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तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने बुधवार को अपने वीडियो संदेश में कहा है कि उनकी मृत्यु के बाद भी धर्मगुरु चुनने की परंपरा जारी रहेगी.
यह पहली बार है, जब बौद्ध धर्म के तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने इतनी स्पष्टता से कहा है कि उत्तराधिकारी चुनने की परंपरा जारी रहेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पुनर्जन्म को खोजने और पहचानने की प्रक्रिया पूरी तरह से गादेन फोडरंग फाउंडेशन के अधीन होगी और "किसी अन्य को इस मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है."
दलाई लामा को तिब्बत के संरक्षक संत अवलोकितेश्वर या चेनरेज़िग का जीवित अवतार माना जाता है. दलाई लामा की भूमिका प्राचीन है और 15वीं शताब्दी से अब तक 14 दलाई लामा हुए हैं.
मार्च में प्रकाशित अपनी पुस्तक वॉयस फॉर द वॉइसलेस में दलाई लामा में कहा था कि ऐसा भी हो सकता है कि उत्तराधिकारी का जन्म चीन के बाहर होगा.
माना जाता है कि दलाई लामा के निधन के बाद उनका पुनर्जन्म होता है और उस बच्चे की खोज धर्मगुरु करते हैं. (bbc.com/hindi)