया था.” (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कनाडा से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की अनुमति दे दी. इस पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जवाब दिया है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ़ के जवाब में कनाडा भी खुद के टैरिफ़ लागू करेगा.
ट्रूडो ने कहा कि वो सीधे अमेरिकियों से बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले का सीधा असर कीमतों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
ट्रूडो ने कहा है कि उनकी सरकार 155 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी उत्पादों पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ लागू करेगी.
उन्होंने कहा है कि कनाडाई कंपनियों को समय देने के लिहाज़ से 30 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर यह टैरिफ़ मंगलवार से लागू हो जाएगा जबकि बाक़ी के 125 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर यह अगले 21 दिनों में लागू होगा.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वो कनाडाई डॉलर की बात कर रहे हैं या अमेरिकी डॉलर की. (bbc.com/hindi)
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि ला नीना की कमजोर स्थिति बन गई है, लेकिन इससे तूफान की घटनाएं ज्यादा नहीं होंगी. आइए जानें कि ला नीना और अल नीनो क्या हैं. ये पूरी दुनिया के मौसम को किस तरह प्रभावित करते हैं.
डॉयचे वैले पर स्टुअर्ट ब्राउन का लिखा-
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दिसंबर 2024 में जब उत्तरी गोलार्ध में ठंड बढ़ी, तो देर से ही सही, लेकिन अंततः उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति बन गई.
पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र का पानी ठंडा होने की वजह से ला नीना की स्थिति पैदा होती है, जबकि अल नीनो की स्थिति बनने पर यह अपने साथ गर्म पानी लाती है. ला नीना की वजह से दुनिया के कई हिस्सों में मौसम ठंडा हो सकता है. साथ ही, तेज तूफान और बारिश भी आ सकती है.
हालांकि, ला नीना ने पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ वैश्विक तापमान को बढ़ाने वाले अल नीनो को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन अमेरिकी सरकारी एजेंसी ‘नेशनल ओशेन एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए)' के अनुसार, इस बार ला नीना की स्थिति बहुत कमजोर है.
ला नीना की सामान्य स्थिति के दौरान, पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं तेज हो जाती हैं. ये हवाएं अल नीनो के दौरान कमजोर हो जाती हैं. अब फिर से पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं तेज हो गई हैं. इन तेज हवाओं की वजह से इंडोनेशिया में ज्यादा बादल छाए हुए हैं और भारी बारिश भी हो रही है.
इस बार ला नीना की स्थिति कमजोर है और वह देर से बनी है, इसलिए यह ज्यादा समय तक नहीं रहेगी. एनओएए के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, 59 फीसदी संभावना है कि फरवरी से अप्रैल तक ला नीना की स्थिति बनी रह सकती है. वहीं, इस बात के 60 फीसदी आसार हैं कि मार्च से मई तक स्थिति सामान्य हो जाएगी.
अगर उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों तक ला नीना की स्थिति बनी रहती है, तो विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अटलांटिक महासागर में अधिक विनाशकारी और तेज तूफान आने की संभावना बढ़ सकती है.
दरअसल, ला नीना और अल नीनो मौसम चरण एक ही प्रणाली का हिस्सा हैं, जिसे तथाकथित अल-नीनो सदर्न ऑसिलेशन (ईएनएसओ) कहते हैं. यह प्रशांत महासागर में शुरू होने वाला एक जलवायु पैटर्न है, जिसमें हवा और समुद्र के तापमान में बदलाव आते हैं. इसका असर दुनिया भर के चरम मौसम पर पड़ता है.
अल नीनो को स्पेनिश भाषा में ‘छोटा लड़का' कहते हैं. यह 2023 में रिकॉर्ड वैश्विक तापमान से जुड़ा था, जो अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा. जलवायु परिवर्तन के साथ, अल नीनो ने दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भयंकर गर्मी और सूखे की स्थिति पैदा की.
वहीं, अल नीनो की ‘छोटी बहन' ला नीना मौसम का पैटर्न बनाती है. इसके कारण मौसम में ऐसे बदलाव आते हैं जो भले ही अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हों, लेकिन आम तौर पर ठंडे और अधिक बारिश वाले होते हैं. इससे तेज तूफान और आंधी भी आ सकते हैं.
अल नीनो और ला नीना का असर जगह के हिसाब से अलग-अलग होता है और दुनिया के हर हिस्से पर इनका प्रभाव नहीं पड़ता है. ये दूसरी जलवायु घटनाओं से भी प्रभावित हो सकते हैं. अल नीनो और ला नीना का दुनिया भर में खेती और अरबों लोगों की जिंदगी पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है, जो पहले से ही जलवायु परिवर्तन की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
अल नीनो की वजह से किस तरह चरम मौसम बनता है
अल नीनो की स्थिति आमतौर पर हर दो से सात साल बाद बनती है. इस दौरान, प्रशांत महासागर में पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर हो जाती हैं और कभी-कभी तो उल्टी दिशा में भी बहने लगती हैं.
ये हवाएं आमतौर पर भूमध्य रेखा के पार बहती हैं. साथ ही, दक्षिण अमेरिका से गर्म पानी को दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया की ओर ले जाती हैं. हालांकि, जब हवाएं शांत होने लगती हैं, तो गर्म पानी दक्षिण अमेरिका में ही रहता है और पश्चिम की ओर नहीं जा पाता.
इससे पूर्वी प्रशांत महासागर में ठंडा पानी कम हो जाता है और वायुमंडल में ज्यादा गर्मी हो जाती है. इस वजह से उस इलाके में ज्यादा बारिश होती है और उत्तरी दक्षिण अमेरिका जैसे स्थानों में बाढ़ आ सकती है. इस बीच, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में गर्म पानी की कमी के कारण सूखे की स्थिति बन सकती है और तापमान बढ़ सकता है.
अल नीनो की वजह से समुद्र का तापमान बदल जाता है. इससे जेट स्ट्रीम यानी जमीन से बहुत ऊपर बहने वाली तेज हवाएं अपने रास्ते से भटक जाती हैं. इन हवाओं का असर बारिश पर पड़ता है. इससे कई जगहों पर जलवायु में बदलाव आता है. जैसे, इंडोनेशिया और भारत में मानसून सीजन रुक सकता है, लेकिन अटलांटिक महासागर में तूफान कम आ सकते हैं.
हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि अल नीनो का पूर्वी अफ्रीका में होने वाली बारिश पर सीधा असर नहीं पड़ता है, लेकिन उन्होंने कहा कि अल नीनो की वजह से हिंद महासागर में एक और जलवायु पैटर्न बन सकता है, जिसे पॉजिटिव इंडियन ओशेन डिपोल कहते हैं. इस पैटर्न की वजह से इस क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आ सकती है
ला नीना से बढ़ती हैं तूफान की घटनाएं
ला नीना की स्थिति, अल नीनो के उलट होती है, क्योंकि इसमें पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं सामान्य से ज्यादा तेज हो जाती हैं. आमतौर पर, ला नीना की स्थिति हर तीन से पांच साल में बनती है. पश्चिम में गर्म पानी की वृद्धि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में अधिक वर्षा ला सकती है.
ला नीना की वजह से पूर्वी प्रशांत क्षेत्रों में, जैसे कि दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका और मेक्सिको से लेकर दक्षिण अमेरिका तक, सूखे की स्थिति और जंगल की आग बढ़ सकती है. हालांकि, अमेरिका के पूर्वोत्तर राज्यों और कनाडा में ला नीना की वजह से सर्दियों में ज्यादा बारिश और ठंड पड़ सकती है.
ला नीना से आमतौर पर अटलांटिक बेसिन में तूफान की गतिविधि भी बढ़ती है. अटलांटिक महासागर में समुद्र का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिससे तूफानों की स्थिति और भी खराब हो सकती है.
असर का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल
ला नीना और अल नीनो प्राकृतिक पैटर्न हैं, लेकिन इनका असर समय और अवधि के हिसाब से बदल सकता है. जलवायु परिवर्तन भी इन पैटर्न को प्रभावित करता है और कुछ सबूत बताते हैं कि इनकी वजह से ला नीना और अल नीनो की स्थिति बार-बार और तेजी से बन रही है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ रहा है, अल नीनो और ला नीना का असर भी ज्यादा तेज हो सकता है. गर्म हवा में ज्यादा पानी होता है, जिससे बहुत ज्यादा बारिश हो सकती है.
रिसर्चरों का कहना है कि अगर हम जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करके ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य कर दें, तो वैश्विक तापमान बढ़ने और ईएनएसओ के असर से भी बचा जा सकता है. (dw.com/hi)
बीजिंग, 1 फरवरी । चीनी राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग और केंद्रीय साइबरस्पेस मामलों के आयोग समेत छह विभागों ने हाल ही में संयुक्त रूप से "डेटा परिसंचरण सुरक्षा प्रशासन में सुधार और डेटा तत्वों के विपणन और मूल्य को बेहतर ढंग से बढ़ावा देने पर कार्यान्वयन योजना" जारी की। इस योजना में उच्च गुणवत्ता वाले डेटा विकास और उच्च स्तरीय सुरक्षा के बीच सौम्य अंतःक्रिया को बढ़ावा देने, डेटा के मूल्य को पूरी तरह से मुक्त करने और डेटा विकास और उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। डेटा परिसंचरण सुरक्षा शासन नियम डेटा बुनियादी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
योजना में सात भाग शामिल हैं: उद्यम डेटा संचलन सुरक्षा नियमों को स्पष्ट करना, सार्वजनिक डेटा संचलन सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत करना, व्यक्तिगत डेटा संचलन सुरक्षा को मजबूत करना, डेटा संचलन सुरक्षा जिम्मेदारी परिभाषा तंत्र में सुधार करना, डेटा संचलन सुरक्षा प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग को मजबूत करना, डेटा संचलन सुरक्षा सेवा आपूर्ति को समृद्ध करना और डेटा दुरुपयोग के जोखिम की रोकथाम करना। बताया जाता है कि अगले चरण में, चीनी राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग और राष्ट्रीय डेटा ब्यूरो समग्र समन्वय को मजबूत करेंगे, नियमों को सुधारने और परिष्कृत करने के लिए संबंधित विभागों के साथ काम करेंगे, विभागीय समन्वय को मजबूत करेंगे और पायलट परीक्षण करेंगे। (आईएएनएस)
तेल अवीव, 1 फरवरी । गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत शनिवार को रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों को लेकर बसें कब्जे वाले पश्चिमी तट के रामल्लाह पहुच गई, जहां खुशी का माहौल है। आज कुल 183 कैदियों को रिहा किया जाना है। इससे पहले फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने तीन बंधकों - कीथ सीगल, ओफर काल्डेरोन और यार्डेन बिबास - को रिहा कर दिया। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रिहा किए गए 32 फिलिस्तीनी कैदियों को लेकर रेड क्रॉस की एक बस ओफर जेल से कब्जे वाले वेस्ट बैंक में रामल्लाह के लिए रवाना हुई। जब सभी लोग बस से उतरे उनका स्वागत एक उत्साही भीड़ ने किया। कुछ रिहा किए गए कैदियों को अब उनकी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण रामल्लाह के अस्पतालों में ले जाया जाएगा। इस बीच विदेश में चिकित्सा उपचार की जरुरत वाले दर्जनों फिलिस्तीनियों को मिस्र के साथ पुनः खोले गए राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा छोड़ने की अनुमति दी जाएगी।
इस बीच राफा बॉर्डर क्रॉसिंग के फिर से खुलने के बाद चिकित्सा उपचार की जरुरत वाले घायल फिलिस्तीनियों के पहले समूह को गाजा से मिस्र ले जाया गया। यह मिस्र और गाजा पट्टी के बीच एकमात्र क्रॉसिंग है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि चिकित्सा देखभाल के लिए 50 मरीज क्रॉसिंग के जरिए गाजा से मिस्र पहुंचे हैं। राफा क्रॉसिंग को गाजावासी 'दुनिया का प्रवेश द्वार' कहता है। इसे मई 2024 से नागरिकों के लिए बंद थी। 7 अक्टूबर, 2023 के बाद गाजा में इजरायली सेना द्वारा पकड़े गए अन्य 111 फिलिस्तीनियों कैदियों को आज अलग से रिहा किया जाएगा। इनमें से 94 को वापस उनके क्षेत्र में भेजे जाने की उम्मीद है।
जबकि सात को मिस्र के जरिए कहीं और निर्वासित किया जाएगा। 19 जनवरी को युद्ध विराम लागू होने के बाद से यह कैदियों के बदले बंधकों की चौथी अदला-बदली है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इस हमले ने एक युद्ध को जन्म दिया जिसने गाजा को तबाह कर दिया है। गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के 15 महीने के सैन्य हमले में इस क्षेत्र में 47,460 फिलिस्तीनी मारे गए जबकि 111,580 घायल हुए। --(आईएएनएस)
सोल, 1 फरवरी । दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) ने लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (डीआरसी) में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की अपील की। संगठन ने चिंता व्यक्त की कि हाल के हमलों से डीआरसी में सुरक्षा और मानवीय स्थिति और खराब हो रही है। शुक्रवार को जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में आयोजित एसएडीसी राष्ट्राध्यक्ष एवं सरकार शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक विज्ञप्ति में यह बात कही गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन ने पूर्वी डीआरसी में सक्रिय एक सशस्त्र समूह एम23 की ओर से डीआरसी सैनिकों में एसएडीसी मिशन पर हमलों की निंदा की। इसने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों ने 30 जुलाई, 2024 को लुआंडा प्रक्रिया के माध्यम से किए गए युद्धविराम का उल्लंघन किया और डीआरसी और एसएडीसी क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर किया।
क्षेत्रीय निकाय ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में पानी, बिजली, संचार के साधन, भोजन और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की तत्काल बहाली की अपील की। अपने समापन भाषण में, दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय के अध्यक्ष और जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने डीआरसी में संघर्ष में शामिल सभी पक्षों से स्थायी शांति के लिए संवाद और शांतिपूर्ण विवाद समाधान तंत्र को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा, "यदि हमें इन आकांक्षाओं को हासिल करने में सफल होना है, तो सभी सदस्य देशों का व्यक्तिगत और सामूहिक कर्तव्य है कि वे बंदूकों को स्थायी रूप से शांत करने की दिशा में और अधिक प्रयास करें।" मनांगाग्वा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रभावित आबादी को मानवीय सहायता के प्रावधान को बढ़ाने और पूर्वी डीआरसी में चल रहे शांति और सुरक्षा प्रयासों को बढ़ाने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनुसार, डीआरसी के प्रमुख पूर्वी शहर गोमा में शांति बहाल हो रही है, लेकिन बाहरी इलाकों में हैजा और एमपॉक्स सहित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। शांति अभियानों के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "गोमा में, वर्तमान में, स्थिति तनावपूर्ण और अस्थिर बनी हुई है, शहर के भीतर कभी-कभी गोलीबारी जारी रहती है, लेकिन मैं कहूंगा कि कुल मिलाकर, शांति धीरे-धीरे बहाल हो रही है।" लैक्रोइक्स ने कहा, "शहर के अधिकांश हिस्सों में पानी और बिजली बहाल कर दी गई है, लेकिन हम अभी भी अप्रयुक्त गोला-बारूद की चुनौती से जूझ रहे हैं... जो आवागमन की स्वतंत्रता के लिए एक बहुत गंभीर बाधा है।" हाल ही में हुई लड़ाई में शहर के हवाई अड्डे के रनवे को काफी नुकसान पहुंचा है और वे उपयोग के लायक नहीं हैं। सहायता को हवाई मार्ग से नहीं पहुंचाया जा सकता है क्योंकि पड़ोसी रवांडा में केवल सड़कें खुली हैं और घरेलू धमनियाँ बंद हैं। (आईएएनएस)
तेल अवीव, 1 फरवरी । हमास ने शनिवार को तीसरे इजरायली बंधक को भी रिहा कर दिया। अमेरिकी-इजरायली नागरिक कीथ सीगल की रिहाई से कुछ समय पहले फिलिस्तीनी ग्रुप ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक दो बंधकों को मुक्त कर दिया। 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' के मुताबिक हमास ने सीगल को गाजा बंदरगाह पर रेड क्रॉस को सौंप और फिर उन्हें गाजा में इजरायली सेना के पास ले जाया गया। सीगल को पट्टी से बाहर निकालकर शुरुआती जांच के लिए रीम के बॉर्डर कम्युनिटी के पास एक सैन्य सुविधा में लाया जाएगा। 65 वर्षीय अमेरिकी इजरायली कीथ सीगल को 7 अक्टूबर के हमले के दौरान उनकी पत्नी अवीवा के साथ कफर अजा बस्ती से ले जाया गया था।
उनकी पत्नी को नवंबर 2023 में रिहा किया गया था। इससे पहले रविवार को ही फ्रांसीसी-इजरायली दोहरी नागरिकता वाले ओफर काल्डेरोन और यार्डेन बिबास को दक्षिणी गाजा शहर खान यूनिस में रेड क्रॉस को सौंपा गया। रिपोर्ट के मुताबिक काल्डेरोन मध्य इजराइल के शीबा मेडिकल सेंटर पहुंच गए हैं जहां उनकी अपने परिवार के सदस्यों मुलाकात होगी और डॉक्टर उनकी जांच करेंगे। काल्डेरोन के साथ रिहा किए गए बिबास, रीम के पास सेना के केंद्र में अपने परिवार से मिले। उन्हें हेलीकॉप्टर से मध्य इजरायल के एक अस्पताल में ले जाया जाएगा। इन तीनों की रिहाई के बदले में इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों के एक और जत्थे को रिहा करेगा। 19 जनवरी को युद्ध विराम लागू होने के बाद से यह कैदियों के बदले बंधकों की चौथी ऐसी अदला-बदली होगी।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक 54 वर्षीय फ्रांसीसी इजरायली ओफर काल्डेरोन को 7 अक्टूबर हमले के दौरान नीर ओज की इजरायली बस्ती से उनके दो बच्चों के साथ बंदी बना लिया गया था। बच्चों को नवंबर 2023 में रिहा कर दिया गया। 35 वर्षीय इजरायली अर्जेंटीनी यार्डेन बिबास को नीर ओज से गाजा में ले जाया गया। हमले के दौरान उनकी पत्नी और दो बच्चों को भी अलग-अलग बंदी बना लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने दावा किया कि बिबास की पत्नी और बच्चे, जिन्हें गाजा के एक अलग इलाके में रखा गया था, युद्ध के दौरान इजरायली बमबारी में मारे गए। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इस हमले ने एक युद्ध को जन्म दिया जिसने गाजा को तबाह कर दिया है। गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के 15 महीने के सैन्य हमले में इस क्षेत्र में 47,460 फिलिस्तीनी मारे गए जबकि 111,580 घायल हुए। --(आईएएनएस)
तेल अवीव, 1 फरवरी । फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने शनिवार को दो इजरायली बंधकों को रेड क्रॉस को सौंप दिया। जबकि तीसरे को दिन में बाद में रिहा किए जाने की संभावना है। इनकी रिहाई के बदले में इजरायल फिलिस्तीनी कैदियों के एक और जत्थे को रिहा करेगा। 19 जनवरी को युद्ध विराम लागू होने के बाद से यह कैदियों के बदले बंधकों की चौथी ऐसी अदला-बदली होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी-इजरायली दोहरी नागरिकता वाले ओफर काल्डेरोन और यार्डेन बिबास को दक्षिणी गाजा शहर खान यूनिस में रेड क्रॉस को सौंपा गया। अमेरिकी-इजरायली दोहरी नागरिकता वाले कीथ सीगल को शनिवार को ही किसी अन्य स्थान पर सौंपे जाने की उम्मीद है।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक 54 वर्षीय फ्रांसीसी इजरायली ओफर काल्डेरोन को 7 अक्टूबर हमले के दौरान नीर ओज की इजरायली बस्ती से उनके दो बच्चों के साथ बंदी बना लिया गया था। बच्चों को नवंबर 2023 में रिहा कर दिया गया। 35 वर्षीय इजरायली अर्जेंटीनी यार्डेन बिबास को नीर ओज से गाजा में ले जाया गया। हमले के दौरान उनकी पत्नी और दो बच्चों को भी अलग-अलग बंदी बना लिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने दावा किया कि बिबास की पत्नी और बच्चे, जिन्हें गाजा के एक अलग इलाके में रखा गया था, युद्ध के दौरान इजरायली बमबारी में मारे गए। 65 वर्षीय अमेरिकी इजरायली कीथ सीगल को 7 अक्टूबर के हमले के दौरान उनकी पत्नी अवीवा के साथ कफर अजा बस्ती से ले जाया गया था। उनकी पत्नी को नवंबर 2023 में रिहा किया गया था। इन तीनों की रिहाई से अब तक युद्ध विराम समझौते के तहत रिहा किए गए बंधकों की संख्या 18 हो जाएगी।
दूसरी तरफ अब तक चार सौ फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जा चुका है - जिनमें बम विस्फोटों और अन्य हमलों के लिए लंबी सजा काट रहे लोगों से लेकर बिना किसी आरोप के पकड़े गए किशोर शामिल हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला करके 251 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इस हमले ने एक युद्ध को जन्म दिया जिसने गाजा को तबाह कर दिया है। गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के 15 महीने के सैन्य हमले में इस क्षेत्र में 47,460 फिलिस्तीनी मारे गए जबकि 111,580 घायल हुए। -(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 1 फरवरी । राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि फिलाडेल्फिया में शुक्रवार को एक प्लेन क्रैश पर दुख जताते हुए कहा कि, 'और निर्दोष लोगों की जान चली गई।' बता दें दो दिन पहले ही वाशिंगटन में भीषण विमान दुर्घटना हुई थी जो अमेरिका में 20 वर्षों में सबसे घातक विमान हादसा था। ट्रंप ने विमान दुर्घटना के बारे में कहा, "फिलाडेल्फिया, पेनसिल्वेनिया में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से बहुत दुख हुआ। और निर्दोष लोगों की जान चली गई।" अधिकारियों के अनुसार विमान में छह लोग सवार थे। हालांकि किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक शुक्रवार रात को एक ट्विन इंजन मेडीवैक जेट, जिसमें एक बीमार बच्चा और उसकी मां सवार थी, पूर्वोत्तर फिलाडेल्फिया के एक इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे भयंकर विस्फोट हुआ।
संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के मुताबिक लीयरजेट 55 विमान, जिसमें छह लोग सवार थे, पूर्वोत्तर फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद क्रैश हो गया। फ्लाइट ऑपरेटर जेट रेस्क्यू एयर एम्बुलेंस के प्रवक्ता शाई गोल्ड ने बताया कि विमान में एक बाल रोगी और उसकी मां सवार थीं, जो फिलाडेल्फिया में बच्चे का इलाज कराने के बाद मैक्सिको लौट रहे थे। एफएए ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान मिसौरी में स्प्रिंगफील्ड-ब्रैनसन नेशनल एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था। गोल्ड ने बताया कि फ्लाइट ने अपने अंतिम गंतव्य तिजुआना, मेक्सिको के लिए आगे बढ़ने से पहले स्प्रिंगफील्ड एयरपोर्ट पर ईंधन भरने के लिए रुकने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा कि कि विमान में चार चालक दल के सदस्य भी सवार थे - एक पायलट, सह-पायलट, पैरामेडिक और डॉक्टर। मेक्सिको के विदेश मंत्रालय के अनुसार विमान में सवार सभी छह लोग मैक्सिकन नागरिक थे। एयर एम्बुलेंस कंपनी ने शुक्रवार को कहा, 'इस समय, हम किसी के जीवित बचे होने की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।' यह विमान दुर्घटना वाशिंगटन डीसी में एक कमर्शियल जेट और एक सैन्य हेलीकॉप्टर के बीच हुई एक बड़ी टक्कर के ठीक दो दिन बाद हुई। अधिकारियों को संदेह है कि दोनों विमानों में सवार सभी 67 लोग मारे गए थे। -(आईएएनएस)
ओटावा, 1 फरवरी । प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडाई आयात पर शुल्क लगाते हैं तो कनाडा 'उद्देश्यपूर्ण, सशक्त, उचित, तत्काल' प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। टोरंटो में कनाडा-अमेरिका संबंध परिषद की बैठक में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सीबीसी न्यूज के हवाले से यह जानकारी दी। ट्रूडो ने कहा, 'यह वह नहीं जो हम चाहते हैं, लेकिन यदि वह आगे बढ़ेंगे, तो हम भी कार्रवाई करेंगे।' रिपोर्ट में कहा गया कि विदेश मंत्री मेलानी जोली, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डेविड मैकगिन्टी और आव्रजन मंत्री मार्क मिलर सभी अमेरिकी राजधानी में हैं।
यह सभी रिपब्लिकन सांसदों और ट्रंप की टीम के संपर्क में है ताकि राष्ट्रपति ट्रंप को मनाया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसके तहत मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% और चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% का शुल्क लगाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने कनाडाई तेल के लिए कहा कि टैरिफ दर 10% होगी, जबकि कनाडा के दूसरे आयातों के लिए 25% टैरिफ दर होगी लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि तेल और प्राकृतिक गैस पर व्यापक टैरिफ फरवरी के मध्य में आएंगे। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, कच्चा तेल कनाडा से अमेरिका का शीर्ष आयात है, जो 2023 में लगभग 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। चीन, कनाडा और मेक्सिको अमेरिका के शीर्ष व्यापारिक साझेदार हैं, जिनका पिछले साल अमेरिका में आयातित वस्तुओं में 40% हिस्सा था। इस बात की आशंका बढ़ रही है कि नए भारी शुल्कों से एक बड़ा व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है और साथ ही अमेरिका में कीमतें भी बढ़ सकती हैं। -(आईएएनएस)
बेरूत, 1 फरवरी । अनुसार पूर्वी लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में दो लोग मारे गए और 10 अन्य घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने एक बयान जारी किया। बयान में उन्होंने पुष्टि की है कि शुक्रवार को इजरायली हवाई हमलों में बेका क्षेत्र के एक गांव को निशाना बनाया गया, जिसमें कई लोग हताहत हुए। नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने सिन्हुआ को बताया कि "इजरायली युद्धक विमानों ने शुक्रवार को भोर में चार हवाई हमले किए। इन हमलों में जनता और पूर्वी लेबनान में लेबनान-सीरियाई सीमा पर अवैध क्रॉसिंग को निशाना बनाया गया।"
सूत्र ने आगे कहा कि "इजरायली जेट विमानों ने टारगेट पर हवा से जमीन पर मार करने वाली 8 मिसाइलें दागीं। इन हमलों में कई लोग हताहत हुए, एक ट्रक नष्ट हो गया और लेबनान और सीरिया को जोड़ने वाली अवैध क्रॉसिंग को काफी नुकसान पहुंचा।" लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी (एनएनए) ने बताया कि "इजरायली युद्धक विमानों ने शुक्रवार को सुबह करीब 3:00 बजे बेका क्षेत्र में पूर्वी पर्वत श्रृंखला पर कई हवाई हमले किए।" इसमें कहा गया है कि "हमलों ने अल-वावियात क्षेत्र में बैटरी और स्क्रैप मेटल ले जा रहे एक ट्रक को निशाना बनाया। साथ ही हमलों में पूर्वी लेबनान के हनीदर शहर के बाहरी इलाके के पास जब्ब अल-वार्ड क्रॉसिंग भी शामिल है।" लेबनानी नागरिक सुरक्षा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सिन्हुआ को बताया कि बचाव दल ने "टारगेट वाले स्थान से दो शवों और कई घायल व्यक्तियों को बेका क्षेत्र के अस्पतालों में पहुंचाया है। घायलों में से एक की हालत गंभीर है, और बचाव कार्य अभी भी जारी है।" 27 नवंबर, 2024 से इजरायल और लेबनान के बीच युद्ध विराम समझौता लागू है। (आईएएनएस)