अंतरराष्ट्रीय

(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 2 जुलाई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित रखे जाने के बीच कहा है कि उनकी सरकार ने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था।
पाकिस्तान की कृषि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर बड़े पैमाने पर निर्भर है और पानी की दिशा मोड़ने का कोई भी प्रयास या यहां तक कि इसे अस्थायी रूप से रोकने का प्रयास भी देश के लिए विनाशकारी हो सकता है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ ने बताया कि शरीफ ने मंगलवार को राष्ट्रीय आपातकालीन परिचालन केंद्र के दौरे के समय जल समस्या पर बात की।
शरीफ ने कहा कि ‘‘दुश्मन’’ जल संधि के खिलाफ कदम उठाना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए सरकार ने फैसला किया है कि हम अपना जल भंडारण बनाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि सरकार दियामर भाषा बांध और अन्य संसाधनों का उपयोग करके ‘‘गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता’’ का निर्माण करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अगले कुछ वर्षों में अपने संसाधनों से इस क्षमता का निर्माण करेंगे। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है।’’ (भाषा)