पेरिस, 13 मार्च । यूरोप की शीर्ष पांच सैन्य शक्तियों ने यूक्रेन के समर्थन में आवाज बुलंद की है। फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और पोलैंड के रक्षा मंत्रियों ने पेरिस में मुलाकात की और यूक्रेनी सेना के प्रति समर्थन जताया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बैठक के बाद प्रकाशित संयुक्त घोषणापत्र में मंत्रियों ने यूक्रेन में शांति के लिए मजबूत यूरोपीय समर्थन पर सहमति जताई। इसमें यूक्रेन के साथ रक्षा औद्योगिक सहयोग परियोजनाओं में तेजी लाना भी शामिल है। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेनी सेना की रक्षा क्षमता कीव के लिए 'पहली सुरक्षा गारंटी में से एक' होगी। उनके अनुसार "दीर्घकालिक सुरक्षा की सच्ची गारंटी वह क्षमताएं होगी जो हम यूक्रेनी सेना को प्रदान कर सकते हैं।" इतालवी रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने कहा कि यूक्रेन का कोई भविष्य नहीं होगा, 'जब तक कि वह अपनी रक्षा करने में सक्षम न हो।' यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब यूक्रेन ने वाशिंगटन के 30 दिवसीय युद्ध विराम समझौते पर सहमति जता दी है। मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद कीव ने युद्ध विराम प्रस्ताव को स्वीकारने की घोषणा की।
यूरोपीय भागीदारी के बिना आयोजित वार्ता के परिणामस्वरूप यह बयान आया कि यूक्रेन को नए सिरे से अमेरिकी सुरक्षा सहायता मिलेगी और अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक पहुंच के लिए प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। वार्ता से बाहर रखे जाने के बावजूद, यूरोपीय नेताओं ने महाद्वीप की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों को जारी रखते हुए अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुई प्रगति का स्वागत किया। इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि अमेरिका ने पूर्ण अंतरिम युद्ध विराम प्रस्ताव रखा है, जिसमें न केवल काला सागर में बल्कि पूरे फ्रंट लाइन पर मिसाइल, ड्रोन और बम हमलों को रोका जाएगा। जेलेंस्की ने कहा, "यूक्रेन इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है - हम इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं और इसे अपनाने के लिए तैयार हैं।" --(आईएएनएस)
गाजा, 13 मार्च । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने गाजा प्लान को लेकर भारी आलोचना का सामना कर रहे हैं। हालांकि बुधवार को वह अपने पुराने रुख से पलटते नजर आए जब उन्होंने कहा, "कोई भी किसी को गाजा से बाहर नहीं निकाल रहा।" मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में आयरिश प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन के साथ अपनी बैठक से पहले कहा कि गाजा से किसी को भी 'निष्कासित' नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "कोई भी किसी को गाजा से नहीं निकाल रहा है।" ट्रंप ने गाजा पट्टी को खाली करने और इसे अमेरिकी नियंत्रण में लेकर विकसित करने की योजना पेश की थी हालांकि उनके प्लान की व्यापक आलोचना हुई लेकिन इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका समर्थन किया। अमेरिका का बदला रुख दरअसल बुधवार को कतर में हुई एक अहम बैठक के बाद दिखा। इस मीटिंग में अरब विदेश मंत्रियों अमेरिका के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के साथ गाजा के पुनर्निर्माण पर चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कतर के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक में कतर, जॉर्डन, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के महासचिव उपस्थित थे।
मंत्रालय ने कहा, "अरब विदेश मंत्रियों ने गाजा पुनर्निर्माण योजना पर चर्चा की, जिसे 4 मार्च, 2025 को काहिरा में आयोजित अरब लीग शिखर सम्मेलन में मंजूरी दी गई थी।" इसमें कहा गया, "उन्होंने इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण प्रयासों के आधार के रूप में इस योजना पर परामर्श और समन्वय जारी रखने के लिए अमेरिकी दूत के साथ सहमति व्यक्त की।" शनिवार को, 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने सऊदी अरब में एक आपातकालीन बैठक में अरब लीग की प्रस्तावित गाजा योजना को औपचारिक रूप से अपनाया था। मिस्र की ओर से शुरू की गई यह पहल ट्रंप के गाजा प्लान के जवाब में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के भावी प्रशासन के तहत गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण का समर्थन करती है। मंगलवार को कतर में गाजा में युद्ध विराम पर वार्ता का एक नया दौर भी शुरू हुआ, जिसमें मध्यस्थता के लिए विटकॉफ को दोहा भेजा गया। कतर के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "अरब मंत्रियों ने गाजा और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में युद्ध विराम बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, दो-राज्य समाधान के आधार पर न्यायपूर्ण और व्यापक शांति प्राप्त करने के लिए वास्तविक प्रयासों की जरुरत पर बल दिया, जिससे फिलिस्तीनी लोगों की स्वतंत्रता और आजादी की आकांक्षाओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।" इससे पहले रविवार को, हमास नेतृत्व के राजनीतिक सलाहकार ताहिर अल-नोनो ने कतर की राजधानी में वाशिंगटन के साथ अभूतपूर्व, सीधी बातचीत की पुष्टि की। बातचीत गाजा में सशस्त्र समूह द्वारा पकड़े गए एक अमेरिकी-इजरायली नागरिक की रिहाई पर केंद्रित थी। अल-नोनो ने कहा कि हमास नेताओं और अमेरिका के बंधक वार्ताकार एडम बोहलर के बीच हुई बैठकों में इस बात पर भी चर्चा हुई कि गाजा पर युद्ध समाप्त करने के उद्देश्य से हमास और इजरायल के बीच चरणबद्ध युद्धविराम समझौते को कैसे लागू किया जाए। बोहलर और हमास के बीच सीधी चर्चा ने वाशिंगटन की दशकों पुरानी नीति को तोड़ दिया, जिसके तहत अमेरिका उन समूहों के साथ बातचीत नहीं करता जिन्हें वह 'आतंकवादी संगठन' कहता है।
हमास के प्रतिनिधिमंडल ने भी पिछले दो दिनों में मिस्र के मध्यस्थों से मुलाकात की और इजरायल के साथ युद्ध विराम के अगले चरण पर बातचीत करने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की, जबकि इजरायल ने युद्ध विराम वार्ता के लिए सोमवार को दोहा में वार्ताकारों को भेजा। गाजा युद्ध विराम समझौते का 42-दिवसीय पहला चरण इस महीने की शुरुआत में खत्म हो गया। इजरायल ने घोषणा की कि वह संघर्ष विराम के पहले चरण को रमजान और पासओवर [यहूदी त्योहार] या 20 अप्रैल तक बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन करता है। उसने कहा कि यह प्रस्ताव ट्रंप प्रशासन के मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ की ओर से आया है। इजरायल ने न सिर्फ अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है बल्कि गाजा में सभी वस्तुओं की सप्लाई रोकने का भी फैसला किया। हमास ने अस्थायी युद्ध विराम के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वाकारने के लिए इजरायल की आलोचना की। फिलिस्तीनी ग्रुप के मुताबिक यहूदी राष्ट्र का यह कदम गाजा युद्ध विराम समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्ता को टालने की कोशिश है। --(आईएएनएस)
हेग, 13 मार्च। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप में बुधवार को हिरासत में ले लिया।
दुतेर्ते पर पद पर रहते हुए मादक पदार्थ रोधी कार्रवाई के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप हैं।
मानवाधिकार संगठनों और पीड़ित परिवारों ने दुतेर्ते की गिरफ्तारी की सराहना की है। अदालत के मुख्य अभियोजक करीम खान ने इसे “जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम’’ करार दिया।
दुतेर्ते को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनैंड मार्कोस के प्रशासन की आलोचना की। मार्कोस और दुतेर्ते के बीच पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है।
दुतेर्ते (79) मनीला से विमान के जरिए नीदरलैंड पहुंचे, जहां मंगलवार को आईसीसी के अनुरोध पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नीदरलैंड की अदालत ने एक बयान में कहा कि किसी संदिग्ध के आने पर मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप एहतियात के तौर पर उसे चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाती है और उसी क्रम में दुतेर्ते को भी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। हालांकि अदालत ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि दुतेर्ते का स्वास्थ्य कैसा है।
एक एम्बुलेंस उस विमान के नजदीक पहुंची जिसमें दुतेर्ते सवार थे। इसके बाद चिकित्सक विमान के अंदर गए। इस दौरान पुलिस का एक हेलीकॉप्टर हवाई अड्डे के करीब मंडराता रहा और बाद में पुलिस सुरक्षा में एक काली एसयूवी हवाई अड्डे से बाहर जाती दिखाई दी।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी।
फिलीपीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को मनीला में जारी एक बयान में कहा कि हेग स्थित फिलीपीन दूतावास ने दुतेर्ते के आगमन पर उन्हें राजनयिक पहुंच मुहैया कराई। साथ ही ठंड़ के कपड़े और जरूरत का अन्य सामान भी उपलब्ध कराया गया।
कुछ ही दिनों में दुतेर्ते को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर उन्हें अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
पीड़ित परिवारों ने दुतेर्ते की गिरफ्तारी पर खुशी जताई है और उम्मीद जताई कि उन्हें न्याय मिलेगा।
आईसीसी ने 2021 में कथित मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान सामूहिक हत्याओं के आरोपों की जांच शुरू की। राष्ट्रीय पुलिस के अनुसार दुतेर्ते के राष्ट्रपति कार्यकाल में इन घटनाओं में 6,000 से अधिक लोग मारे गए थे वहीं मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि 30,000 लोग मारे गए थे। (एपी)
वाशिंगटन, 13 मार्च। कुवैत ने अमेरिकी कैदियों के एक समूह को रिहा कर दिया है, जिनमें मादक पदार्थों से संबंधित आरोपों में वर्षों से जेल में बंद पूर्व सैनिक और सैन्य ठेकेदार शामिल हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कुवैत के इस कदम को दो सहयोगी देशों के बीच सद्भावना के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के बंधक संबंधी मामलों के शीर्ष दूत एडम बोहलर द्वारा क्षेत्र की हाल की यात्रा के बाद इन कैदियों को रिहा किया गया है। अमेरिकी सरकार विदेशों में जेलों में बंद अपने नागरिकों को वापस लाने के निरंतर प्रयास कर रही है।
रिहा किए गए कैदियों में से छह के साथ कुवैत से न्यूयॉर्क की उड़ान में जोनाथन फ्रैंक्स भी थे। फ्रैंक्स एक निजी सलाहकार हैं, जो अमेरिकी बंधकों और बंदियों से संबंधित मामलों को देखते हैं।
फ्रैंक्स ने एक बयान में कहा, ‘‘मेरे मुवक्किल और उनके परिवार इस मानवीय कार्य के लिए कुवैत सरकार के आभारी हैं।’’
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में टिप्पणी के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रिहा किए गए कैदियों के नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
कुवैत एक छोटा किंतु तेल समृद्ध देश है जो इराक और सऊदी अरब की सीमा से लगा हुआ है और ईरान के निकट है। इसे अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी माना जाता है। (एपी)
अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों की सऊदी अरब में चल रही युद्धविराम वार्ता को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने सकारात्मक बताया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ने शांति और युद्धविराम के लिए अपनी मंशा साफ कर दी है, अब रूस को इस पर जवाब देना होगा.
उनका यह बयान तब आया जब अमेरिका के साथ बातचीत के बाद यूक्रेन ने 30 दिन के युद्धविराम के लिए मंजूरी दी.
ज़ेलेंस्की ने कहा, "अब सब कुछ रूस पर निर्भर करता है कि वो युद्धविराम चाहता है या शांति, या हिंसा जारी रखना चाहता है."
उन्होंने आगे कहा, "यूक्रेन ने अपना रुख साफ कर दिया है... अब रूस को इस पर फैसला लेना होगा."
इससे पहले, रूस ने कहा था कि वह अमेरिकी अधिकारियों से पूरी जानकारी मिलने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देगा. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक होने के बाद सुरक्षा बलों का अभियान समाप्त हो गया है और इस अभियान में सभी चरमपंथी मारे गए हैं.
बीबीसी उर्दू के मुताबिक़ आईएसपीआर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में यह दावा किया है. प्रवक्ता ने कहा है कि इस ऑपरेशन के दौरान किसी यात्री की मौत नहीं हुई है.
हालांकि प्रवक्ता ने बताया है कि ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही चरमपंथियों ने 21 लोगों की हत्या कर दी थी.
बीबसी उर्दू के मुताबिक़ पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अत्ता तरार ने बताया है कि ट्रेन में कुल 440 यात्री सवार थे, जिनमें से कई को बंधक बना लिया गया था. इन्हें बचाने का अभियान 36 घंटों तक चला.
उन्होने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने सावधानी और कुशलता से आपरेशन को अंजाम दिया, जिससे ऑपरेशन के दौरान किसी बंधक को कोई नुक़सान नहीं हुआ.(bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि यूक्रेन में युद्धविराम पर बातचीत करने अमेरिका का एक दल रूस रवाना हुआ है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया है कि इस टीम में कौन से लोग शामिल हैं.
यह ख़बर ऐसे वक़्त में सामने आई है जब सउदी अरब में अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत के बाद यूक्रेन 30 दिनों के तत्कालिक युद्धविराम के अमेरिकी प्रस्ताव पर राज़ी हो गया है.
यूक्रेन की इस रज़ामंदी के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा था कि 'गेंद अब रूस के पाले में' है.
सऊदी अरब के जेद्दा में बैठक के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा था कि अब यह अमेरिका पर निर्भर है कि वो रूस को इस मुद्दे पर कैसे तैयार करे.
इस बीच रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि वो इस युद्धविराम प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है और उसने यह भी बताया है कि ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फ़ोन पर बातचीत भी हो सकती है. (bbc.com/hindi)
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर की वापसी, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी टल गई है. इनकी वापसी का मिशन नासा और स्पेसएक्स मिलकर चला रहे हैं.
इन अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए फ़ाल्कन-9 को अमेरिका के फ़्लोरिडा से लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसमें कुछ हाइड्रोलिक समस्या पैदा हो गई है, जिसकी वजह से बुधवार को इसकी लॉनंचिंग टालनी पड़ी है.
स्पेसएक्स ने अभी यह नहीं बताया है कि इसके मशीन में पैदा हुई समस्या कब तक ठीक कर ली जाएगी.
इसे चार नए अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाना है और वहां से सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को वापस लाना है.
दोनों यात्रियों ने 5 जून 2024 को इस परीक्षण मिशन के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्षयान से उड़ान भरी थी. उन्हें आठ दिन के बाद वापस लौटना था.
स्टारलाइनर अंतरिक्षयान जब आईएसएस के क़रीब पहुंचा तो उसमें समस्याएं पैदा हो गईं. दिक्कतों में यान को दिशा देने वाले पांच थ्रस्टर्स का बंद होना बताया गया है.
61 साल के विल्मोर और 58 साल की सुनीता को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचाया था. यह अपनी तरह की पहली उड़ान थी जिसमें लोग सवार थे.
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर की वापसी 19 और 20 मार्च को होने की संभावना थी, लेकिन मिशन को आगे बढ़ाने के बाद यह तारीख़ भी बदल सकती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की ज़िम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी है. (bbc.com/hindi)
कराची/इस्लाबामाद, 12 मार्च। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों ने अपहृत की गई रेलगाड़ी के 190 यात्रियों को बचाते हुए 30 उग्रवादियों को मार गिराया। सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बलूच उग्रवादियों ने मंगलवार को एक सुरंग में हमला कर इस रेलगाड़ी पर कब्जा कर लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही।
अधिकारियों ने बताया कि नौ डिब्बों में लगभग 400 यात्रियों को लेकर जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी तभी उग्रवादियों ने विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ट्रेन को बेपटरी कर दिया और उस पर कब्जा कर लिया।
‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए) ने मंगलवार को इस हमले की जिम्मेदारी ली।
उग्रवादियों ने छह सैनिकों की हत्या कर दी हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब तक मारे गये लोगों की पुष्टि नहीं की है।
सेना और ‘फ्रंटियर कोर’ सहित सुरक्षा बल क्वेटा से 160 किलोमीटर दूर एक सुरंग में गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास ट्रेन पर नियंत्रण करने वाले उग्रवादियों का मुकाबला कर रहे हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि जब तक सभी यात्रियों को बचा नहीं लिया जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा।
रिंद ने कहा कि बंधक स्थिति के कारण सुरक्षा बल अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती जैकेट पहने कुछ उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों को एकत्र कर उन्हें अपने पास बैठने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि आत्मघाती हमलावरों के साथ महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी के कारण अभियान को बेहद सावधानी से अंजाम दिया जा रहा है।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान में अब तक 30 उग्रवादी मारे गए हैं जबकि 190 यात्रियों को बचा लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, घायल हुए करीब 30 लोगों को अस्पताल भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि अभियान के दौरान ट्रेन के मुख्य इंजन में सवार दो चालक और आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए।
यह पहली बार है जब बलूचिस्तान प्रांत में बीएलए या किसी भी उग्रवादी समूह ने यात्री ट्रेन को ‘हाइजैक’ करने का सहारा लिया है, हालांकि पिछले वर्ष उन्होंने प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों और विदेशियों पर हमले बढ़ा दिए थे।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि हमले में कितने उग्रवादी शामिल हैं लेकिन उनमें से कुछ अपने आकाओं के संपर्क में रहने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस बीच, पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आपात स्थिति डेस्क स्थापित की है क्योंकि चिंतित रिश्तेदार अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पहुंच रहे हैं।
पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय के निलंबन के बाद क्वेटा से पेशावर के लिए ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू की थी।
पाकिस्तानी मीडिया ने इससे पहले उस सुरंग के पास भीषण गोलीबारी और विस्फोट की खबर दी है, जहां उग्रवादियों ने ट्रेन पर हमला किया।
विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों को मुक्त कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया और गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि बंधकों को सुरक्षा बलों ने छुड़ाया है।
जिस इलाके में ट्रेन रुकी, वहां के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि उग्रवादियों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया है।
उन्होंने बताया कि ट्रेन में करीब चार से पांच सरकारी अधिकारी सवार थे।
पेशावर रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी तारिक महमूद ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
बीएलए ने दावा किया कि उसने ट्रेन को पटरी से उतारकर उस पर कब्जा कर लिया। समूह ने कहा कि उसने छह सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी है।
बीएलए ने एक बयान में चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की सेना कोई अभियान चलाती है, तो ‘‘सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।’’
इस समूह पर पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में प्रतिबंध है।
बलूचिस्तान में पिछले एक साल में उग्रवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
पिछले वर्ष नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 62 अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद रेलवे ने कई सेवाएं स्थगित कर दी थीं। (भाषा)
पोर्ट लुइस, 12 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ग्लोबल साउथ’ की सुरक्षा और विकास के लिए मॉरीशस से भारत के एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण की घोषणा की।
यह घोषणा क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के अथक प्रयासों की पृष्ठभूमि में की गई है।
इससे पहले, मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भारत और मॉरीशस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों के बीच समुद्री सुरक्षा, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार और दक्षता विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए आठ समझौते हुए।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को दिए बयान में घोषणा की कि ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए भारत का नया दृष्टिकोण - ‘महासागर’ (एमएएचएएसएजीएआर) यानी ‘क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति’ (म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांस्मेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ एक्रॉस रीजन्स) होगा जो विकास एवं सुरक्षा लाएगा।
उन्होंने मॉरीशस की अपनी यात्रा के दूसरे और अंतिम दिन कहा, ‘‘ग्लोबल साउथ’ के लिए हमारा दृष्टिकोण होगा - 'महासागर' - यानी क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति।’’
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण विकास के लिए व्यापार, सतत उन्नति के लिए दक्षता विकास और साझा भविष्य के लिए आपसी सुरक्षा पर केंद्रित है।’’
मोदी ने मॉरीशस को भारत का एक अहम साझेदार बताया।
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास- ‘सागर’ की भारत की परिकल्पना की नींव कैसे 10 साल पहले मॉरीशस में रखी गई थी। (भाषा)
जेद्दाह, 12 मार्च । यूक्रेन का कहना है वह रूस के साथ 30 दिन के युद्ध विराम के वाशिंगटन के प्रस्ताव का समर्थन करेगा। कीव ने कहा कि यह 'मील का पत्थर' वार्ता थी जिसके दौरान अमेरिका ने यूक्रेन के साथ सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की थी। मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद कीव ने यह घोषणा की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका अब संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित प्रस्ताव को रूस के समक्ष ले जाएगा, और गेंद अब मास्को के पाले में है। समझौता प्रस्ताव संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि यूक्रेन ने तत्काल, अंतरिम 30-दिवसीय युद्ध विराम लागू करने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसे पार्टियों के आपसी समझौते से बढ़ाया जा सकता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि अमेरिका ने पूर्ण अंतरिम युद्ध विराम प्रस्ताव रखा है, जिसमें न केवल काला सागर में बल्कि पूरे फ्रंट लाइन पर मिसाइल, ड्रोन और बम हमलों को रोका जाएगा। जेलेंस्की ने कहा, "यूक्रेन इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है - हम इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं और इसे अपनाने के लिए तैयार हैं।" अमेरिका-यूक्रेन ने शांति प्रक्रिया के हिस्से के रूप में मानवीय राहत प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से युद्ध विराम के दौरान, जिसमें युद्धबंदियों की अदला-बदली, नागरिक बंदियों की रिहाई और जबरन स्थानांतरित यूक्रेनी बच्चों की वापसी शामिल है। दोनों पक्षों ने अपनी वार्ता टीमों के नाम तय करने और तुरंत शांति वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई। आगे क्या होगा? अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है क्या रूस इस प्रस्ताव को मानेगा। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे इस समझौते मॉस्को लेकर जाएंगे। ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज आने वाले दिनों में अपने रूसी समकक्ष से मिलने वाले हैं और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस सप्ताह पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को जाने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि वह इस हफ्ते पुतिन से बात कर सकते हैं और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में एक स्थायी युद्धविराम पर बातचीत की जाएगी। रूसी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यूएस-यूक्रेन वार्ता के बाद कहा कि उसने अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ संपर्क की संभावना से इनकार नहीं किया है।
पुतिन इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेंगे यह कहना मुश्किल है। रूसी राष्ट्रपति कह चुके हैं कि वे शांति समझौते पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने और उनके राजनयिकों ने बार-बार कहा है कि वे युद्धविराम के खिलाफ हैं और इसकी जगह ऐसा समझौता चाहते हैं जो रूस की दीर्घकालिक सुरक्षा की रक्षा करे। पुतिन ने 20 जनवरी को अपनी सुरक्षा परिषद को बताया कि "कोई अल्पकालिक युद्धविराम नहीं होना चाहिए, न ही संघर्ष को जारी रखने के उद्देश्य से सेनाओं को फिर से संगठित करने और पुनः शस्त्रीकरण के लिए किसी प्रकार की राहत होनी चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक शांति होनी चाहिए।" उन्होंने क्षेत्रीय रियायतों से भी इनकार किया और कहा कि यूक्रेन को रूस के नियंत्रण वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों से पूरी तरह से हट जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रभावशाली रूसी सांसद ने बुधवार को कहा, "समझौते की आवश्यकता की पूरी समझ के साथ कोई भी समझौता - लेकिन हमारी शर्तों पर, अमेरिकी शर्तों पर नहीं।" हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका-रूस संबंध में काफी बदलाव आया है। पिछले दिनों अमेरिका और रूसी प्रतिनिधिमंडलों ने जेद्दाह में यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति वार्ता हुई थी। वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिकी-रूस वार्ता में शामिल पक्षों ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम बनाने पर सहमति जताई है। (आईएएनएस)
जेद्दा, 11 मार्च । अमेरिका ने मंगलवार को यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने और खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई। वाशिंगटन के 30-दिवसीय युद्ध विराम का समर्थन करने के बाद बाइडेन प्रसाशन ने यह फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका अब रूस के समक्ष प्रस्ताव रखेगा, और गेंद मास्को के पाले में है। सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद उन्होंने कहा, "हमारी आशा है कि रूस जल्द से जल्द 'हां' में जवाब देगा, ताकि हम इस मामले के दूसरे चरण में पहुंच सकें, जो वास्तविक वार्ता है।" रूस ने तीन साल पहले यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने का हमला किया था। मौजूदा हालात यह है कि रूस लगातार आगे बढ़ रहा है और अब तक यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है, जिसमें क्रीमिया भी शामिल है, जिसे उसने 2014 में अपने साथ मिला लिया था। रूबियो ने कहा कि वाशिंगटन रूस और यूक्रेन दोनों के साथ 'जितनी जल्दी हो सके' पूर्ण समझौता करना चाहता है। उन्होंने कहा, 'हर दिन यह युद्ध जारी रहता है, इस संघर्ष के दोनों पक्षों के लोग मरते हैं, घायल होते हैं।'
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कह चुके हैं कि वे शांति समझौते पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने और उनके राजनयिकों ने बार-बार कहा है कि वे युद्धविराम के खिलाफ हैं और इसकी जगह ऐसा समझौता चाहते हैं जो रूस की दीर्घकालिक सुरक्षा की रक्षा करे। पुतिन ने 20 जनवरी को अपनी सुरक्षा परिषद को बताया कि "कोई अल्पकालिक युद्धविराम नहीं होना चाहिए, न ही संघर्ष को जारी रखने के उद्देश्य से सेनाओं को फिर से संगठित करने और पुनः शस्त्रीकरण के लिए किसी प्रकार की राहत होनी चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक शांति होनी चाहिए।" उन्होंने क्षेत्रीय रियायतों से भी इनकार किया और कहा कि यूक्रेन को रूस के नियंत्रण वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों से पूरी तरह से हट जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रभावशाली रूसी सांसद ने बुधवार को कहा, "समझौते की आवश्यकता की पूरी समझ के साथ कोई भी समझौता - लेकिन हमारी शर्तों पर, अमेरिकी शर्तों पर नहीं।" -- (आईएएनएस)
क्वेटा, पाकिस्तान, 12 मार्च । पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने अब तक 155 यात्रियों को आतंकवादियों से सुरक्षित बचा लिया है। सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान अब तक 27 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। साथ ही यह भी पता चला है कि जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने वाले आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने मददगारों के संपर्क में हैं। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि आत्मघाती हमलावरों ने कुछ बंधक यात्रियों को अपने पास ही रखा है। बंधकों को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की कैद से रिहा हुए प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना की आपबीती बताई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस समय ट्रेन को हाईजैक किया गया, उसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया और वे चीखने-चिल्लाने लगे। ट्रेन में मौजूद सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन में ही लेट गए थे। इस दौरान हमने ब्लास्ट और फायरिंग की आवाजें भी सुनीं। उन्होंने बताया, "मैं और मेरी पत्नी ट्रेन में सवार थे। इसके बाद बंदूकधारियों ने हमें ट्रेन से नीचे उतारा और वहां से सुरक्षित जाने दिया।
वहां से निकलने के बाद हम लोग पैदल ही सुरक्षित लौट पाए हैं।" बता दें कि पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगलवार को सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन पर गोलीबारी कर उसे हाईजैक कर लिया था। जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 400 यात्री सवार थे। यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई। बीएलए ने दावा किया था कि उसने 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया और उसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए। उसका कहना था कि बंधक बनाए गए लोगों में सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है। यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है। संगठन का कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है। बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है। (आईएएनएस)
सायराक्यूज (अमेरिका), 12 मार्च। पूर्व पेशेवर मुक्केबाज माइक टायसन पर 1991 में लिमोजिन कार में बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला ने अपना मुकदमा वापस ले लिया है। अमेरिकी जिला अदालत में दायर एक पत्र से यह जानकारी मिली।
टायसन के वकील डैनियल रुबिन के पत्र में कहा गया है कि वादी के वकील ने ‘‘मुझे सूचित किया है कि वादी अपनी शिकायत वापस ले रही है और स्वेच्छा से मामले को बंद कर रही हैं।’’
न्यायाधीश मिशेल कैट्ज को सात मार्च को यह पत्र लिखा गया था।
महिला के वकीलों ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम इस बात से बेहद निराश हैं कि अदालत ने हमें मामले में दलीलों में संशोधन करने की अनुमति नहीं दी। यह शर्म की बात है कि हमारे मुवक्किल के मामले को प्रक्रियात्मक आधार पर खारिज करना पड़ा।’’
वकील डैरेन सेइलबैक द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘‘हम अपने मुवक्किल के बयान के साथ खड़े हैं और उसका 100 फीसदी समर्थन करते हैं।’’
जनवरी 2023 में दायर अपने मुकदमे में महिला ने कहा कि 1987 से 1990 तक ‘हैवीवेट चैंपियन’ रहे टायसन ने अल्बानी नाइट क्लब में उनसे मुलाकात की थी और इसके बाद उन्होंने उनसे बलात्कार किया। महिला ने कहा कि उसके बाद से वह ‘‘शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से आहत’’ रहीं।
टायसन ने इन आरोपों से इनकार किया है। 1992 में एक अलग मामले में उन्हें बलात्कार का दोषी ठहराया गया था और उन्हें तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। (एपी)
(अब्दुल वहीद)
कराची, 12 मार्च। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक सुरंग में बलूच आतंकवादियों द्वारा एक यात्री ट्रेन पर हमला किए जाने के बाद सुरक्षा बलों ने कम से कम 16 आतंकवादियों को मार गिराया और 104 यात्रियों को बचा लिया। सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि नौ डिब्बों में लगभग 400 यात्रियों को लेकर जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी तभी मंगलवार दोपहर गुदलार और पीरू कोनेरी इलाकों के बीच उस पर गोलीबारी की गई।
‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान वे महिलाओं और बच्चों सहित 104 यात्रियों को बचाने में सफल रहे।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘मुठभेड़ में 16 आतंकवादी मारे गए हैं और कई अन्य घायल हो गए हैं। मुठभेड़ अभी जारी है।’’
उन्होंने कहा कि जब तक सभी यात्रियों को ट्रेन से नहीं निकाल लिया जाता, तब तक आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
बताया जाता है कि अन्य आतंकवादी कुछ यात्रियों को पहाड़ी इलाकों में ले गए हैं और सुरक्षा बलों ने अंधेरे में उनका पीछा किया।
सूत्र ने बताया कि बचाए गए यात्रियों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं तथा उन्हें एक अन्य ट्रेन से माच (पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कच्छी जिले का एक शहर) भेजा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने अंधेरे का सहारा लेकर भागने की कोशिश करने के लिए अब छोटे-छोटे समूह बना लिए हैं, लेकिन सुरक्षा बलों ने सुरंग को घेर लिया है और शेष यात्रियों को भी जल्द ही बचा लिया जाएगा।’’
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि सुरक्षा बलों ने पहले एक डिब्बे से 80 यात्रियों - 43 पुरुष, 26 महिलाएं और 11 बच्चों - को छुड़ाने में कामयाबी हासिल की।
हालांकि प्राधिकारियों ने कोई और ब्यौरा नहीं दिया है, लेकिन रिंद ने बताया कि सुरंग में ट्रेन को रोके जाने की सूचना रेलवे प्राधिकारियों को मिलने के तुरंत बाद ही सैन्य टुकड़ियों सहित सुरक्षा बल उस दुर्गम इलाके में पहुंच गए थे जहां सुरंग स्थित है।
पाकिस्तानी मीडिया ने उस सुरंग के पास भीषण गोलीबारी और विस्फोट की खबर दी है, जहां आतंकवादियों ने ट्रेन पर हमला किया।
रिंद ने कहा कि पेशावर जाने वाली यात्री ट्रेन पर ‘‘भीषण’’ गोलीबारी की खबरों के बीच बचाव दल को मौके पर भेजा गया है।
इस बीच, पाकिस्तान रेलवे ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आपातकालीन डेस्क स्थापित किया है क्योंकि चिंतित रिश्तेदार अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पहुंच रहे हैं।
पिछले वर्ष अक्टूबर में पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय के निलंबन के बाद क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवाएं बहाल करने की घोषणा की थी।
जिस इलाके में ट्रेन को रोका गया है, वहां के जिला पुलिस अधिकारी राणा मोहम्मद दिलावर ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादियों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया है।
उन्होंने बताया कि ट्रेन में करीब चार से पांच सरकारी अधिकारी सवार थे।
पेशावर रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी तारिक महमूद ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
पिछले वर्ष नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 62 अन्य घायल हो गए थे जिसके बाद रेलवे ने कई सेवाएं निलंबित कर दी थीं। (भाषा)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी देने के बाद फ़िलहाल कनाडा के स्टील,अल्यूमीनियम और अन्य धातुओं पर 50 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की योजना को रोक दिया है.
हालांकि कनाडा से आयात होने वाले इन मेटल्स पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ जारी रहेगा, जो 12 मार्च यानी आज से लागू हो रहा है.
ट्रंप का यह कदम कनाडा के ओंटारियो प्रांत के उस फ़ैसले के बाद आया है जिसमें उसने नॉर्थ अमेरिका के कुछ राज्यों को भेजी जाने वाली बिजली पर 25 फ़ीसदी के नए शुल्क लगाने को रोक दिया है.
ट्रंप ने बिजली सप्लाई पर इस शुल्क के ख़िलाफ़ कनाडा पर बड़े टैरिफ़ लगाने की धमकी दी थी.
यह दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के लिहाज़ से एक अहम कदम है, जो अमेरिका और कनाडा दोनों की अर्थव्यवस्था के लिए घातक है.
अमेरिका जिन देशों से इस्पात का आयात करता है उनमें साल 2024 में कनाडा सबसे आगे रहा है. (bbc.com/hindi)
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स और एयरटेल ने स्टारलिंक हाई स्पीड इंटरनेट को भारत में लाने के लिए करार किया है.
इसकी जानकारी एयरटेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी है.
एयरटेल के बयान के अनुसार, “एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ समझौता किया है, जिसके तहत भारत में एयरटेल के ग्राहकों के लिए स्टारलिंक हाई स्पीड इंटरनेट की सेवाएं लाई जाएंगी."
"यह भारत में साइन किया गया पहला समझौता है, लेकिन इसकी शुरुआत स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक सेवाएं देने की जरूरी मंज़ूरी मिलने के बाद ही होगी.”
“इस समझौते के तहत एयरटेल और स्पेसएक्स मिलकर यह देखेंगे कि स्टारलिंक एयरटेल की सेवाओं को कैसे बेहतर बना सकता है. साथ ही, भारतीय बाजार को लेकर एयरटेल के अनुभव से स्पेसएक्स की ग्राहकों और बिज़नेस को दी जाने वाली सेवाएं कैसे और अच्छी बनाई जा सकती हैं.”
इस समझौते में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्शन भी देने की बात भी शामिल है.
यह घोषणा तब हुई है जब कुछ हफ्ते पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में एलन मस्क से मुलाकात की थी. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्रूथ पर एलान किया कि वह कनाडा से अमेरिका आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ़ बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देंगे.
उन्होंने लिखा, "कनाडा के ओंटारियो ने अमेरिका में आने वाली बिजली पर 25 फीसदी टैरिफ़ लगाया है. इसके जवाब में मैंने अपने वाणिज्य मंत्री को कहा है कि कनाडा से अमेरिका में आने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भी 25 प्रतिशत और टैरिफ़ लगाया जाए, जिससे कुल टैरिफ़ 50 फ़ीसदी हो जाएगा. कनाडा उन देशों में से एक है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगाते हैं."
यह फैसला कल सुबह 12 मार्च से लागू होगा.
इसके अलावा ट्रंप ने कनाडा से अमेरिका के डेयरी प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैरिफ़ को हटाने के लिए भी कहा है.
ट्रंप ने आगे लिखा, "मैं जल्द ही बिजली से जुड़ी नेशनल इमरजेंसी की घोषणा करूंगा ताकि कनाडा की ओर से आ रहे इस खतरे को जल्दी खत्म किया जा सके."
इसी के साथ ट्रंप ने कनाडा से अमेरिका पर लगाए जाने वाले पुराने टैरिफ़ को हटाने के लिए कहा है और कनाडा को चेतावनी भी दी कि दो अप्रैल से अमेरिका में आने वाली कनाडाई कारों पर टैक्स को काफी बढ़ा दिया जाएगा. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया है कि सऊदी अरब में यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों के बीच चल रही बातचीत प्रगति पर है.
माइक वॉल्ट्ज़ ने जेद्दाह में बातचीत के दौरान एक ब्रेक के समय कहा, "हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं."
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने इस बातचीत को "अब भी जारी प्रक्रिया" बताया है.
बीबीसी से बात करते हुए यूक्रेनी सांसद ओलेक्ज़ेंडर मेरेज़खो ने उम्मीद जताई कि अमेरिका फिर से यूक्रेन की सेना को समर्थन देना शुरू करेगा.
उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था. अभी भी यकीन करना मुश्किल है कि ऐसा हुआ है. हमारी सेना और नागरिकों की ज़िंदगी अमेरिकी सैन्य मदद पर टिकी है."
"मुझे उम्मीद है कि इस बातचीत के ज़रिए अमेरिका फिर से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और खुफिया जानकारी देना शुरू करेगा. हमें इस बातचीत से बहुत उम्मीदें हैं."
हाल के दिनों में यूक्रेन और अमेरिका के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव करते हुए रूस पर दबाव बनाने के बजाय यूक्रेन को ज्यादा रियायतें देने को कहा. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन पर हथियारबंद चरमपंथियों ने हमला कर यात्रियों को बंधक बना लिया है.
हमले की ज़िम्मेदारी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है. ये हमला क़्वेटा से पेशावर जा रही जाफ़र एक्सप्रेस पर हुआ है.
बीबीसी उर्दू के मुताबिक पाकिस्तान के सैन्य सूत्रों ने दावा किया है कि जाफर एक्सप्रेस हमले के बाद अब तक 104 यात्रियों को बचा लिया गया है, जबकि इस अभियान में 16 चरमपंथी मारे गए हैं.
इस बीच जाफर एक्सप्रेस के 80 यात्री मच्छ रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं, जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई है.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक़ इस ट्रेन में 9 डब्बे थे और इनमें 400 से ज़्यादा मुसाफ़िर सवार थे.
पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा है कि जाफर एक्सप्रेस के कई यात्रियों को ट्रेन से उतारकर चरमपंथी उन्हें पहाड़ी इलाक़े में ले गए हैं. (bbc.com/hindi)
सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुई बातचीत के एक दिन बाद यूक्रेन ने कहा है कि वो रूस के साथ तीस तीनों के तत्काल युद्ध विराम के अमेरिकी प्रस्ताव के लिए तैयार है.
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि वो इस प्रस्ताव को रूस के सामने भी रखेंगे और अब 'गेंद रूस के पाले में है.'
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़लेंस्की ने कहा है कि अब यह अमेरिका पर नर्भर है कि वो रूस को इस सकारात्मक प्रस्ताव के लिए तैयार करे.
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय में क़रीब दो हफ़्ते पहले राष्ट्रपति ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच हुई बहस के बाद मंगलवार को सऊदी अरब में दोनों देशों के बीच पहली बार ऑधिकारिक बैठक हुई है.
एक संयुक्त बयान में अमेरिका यह भी कहा है कि वो तुरंत ही यूक्रेन के साथ गोपनीय सूचनाएं और सुरक्षा सहयोग भी शुरू करेगा.
अमेरिका ने ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच हुई बहस के बाद इस पर रोक लगा दी थी. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 11 मार्च । पाकिस्तान का उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) एक बार फिर अपनी हिंसक कार्रवाई के लिए चर्चा का विषय बन गया है। बीएलए ने दावा किया है कि इसने मंगलवार को सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन पर हमला कर 100 से अधिक लोगों को बंधक बनाया है जिसमें कई सुरक्षा अधिकारी शामिल है। इसका यह भी कहना है कि इसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 400 यात्री सवार थे। यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई।
आखिर यह बीएलएल क्या है जिसने न सिर्फ पाकिस्तान को बड़ी टेंशन दे दी है। क्या है इसका इतिहास और क्या है इसकी मांगे?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जिसे बलूच लिबरेशन आर्मी के नाम से भी जाना जाता है, एक बलूच जातीय राष्ट्रवादी उग्रवादी संगठन है।
माना जाता है कि यह ग्रुप मुख्य रूप से दक्षिणी अफगानिस्तान में क्रेंदित है और यहीं से यह पड़ोसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमले करता है। यह अक्सर पाकिस्तान सशस्त्र बलों, नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता है।
बीएलए का मकसद का बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद करना है। यह पाकिस्तानी सरकार पर बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएलए को बलूचिस्तान में सक्रिय सबसे बड़ा सशस्त्र समूह माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बीएलए के कई हजार सदस्य हैं।
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) 25 साल से अधिक समय से सक्रिय है और ज्यादातर छोटे हमले करता रहा है लेकिन पिछले कुछ महीनों में इसने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है।
'द बलूचिस्तान पोस्ट' के मुताबिक वर्ष 2024 में बलूचिस्तान में हिंसक गतिविधियों में तीव्र वृद्धि देखी गई क्योंकि 'स्वतंत्रता समर्थक उग्रवादी समूहों ने पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए।
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) और अन्य संगठनों ने कथित तौर पर सैन्य बलों, बुनियादी ढांचे और राज्य सहयोगियों को निशाना बनाकर सैकड़ों हमले किए।
सामूहिक रूप से, इन ग्रुप्स ने 938 हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 1002 से अधिक मौतें, 689 घायल और कम से कम 546 संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
2024 में बीएलए सबसे सक्रिय ग्रुप बना रहा, जिसने 302 हमले किए, जिनमें कथित तौर पर 580 से ज्यादा लोगों की मौत हुई जबकि 370 से अधिक घायल हुए। कम से कम 171 हमलों में संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
ग्रुप ने 21 जिलों में 240 क्षेत्रों में ऑपरेशन करने का दावा किया। रिपोर्ट के मुताबिक इसके करीब 52 लड़ाके मारे गए जिनमें से अधिकतर मजीद ब्रिगेड के थे। मजीद ब्रिगेड हाई-प्रोफाइल आत्मघाती अभियानों को अंजाम देती है।
बीएलए ने कहा कि मजीद ब्रिगेड ने 2024 में छह बड़े ऑपरेशन किए, जिससे कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान हुआ।
बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है।
(आईएएनएस)
ढाका, 11 मार्च । बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इस बीच स्थानीय मीडिया के मुताबिक मंगलवार को छह जिलों में छह बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आई हैं। सोमवार को छह जिलों में बलात्कार के आरोप में कम से कम सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिन बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, वे सभी छह से चौदह साल की उम्र के हैं। प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, इन घटनाओं में से एक में, यौन उत्पीड़न की शिकार एक किशोरी ने स्थानीय मध्यस्थता बैठक के दौरान झूठा आरोप लगाए जाने और बदनाम किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को उजागर कर दिया है। बांग्लादेश में हाल ही में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ महिला के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को लेकर कई प्रदर्शन हुए हैं। देश में महिलाएं बलात्कार के अपराधियों के लिए सख्त सजा और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं। बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया के अनुसार, देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों ने हाल की बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उन्होंने अपराधियों के लिए कठोर सजा की मांग की। प्रदर्शन के दौरान ढाका विश्वविद्यालय की प्रोफेसर तस्नीम सिराज महबूब ने गृह मामलों के सलाहकार को उनके इस्तीफे के बजाय बर्खास्त करने की मांग की, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने महीनों पहले इसकी मांग की थी। देश के प्रमुख दैनिक ढाका ट्रिब्यून ने उनके हवाले से कहा, 'इस्तीफा एक सम्मानजनक विदाई है। वह इस सम्मान के लायक नहीं हैं।' शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पहले हाथ मिलाने वाले विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने भी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति और बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं की निंदा की। यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एक रैली को संबोधित करते हुए बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त सचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि देश में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि वर्तमान प्रशासन की निष्क्रियता के कारण है। रिजवी ने कहा, "मौजूदा अंतरिम सरकार के तहत यह स्थिति क्यों पैदा हो रही है? अगर प्रशासन ठीक से काम करता तो बलात्कार, हत्या, चोट और भ्रष्टाचार की घटनाएं नहीं बढ़तीं।" उन्होंने कहा कि अब वास्तविकता यह है कि देश में कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के महासचिव मिया गुलाम परवार ने ढाका ट्रिब्यून से कहा, "महिलाएं और बच्चे आज कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं - चाहे वह बसों, ट्रेनों, लॉन्चों, कार्यालयों, घरों, स्कूलों या मदरसों में हो। देश में स्थिति अखबारों और मीडिया में दिखाई गई स्थिति से कहीं ज़्यादा खराब है।" --(आईएएनएस)
मॉस्को, 11 मार्च । यूक्रेन ने मंगलवार को रूसी राजधानी पर अपना सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस में कुल 337 यूक्रेनी ड्रोन गिराए गए। 91 ड्रोन मॉस्को क्षेत्र में गिराए गए जबकि और 126 कुर्स्क क्षेत्र में गिराए गए, जहां से यूक्रेनी सेनाएं पीछे हट रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन अटैक में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, एयरपोर्ट बंद हो गए और दर्जनों उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। यह बड़ा ड्रोन हमला ऐसे समय में हुआ है, जब यूक्रेनी अधिकारियों का एक दल तीन वर्ष पुराने युद्ध में संभावित शांति वार्ता के लिए आधार तलाशने के लिए सऊदी अरब में अमेरिकी दल से मिलने की तैयारी कर रहा है। वहीं रूसी सेना पश्चिमी रूसी क्षेत्र कुर्स्क में हजारों यूक्रेनी सैनिकों को घेरने की कोशिश कर रही है। बता दें पिछले साल अगस्त में हजारों यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र के लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। रूस को हाल के दिनों में क्षेत्र में कुछ कामयाबी मिली है। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने कहा कि हवाई सुरक्षा अभी भी शहर पर हमलों को रोक रही है। उन्होंने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, "मॉस्को पर दुश्मन के यूएवी (मानव रहित हवाई वाहनों) के सबसे बड़े हमले को नाकाम कर दिया गया है।"
रूस की राजधानी और आस-पास के क्षेत्र की आबादी कम से कम 21 मिलियन है। यह यूरोप के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को क्षेत्र के गवर्नर आंद्रेई वोरोब्योव ने कहा कि कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। उन्होंने एक क्षतिग्रस्त अपार्टमेंट की तस्वीर पोस्ट की, जिसकी खिड़कियां हमले में उड़ गई थीं। वोरोब्योव ने कहा कि कुछ लोगों को क्रेमलिन से लगभग 50 किमी (31 मील) दक्षिण-पूर्व में मॉस्को क्षेत्र के रामेंस्कोय जिले में एक बहुमंजिला इमारत खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को में दहशत का कोई संकेत नहीं था, यात्री सेंट्रल मॉस्को में सामान्य रूप से काम पर जाते देखे गए। रूस के विमानन निगरानीकर्ता ने कहा कि हमलों के बाद हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मास्को के सभी चार हवाई अड्डों पर उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं। मास्को के पूर्व में यारोस्लाव और निजनी नोवगोरोड क्षेत्रों में दो अन्य हवाई अड्डे भी बंद कर दिए गए हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वे यूक्रेन में शांति स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन कुर्स्क में रूस के बड़े हमले और रूस में यूक्रेन के ड्रोन हमलों की श्रृंखला के साथ युद्ध और गंभीर होता जा रहा है। रूस ने मॉस्को और प्रमुख प्रतिष्ठानों पर ढेरों इलेक्ट्रॉनिक 'छतरियां' विकसित की हैं। रणनीतिक इमारतों पर अतिरिक्त उन्नत आंतरिक परतें और राजधानी के मध्य में क्रेमलिन तक पहुंचने से पहले ड्रोन को मार गिराने के लिए हवाई सुरक्षा का एक जटिल जाल बनाया है। कीव, जो खुद रूस के बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों का लक्ष्य है, ने बार-बार ड्रोन हमला कर जवाब देने की कोशिश की है। -(आईएएनएस)
सिटी, 11 मार्च । वेटिकन ने बताया कि पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है और जान को कोई खतरा नहीं है। वेटिकन ने पोप फ्रांसिस की हेल्थ के बारे में बताया कि 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। हालांकि, उनकी स्थिति अभी भी जटिल है। वेटिकन ने एक बयान में कहा, "होली फादर की चिकित्सा स्थितियां अभी भी स्थिर बनी हुई है।" बयान में कहा गया है कि पिछले दिनों में जो सुधार हुए थे, वे अब और बेहतर हो गए हैं, जैसा कि खून के टेस्ट, डॉक्टर की जांच और दवाइयों के अच्छे असर से साबित हुआ है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि पोप फ्रांसिस अपना इलाज पूरा करने के लिए कुछ और दिनों के लिए चिकित्सा निगरानी में रहें, क्योंकि उनकी स्थिति जटिल है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के समय गंभीर संक्रमण था। पोप फ्रांसिस की तबीयत में सुधार हो रहा है और वह अपने इलाज के दौरान शारीरिक तथा सांस संबंधी चिकित्सा से गुजर रहे हैं।
वे रात में ऑक्सीजन मास्क और दिन में हाई-फ्लो ऑक्सीजन कैनुला का उपयोग करते हैं। हालांकि, पोप ने अपने प्रवेश के बाद से कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं दिखाई है, लेकिन वे वीडियो लिंक के माध्यम से वेटिकन की प्रार्थनाओं का पालन करते हैं। पिछले सप्ताह पोप ने एक ऑडियो संदेश भी रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना और समर्थन करने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया। लगातार चार रविवार तक अपनी एंजेल्स प्रार्थना में शामिल नहीं होने के बावजूद पोप फ्रांसिस ने अपनी चिकित्सा टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए एक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, "मैं भी सेवा की सोच और देखभाल की कोमलता का अनुभव करता हूं, विशेष रूप से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।" -(आईएएनएस)