दुबई, 28 अप्रैल यमन के हूती विद्रोहियों ने प्रवासी अफ्रीकी कैदियों वाली जेल पर कथित अमेरिकी हवाई हमले में 68 लोगों की मौत होने का दावा किया है।
इससे पहले उन्होंने इन हमलों में कम से कम 30 लोगों की मौत होने का दावा किया था लेकिन मृतक संख्या को बाद में बढ़ा दिया गया।
विद्रोहियों के नागरिक सुरक्षा संगठन ने अलग से बताया कि हमले में 47 अन्य लोग घायल हुए हैं।
इस्लामाबाद, 28 अप्रैल । पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कहा कि अगर कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (सीसीआई) की आगामी बैठक में सिंधु नहर संबंधी मुद्दे का समाधान नहीं हुआ तो वह संघीय सरकार से बाहर निकल जाएगी और अपना समर्थन वापस ले लेगी। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु नदी पर छह नहरों के निर्माण के मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए 2 मई को सीसीआई की बैठक बुलाई गई थी। बता दें सिंधु नदी पर नहरों के निर्माण का भारी विरोध हो रहा है विशेष तौर पर सिंध प्रांत ने जहां प्रदर्शनों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। पीपीपी नेता और सिंध के ऊर्जा मंत्री नासिर शाह ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "अगर सीसीआई की बैठक में नहरों का मुद्दा नहीं सुलझा तो पीपीपी सरकार से अलग हो जाएगी।" एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, नासिर शाह के नेतृत्व में पीपीपी प्रतिनिधिमंडल ने सरकार में अपने गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के साथ बैठक की।
दुबई, 28 अप्रैल। हूती विद्रोहियों ने सोमवार को दावा किया कि यमन की राजधानी पर अमेरिका द्वारा किये गये हवाई हमलों में रविवार की रात कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं, अमेरिकी सेना ने भी माना है कि उसने पिछले एक महीने में 800 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।
अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमान ने रात को जारी एक बयान में कहा कि उसके 'ऑपरेशन रफराइडर' अभियान के तहत सैकड़ों हूती लड़ाकों और उनके कई नेताओं को मार गिराया गया है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो हूतियों के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम से जुड़े थे। हालांकि, सेना ने किसी भी नेता का नाम नहीं बताया।
अमेरिका ने कहा है कि वह अपने हवाई हमले जारी रखेगा। ये हमले 15 मार्च से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में शुरू हुए थे।
बयान में कहा गया, "ईरान निस्संदेह हूतियों को समर्थन दे रहा है। हूती हमारी सेनाओं पर हमले केवल ईरानी सरकार के समर्थन से ही कर पा रहे हैं।"
सोमवार सुबह हूतियों ने एक फुटेज जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सना के उत्तर में बानी अल हरीथ जिले को निशाना बनाया। फुटेज में मलबे के बीच खून के धब्बे और एक टूटा हुआ ट्रक देखा जा सकता है।
हूतियों के 'अल-मसीरा' समाचार चैनल ने बताया कि हमले में आठ लोग मारे गए, हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने तत्काल इसकी पुष्टि नहीं की। (एपी)
(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 28 अप्रैल। चीन ने अपने मित्र देश पाकिस्तान की संप्रभुता एवं सुरक्षा हितों की रक्षा करने में उसके प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की ‘‘त्वरित एवं निष्पक्ष जांच’’ किए जाने का आह्वान किया है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार के साथ रविवार को टेलीफोन पर बातचीत की।
उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि डार ने वांग (जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं) को ‘‘कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी हमले के बाद’’ पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़े तनाव के बारे में जानकारी दी।
वांग ने कहा कि चीन इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद से मुकाबला करना पूरी दुनिया की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों के प्रति चीन के निरंतर समर्थन की पुष्टि की।
वांग के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एक मजबूत मित्र एवं सदाबहार रणनीतिक सहयोगी के रूप में चीन सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की जायज चिंताओं को पूरी तरह समझता है और पाकिस्तान की संप्रभुता एवं सुरक्षा हितों की रक्षा करने में उसका समर्थन करता है।’’
वांग ने कहा, ‘‘चीन एक त्वरित और निष्पक्ष जांच की वकालत करता है और मानता है कि संघर्ष भारत या पाकिस्तान के मौलिक हितों की पूर्ति नहीं करता और न ही यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए लाभदायक है।’’
उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे और तनाव कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, डार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने लगातार एवं दृढ़ता से आतंकवाद का मुकाबला किया है और वह ऐसी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, डार ने कहा कि पाकिस्तान स्थिति से परिपक्वता से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और वह चीन एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ संवाद बनाए रखेगा।
चीन ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की 23 अप्रैल को ‘‘कड़ी निंदा’’ की थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। चीन हर प्रकार के आतंकवाद का पूरी दृढ़ता से विरोध करता है। हम मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त करते हैं और शोक संतप्त परिवारों एवं घायलों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।’’
इसके अलावा, भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने भी हमले की निंदा की थी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘‘पहलगाम में हुए हमले से स्तब्ध हूं और इसकी निंदा करता हूं।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों एवं शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करता हूं। हम सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करते हैं।’’ (भाषा)
लंदन, 28 अप्रैल। ब्रिटेन में प्रवासी भारतीय समुदाय के लोग पाकिस्तान के प्रदर्शन के विरोध में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए।
प्रवासी पाकिस्तानियों ने भारत पर पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर ‘‘दुष्प्रचार’’ करने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन का आह्वान किया था।
भारत समर्थक प्रदर्शनकारियों ने ‘‘भारत माता की जय’’ और ‘‘वंदे मातरम्’’ के नारे लगाते हुए और तिरंगा लहराकर प्रदर्शन किया। उनकी संख्या ‘इंडिया हाउस’ के सामने सड़क के दूसरी ओर मौजूद ब्रिटिश पाकिस्तानियों के छोटे समूह से काफी अधिक थी। प्रदर्शन स्थल पर मेट्रोपॉलिटन पुलिस की पर्याप्त उपस्थिति थी।
बाद में, ब्रिटिश भारतीय समूहों ने 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों की याद में पिकाडिली सर्कस में मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
भारतीय प्रवासी समूहों ने मैनचेस्टर, स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग और उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट समेत ब्रिटेन में विभिन्न स्थानों पर इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों और रैलियों का आयोजन किया तथा पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों को दिए जा रहे समर्थन की निंदा की।
सामुदायिक समूह ‘इनसाइट यूके’ ने कहा, ‘‘इन प्रदर्शनों का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाना है।’’
इससे पहले भी भारतीय प्रवासी संगठनों ने शुक्रवार को ब्रिटेन की राजधानी में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था जिसके जवाब में मिशन के अधिकारियों के समर्थन से ब्रिटिश पाकिस्तानियों ने भी प्रदर्शन किया।
सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित इन प्रदर्शनों के एक वीडियो में एक पाकिस्तानी अधिकारी इमारत के बाहर भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर गला काटने की धमकी भरा इशारा करते देखा गया। (भाषा)
अमेरिकी सेना ने यमन में 800 से अधिक हूती ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है. अमेरिकी सेना का कहना है कि उसने 15 मार्च से यमन में हूती आंदोलन के ख़िलाफ़ लगातार हवाई और नौसैनिक हमले किए.
रविवार को हाल के अभियानों की जानकारी देते हुए एक बयान में, अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि उसने "सैकड़ों हूती लड़ाकों और कई हूती नेताओं को मारा है".
अमेरिका ने कहा है कि वह लाल सागर और अदन की खाड़ी में ईरान समर्थित हूतियों के खतरे को ख़त्म करने की कार्रवाई कर रहा है.
यमन में, हूतियों - जो देश के बड़े हिस्से को नियंत्रित करते हैं - ने कहा कि रविवार को राजधानी सना पर अमेरिकी हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है.
हूतियों की ओर से चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि लाल सागर तट पर अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई और 171 अन्य घायल हो गए.
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने हूतियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हमले करने का आदेश दिया था और धमकी दी थी कि उन्हें "पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा". (bbc.com/hindi)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 'लगता है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की शांति समझौते के तहत रूस को क्राइमिया सौंपने के लिए तैयार हैं.'
ट्रंप से पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति अपने दक्षिणी प्रायद्वीप का नियंत्रण छोड़ने के लिए तैयार हैं, जिस पर 2014 में रूस ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया था.
इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, "मुझे ऐसा लगता है."
ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी अपील की है कि वे "गोलीबारी बंद करें और एक समझौते पर हस्ताक्षर करें" ताकि ये जंग ख़त्म हो सके.
ट्रंप का मानना है कि यह दो हफ़्ते के अंदर हासिल किया जा सकता है.
ट्रंप ने ये बात वेटिकन से लौटने के बाद पत्रकारों से कही.
ट्रंप ने 26 अप्रैल को पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान ज़ेलेंस्की के साथ एक संक्षिप्त बैठक की थी.
ट्रंप ने कहा कि बैठक अच्छी रही और क्राइमिया पर बहुत संक्षिप्त चर्चा हुई.
ट्रंप की इस हालिया टिप्पणी पर फ़िलहाल यूक्रेन और रूस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. (bbc.com/hindi)
कनाडा के वैंकूवर में 27 अप्रैल को लापु लापु दिवस समारोह के दौरान एक कार भीड़ में घुस गई. इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई.
कार चलाने वाले संदिग्ध को गिरफ़्तार कर हिरासत में ले लिया गया है. संदिग्ध की पहचान 30 साल के काई-जी एडम लो के तौर पर हुई है. संदिग्ध वैंकूवर का ही रहने वाला है.
पुलिस ने संदिग्ध को अदालत में पेश किया. काई-जी पर हत्या के कई मुकदमें चलाए जाएंगे.
वैंकूवर पुलिस का कहना है कि इस घटना के पीड़ितों की उम्र 5 से 65 वर्ष के बीच है, वहीं कुछ पीड़ितों की पहचान नहीं हो पाई है.
क्या थी घटना
ये घटना भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह साढ़े आठ बजे लापु लापु दिवस के उत्सव के दौरान हुई.
वैंकूवर पुलिस के कार्यवाहक पुलिस प्रमुख स्टीव राय ने बताया था कि इस घटना में मरने वालों में पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं.
राय ने बताया था कि इस मामले की 100 से अधिक पुलिस अधिकारी जांच कर रहे हैं.
राय ने बताया कि इस घटना के पीछे का कारण तो स्पष्ट नहीं है लेकिन साक्ष्य और अपने विश्वास के आधार पर वह कह सकते हैं कि यह आतंकवादी घटना नहीं है.
फिलीपींस में हर साल 27 अप्रैल को लापु-लापु दिवस मनाया जाता है. लापु लापु स्पेनिश उप निवेशवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले राष्ट्रीय नायक थे. (bbc.com/hindi)
उत्तर कोरिया ने पहली बार पुष्टि की है कि उसने रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की ओर से लड़ने के लिए अपनी सेना भेजी है.
ये जानकारी उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी कोरियन सेंट्ररल न्यूज़ एजेंसी (केसीएनए) की एक रिपोर्ट में दी गई है.
न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, उत्तर कोरिया की सेना ने दावा किया कि उसके सैनिकों ने नेता किम जोंग उन के आदेश पर कुर्स्क सीमा क्षेत्र को "पूरी तरह से मुक्त" कराने में रूसी सेना की मदद की.
दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियां अरसे से कहती रही हैं कि उत्तर कोरिया ने पिछले साल कुर्स्क में हजारों सैनिक भेजे थे.
केसीएनए ने कहा कि सैनिकों को तैनात करने का फैसला उत्तर कोरिया और रूस के बीच आपसी रक्षा संधि के अनुसार लिया गया था.
हाल ही में रूसी चीफ ऑफ स्टाफ वालेरी गेरासिमोव ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की "बहादुरी" की तारीफ़ की थी.
वालेरी गेरासिमोव ने यह भी दावा किया कि रूस ने देश के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है, वहीं यूक्रेन ने इस दावे काका यूक्रेन ने खंडन किया है.(bbc.com/hindi)
कीव (यूक्रेन), 27 अप्रैल। रूस ने शनिवार रात यूक्रेन में व्यापक ड्रोन हमले किए, जिसमें कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
हमले से एक दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध समाप्त करने की मंशा पर संदेह जताया था।
दोनेत्स्क के क्षेत्रीय अभियोजक कार्यालय ने बताया कि रविवार सुबह क्षेत्र के कोस्त्यंतिनिव्का पर हवाई हमलों में तीन लोग मारे गए और चार घायल हो गए।
निप्रोपेट्रोव्स्क के गवर्नर सेरही लिसाक ने बताया कि क्षेत्र के पावलोहराद शहर में लगातार तीसरी रात हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 14 वर्षीय एक किशोरी घायल हो गई।
ये हमले रूस द्वारा कुर्स्क क्षेत्र के शेष हिस्सों पर नियंत्रण हासिल करने का दावा करने के कुछ घंटों बाद हुए।
यूक्रेनी वायुसेना ने बताया कि रूस ने ताजा हमलों के लिए 149 ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिनमें से 57 को नष्ट कर दिया गया।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उसने ब्रांस्क के सीमावर्ती क्षेत्र में पांच यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया।
इसने कहा कि क्रीमिया प्रायद्वीप के ऊपर भी तीन यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया गया। (एपी)
मॉस्को, 27 अप्रैल। रूस के एक सैन्य अधिकारी की कार बम विस्फोट कर हत्या करने के संदिग्ध व्यक्ति ने आतंकवाद के आरोपों को स्वीकार किया है और इसके साथ ही उसने कहा है कि उसे इसके लिये यूक्रेन की सुरक्षा सेवा द्वारा भुगतान किया गया था। रूस के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
जांच समिति ने कहा कि आरोपी इग्नाट कुज़िन ने स्वीकार किया है कि उसे रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ में मुख्य परिचालन विभाग के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव मोस्कलिक की हत्या के लिए पैसे दिए गए थे।
मोस्कलिक की शुक्रवार को मास्को के ठीक बाहर बालाशिखा में उनकी कार में बम विस्फोट में मौत हो गई थी।
यूक्रेन के अधिकारियों ने इस हमले के सिलिसले में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है ।
पिछले चार महीनों में दूसरा हमला है, जिसमें एक शीर्ष रूसी सैन्य अधिकारी को निशाना बनाया गया है। इसके लिए रूस ने पड़ोसी देश यूक्रेन को दोषी ठहराया था।
लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की मृत्यु 17 दिसंबर, 2024 को हुई, जब उनके अपार्टमेंट की इमारत के बाहर पार्क किए गए इलेक्ट्रिक स्कूटर में रखा बम फट गया । उस वक्त वह अपने कार्यालय के लिए निकले थे।
यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी ने स्वीकार किया कि इस हमले में उसका हाथ था।
किरिलोव रूस के विकिरण, जैविक और रासायनिक सुरक्षा बलों के प्रमुख थे। इस हमले में किरिलोव के सहायक की भी मौत हो गई थी।
यूक्रेन में संघर्ष के लिये किरिलोव पर ब्रिटेन और कनाडा सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगा रखा था। (एपी)
दुबई, 27 अप्रैल। दक्षिणी ईरान के एक बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट में मृतकों की संख्या रविवार को कम से कम 40 तक पहुंच गई।
ईरानी सरकारी टेलीविजन के अनुसार प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद अशौरी ने मृतकों की नयी संख्या बताई।
शनिवार को बंदर अब्बास के निकट शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए विस्फोट में लगभग 1,000 लोग घायल हो गए।
यह भीषण विस्फोट मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक घटक की खेप से कथित तौर पर जुड़ा है।
एक सैन्य प्रवक्ता ने बिना कोई कारण बताए इस बात से इनकार किया कि वहां प्रणोदक आयात किया गया था। (एपी)
कनाडा के वैंकूवर में एक कार के भीड़ में घुसने से नौ लोगों की मौत हो गई है. यह घटना भारतीय समय के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे लापु लापु दिवस के उत्सव के दौरान हुई.
वैंकूवर पुलिस ने बताया है कि इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई है.
घटना में शामिल 30 वर्षीय संदिग्ध को पकड़ लिया गया है.
दक्षिण वैंकूवर में हुई इस घटना के बाद 24 घंटे का सहायता केंद्र स्थापित किया गया है.
इस घटना के पीछे का कारण तो स्पष्ट नहीं है लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह आतंकवादी घटना नहीं है.
घटनास्थल के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसमें पुलिस की कार और एम्बुलेंस दिख रही है. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि ये वीडियो सही है या नहीं.
वैंकूवर सिटी काउंसिलर पीटर फ्राई ने बीबीसी से कहा है कि उन्हें इस घटना पर "गहरा दुख हो रहा है. हमारे शहर में इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है."
फिलीपींस में हर साल 27 अप्रैल को लापु-लापु दिवस मनाया जाता है. लापु लापु स्पेनिश उप निवेशवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले राष्ट्रीय नायक थे. (bbc.com/hindi)
यरुशलम, 27 अप्रैल । इजरायल की सेना ने रविवार को कहा कि उसने यमन से मृत सागर की ओर दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को सुबह-सुबह इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पुलिस ने कहा कि मृत सागर क्षेत्र और अरावा क्षेत्र में सायरन बजाया गया। देश की मैगन डेविड एडोम रेसक्यू सर्विस ने कहा कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अक्टूबर 2023 में गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद से, ईरान समर्थित हूती विद्रोही फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर मिसाइलें और ड्रोन दाग रहे हैं। इजरायल के चैनल 12 ने बताया कि अप्रैल की शुरुआत से लेकर अब तक हूती विद्रोहियों की तरफ से इजरायल की ओर दागी गई यह 11वीं मिसाइल थी। इससे पहले यमन के हूती विद्रोहियों ने 23 अप्रैल को इजरायल के शहरों हाइफा और तेल अवीव में 'महत्वपूर्ण लक्ष्यों' पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने का दावा किया था।
इस अटैक के कारण कथित तौर पर दिन में पूरे उत्तर-पश्चिमी इजरायल में सायरन बजने लगे। हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, "एक अहम टारगेट को निशाना बनाने के लिए हमने हाइफा पर एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।" बता दें अल-मसीरा टीवी को हूती ग्रुप संचालित करता है। सरिया ने कहा, "हाइपरसोनिक मिसाइल ने हाइफा में लक्ष्य को भेद दिया, क्योंकि दुश्मन (इजरायली) रक्षा प्रणालियां इसे रोकने में नाकाम रहीं।" सरिया ने बताया कि एक अन्य सैन्य अभियान में तेल अवीव में एक 'महत्वपूर्ण लक्ष्य' के खिलाफ बम से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
लंदन, 27 मार्च । ईरान के एक प्रमुख बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई है और 800 लोग घायल हुए हैं। यह विस्फोट शनिवार सुबह दक्षिणी शहर बंदर अब्बास के पास देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह शाहिद राजाई बंदरगाह में हुआ। ब्लास्ट से आस-पास की इमारतों की खिड़कियां और छतें उड़ गईं और कारें नष्ट हो गईं। स्थानीय निवासियों बताया कि विस्फोट का असर 50 किमी (31 मील) दूर तक महसूस किया गया। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, छह लोग लापता हैं। फारस की खाड़ी के किनारे और होर्मोज जलडमरूमध्य के पास स्थित, शाहिद राजाई बंदरगाह, ईरान का सबसे बड़ा कंटेनर हब है, जो देश की लगभग 80% कंटेनर गतिविधियों को संभालता है। क्षेत्र में मौजूद एक व्यक्ति ने ईरानी सरकारी टीवी को बताया, "पूरा गोदाम धुएं, धूल और राख से भर गया। मुझे याद नहीं है कि मैं टेबल के नीचे गया या विस्फोट के कारण वहां फेंका गया।" हवाई फुटेज में कम से कम तीन क्षेत्रों में आग लगी हुई दिखाई दी और ईरान के आंतरिक मंत्री ने बाद में पुष्टि की कि आग एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में फैल रही थी। क्षेत्र के स्कूलों और कार्यालयों को रविवार को बंद रहने का आदेश दिया गया है।
ईरान के संकट प्रबंधन संगठन के प्रवक्ता होसैन जफरी ने शाहिद राजाई में कंटेनरों में रसायनों के खराब भंडारण को विस्फोट के लिए दोषी ठहराया। उन्होंने ईरान की आईएलएनए समाचार एजेंसी को बताया, "विस्फोट का कारण कंटेनरों के अंदर मौजूद रसायन थे।" जफरी ने कहा, "इससे पहले, संकट प्रबंधन के महानिदेशक ने अपने दौरे के दौरान इस बंदरगाह को चेतावनी दी थी और खतरे की संभावना की ओर इशारा किया था।" हालांकि, ईरानी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि यद्यपि विस्फोट संभवतः रसायनों के कारण हुआ है, फिर भी इसका सटीक कारण निर्धारित करना अभी तक संभव नहीं है।
वाशिंगटन, 27 अप्रैल । संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार को निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। 22 अप्रैल को हुए इस क्रूर हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)' ने इस हमले को अंजाम दिया था। इस हमले ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक कूटनीतिक और सार्वजनिक आक्रोश पैदा कर दिया है। पटेल ने एक्स पर लिखा, "एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती है। एफबीआई भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगी।" उन्होंने आगे कहा, "यह आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया को लगातार होने वाले खतरों की याद दिलाता है।" अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवादी कृत्य की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
लंदन, 27 अप्रैल । टाइटैनिक के एक यात्री का लिखा पत्र ब्रिटेन की एक नीलामी में रिकॉर्ड ₹3.41 करोड़ (£300,000) में बिका। कर्नल आर्चीबाल्ड ग्रेसी के पत्र को रविवार को विल्टशायर के हेनरी एल्ड्रिज एंड सन नीलामी घर में एक अज्ञात खरीदार ने खरीदा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह पत्र 60,000 पाउंड की अनुमानित कीमत से पांच गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया। इस पत्र को 'भविष्यसूचक' कहा जाता है। दरअसल इसमें कर्नल ग्रेसी एक परिचित से कहते है कि वह 'अच्छे जहाज' पर फैसला देने से पहले 'अपनी यात्रा के अंत की प्रतीक्षा करेंगे।' यह पत्र 10 अप्रैल 1912 को लिखा गया, जिस दिन वह साउथेम्प्टन में टाइटैनिक पर चढ़े थे, उत्तरी अटलांटिक में एक हिमखंड से टकराकर जहाज के डूबने से पांच दिन पहले। कर्नल ग्रेसी न्यूयॉर्क जा रहे टाइटैनिक जहाज पर सवार लगभग 2,200 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से एक थे। इस दुर्घटना में 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। फर्स्ट क्लास के यात्री ने केबिन सी51 से यह पत्र लिखा था। यह पत्र 11 अप्रैल 1912 को आयरलैंड के क्वीन्सटाउन में जहाज के डॉक किए जाने पर पोस्ट किया गया। इस पर 12 अप्रैल की लंदन की पोस्टमार्किंग भी थी।
मस्कट (ओमान), 27 अप्रैल। दक्षिणी ईरान के एक बंदरगाह पर मिसाइल प्रणोदक बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक घटक की खेप से कथित तौर पर जुड़े भीषण विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई और करीब 750 अन्य घायल हो गए।
प्रारंभिक विस्फोट के कुछ घंटों बाद हेलीकॉप्टर आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार करते नजर आए। शाहिद राजाई बंदरगाह पर यह विस्फोट ऐसे समय हुआ जब ईरान और अमेरिका ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता के लिए ओमान में शनिवार को मुलाकात की थी।
ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि यह विस्फोट किसी हमले के परिणामस्वरूप हुआ है। बहरहाल, वार्ता का नेतृत्व कर रहे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को स्वीकार किया कि ‘‘वैध प्रतिक्रिया के वास्ते उकसाने के लिए विध्वंसक कृत्य और हत्या के प्रयासों की पिछली घटनाओं को देखते हुए हमारी सुरक्षा सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।’’
ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी मीडिया को हताहतों की संख्या बताई लेकिन बंदर अब्बास के ठीक बाहर आग लगने के कारणों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। इस आग के कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट होने की खबर है।
इस संबंध में एक सुरक्षा कंपनी ने बताया कि बंदरगाह पर कथित तौर पर मिसाइल ईंधन के लिए रसायन लाया गया था।
निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने कहा कि बंदरगाह पर मार्च में ‘‘सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन’’ की खेप आई थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में जनवरी में ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पहली बार खबर प्रकाशित की थी।
इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार को पुन: स्थापित करने के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजराइल पर सीधे हमलों के कारण समाप्त हो गया था।
एम्ब्रे ने कहा, ‘‘यह आग कथित तौर पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में उपयोग के लिए भेजे गए ठोस ईंधन की खेप को ठीक तरीके से नहीं रखने की वजह से हुआ।’’
‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने ‘पोत-ट्रैकिंग डेटा’ का विश्लेषण किया जिसके अनुसार, माना जाता है कि रसायन ले जाने वाले पोतों में से एक पोत मार्च में इस क्षेत्र में था। एम्ब्रे ने भी यह कहा है।
ईरान ने खेप पहुंचने की बात स्वीकार नहीं की है। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने शनिवार को टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने विशेष रूप से 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट के बाद बंदरगाह से रसायनों को क्यों नहीं हटाया। सैकड़ों टन अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के प्रज्वलन के कारण हुए उस विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
शनिवार को शाहिद राजाई में हुए विस्फोट की सोशल मीडिया पर उपलब्ध फुटेज में विस्फोट से ठीक पहले आग से लाल रंग का धुआं उठता हुआ देखा जा सकता है। इससे पता चलता है कि विस्फोट में कोई रासायनिक यौगिक शामिल था।
सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो में धमाके के बाद काला धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। अन्य वीडियो में विस्फोट के केंद्र से कई किलोमीटर या मीलों दूर इमारतों के शीशे उड़ते हुए दिखाई दिए।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन अधिकारी मेहरदाद हसनजादेह ने कहा कि विस्फोट राजाई बंदरगाह से आए कंटेनरों से हुआ, लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया। सरकारी टीवी ने यह भी बताया कि विस्फोट के कारण एक इमारत ढह गई, हालांकि तत्काल कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया।
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है।
राजाई बंदरगाह ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 1,050 किलोमीटर दूर होर्मुज जलडमरूमध्य में स्थित है। होर्मुज फारस की खाड़ी में एक संकरा मार्ग है, जिसके जरिए 20 प्रतिशत तेल का व्यापार होता है। (एपी)
शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पोस्ट में लिखा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध ख़त्म करना नहीं चाहते.
ट्रंप ने शनिवार को ट्रूथसोशल पर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट किया और कहा कि रूस और यूक्रेन मामले में चाहे वो कितना भी अच्छा युद्धविराम समझौता पेश करें, उनकी आलोचना की जाती है.
शनिवार को कैथलिक धर्मगुरू पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के लिए रोम पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप की मुलाक़ात वहां ज़ेलेंस्की से हुई थी.
सेंटर पीटर्स स्क्वायर में हुई इस छोटी मुलाक़ात की तस्वीरें यूक्रेनी अधिकारियों ने जारी की थीं.
उन्होंने एक बार फिर दावा किया, "ये युद्ध कभी होना ही नहीं चाहिए था और मैं राष्ट्रपति होता तो ये कभी नहीं होता."
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले भी ट्रंप ने कहा था कि वो होते तो युद्ध ख़त्म हो चुका होता. बाद में भी उन्होंने ऐसे दावे किए हैं.
इसके कुछ देर बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जानेमाने अख़बार का नाम लेते हुए लिखा, "रूस यूक्रेन मामले में, मैं चाहे जो समझौता पेश करूं, चाहे वो कितना भी अच्छा क्यों न हो, भले ही ये अब तक का सबसे बड़ा समझौता हो, मेरी आलोचना की जाती है."
उन्होंने लिखा, "वो ओबामा (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) थे जिन्होंने रूस के लिए क्राइमिया को यूक्रेन के हाथों से छीनना संभव बनाया, वो भी बिना एक गोली चलाए."
"ये कोई मज़ाक है. क्या उन्होंने कभी क्राइमिया रूस को देने के लिए ओबामा की आलोचना की? नहीं एक बार भी नहीं. वो केवल ट्रंप की आलोचना करते हैं और इस बेतुके युद्ध से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, बजाय इसके कि मैंने यूक्रेन को हथियार दिए."
इमेज कैप्शन,रोम में डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रितानी पीएम कीएर स्टार्मर के साथ
रूसी हमलों का किया ज़िक्र
इसके साथ ही ट्रंप ने यूक्रेन पर किए गए रूसी हमलों का ज़िक्र किया और लिखा, "इन सबसे अलावा इसकी कोई वजह नहीं कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन रिहाइशी इलाक़ों और शहरों में मिसाइलें दाग़ें, जैसा उन्होंने बीते कुछ दिनों में किया है."
उन्होंने लिखा, "ये देखकर मुझे लगता है कि वो ये युद्ध ख़त्म करना नहीं चाहते, वो बस मुझे अपने साथ कर लेना चाहते हैं. रूस से अलग तरीके से निपटना होगा, बैंकिंग व्यवस्था या फिर सेकंडरी प्रतिबंधों के रास्ते? बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं."
इससे एक दिन पहले ट्रंप ने लिखा था, "कीएव पर हो रहे हमलों से मैं खुश नहीं हूं. ये ज़रूरी नहीं है. व्लादिमीर रुकिए. चलिए शांति समझौते को सफल बनाते हैं."
इधर रूसी राष्ट्रपति कार्यालय का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन बिना की शर्त के शांति वार्ता के लिए तैयार हैं. (bbc.com/hindi)
पहलगाम हमले के बाद भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान की ओर से अपने एयरस्पेस बंद करने का असर भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ रहा है.
इसके मद्देनज़र भारतीय विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन कंपनियों के लिए एडवाइज़री जारी की है.
शनिवार को जारी की गई इस एडवाइज़री में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, ख़ासकर दिल्ली समेत उत्तर भारतीय शहरों से आने-जाने वाली उड़ानों का वक़्त बढ़ गया है.
सभी एयरलाइनों के लिए बाध्यकारी बनाए गए इस एडवाइज़री में डीजीसए ने कहा है कि एयरलाइन कंपनियों को चाहिए कि वो यात्रियों को उड़ान से संबंधित उचित जानकारी दें और उड़ान के दौरान उनके लिए खाने-पीने की सुविधाएं मुहैया कराए.
एडवाइज़री में कहा गया है कि एयरलाइनों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि वो यात्रियों को हवाई क्षेत्र पर लगी रोक से जुड़ी जानकारी के साथ साथ बदले हुए रूट की जानकारी, यात्रा में लगने वाले समय के बारे में और रास्ते में किसी और जगह पर रुकने से जुड़ी जानकारी दें.
साथ ही उनके लिए खाने-पीने के सामान, स्नैक्स और गुज़ारिश किए जाने पर खाने की विशेष व्यवस्था करें.
इसके अलावा एयरलाइन लंबी उड़ानों को देखते हुए उचित मात्रा में मेडिकल किट रखें और इस तरह की व्यवस्था हवाई अड्डों पर हो ये सुनिश्चित करें.
एडवाइज़री में ये कहा भी कहा गया है कि कंपनियां अपने कॉल सेन्टर्स और कस्टमर सर्विस टीमों को भी उड़ानों में हो रही देरी से जुड़ी जानकारी साझा करने और शिकायतों से निपटने के लिए तैयार करें.
इसके अलावा ये भी कहा गया है कि ज़रूरी वक्त से अधिक देरी होने की सूरत में एयरलाइनों को यात्रियों को मुआवज़ा देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. (bbc.com/hindi)
ईरान के बांदर अब्बास शहर के शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए एक विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 500 लोग घायल हो गए हैं.
ईरान के राहत और बचाव संगठन के प्रमुख ने अब तक कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि की है.
घायल हुए लोगों के इलाज के लिए शहर के अलग-अलग अस्पतालों में इंतजाम किए गए हैं.
ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया है कि दक्षिणी ईरान के शाहिद राजाई पोर्ट पर एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ है. हालांकि अभी तक विस्फोट के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
शाहिद राजाई ईरान का सबसे बड़ा कमर्शियल पोर्ट है. पोर्ट के अधिकारियों ने कहा है कि यहां कई कंटेनरों में विस्फोट हुआ और उसके बाद भयानक आग लग गई.
यहां के सरकारी टेलीविज़न पर आ रही तस्वीरों में घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है. (bbc.com/hindi)
ईसाई कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ़्रांसिस का अंतिम संस्कार संपन्न हो गया है.
वेटिकन ने कहा है कि उनके पार्थिव शरीर को उनके पसंदीदा चर्च सेंटा मारिया मैगिगोर बैसिलिका में दफ़ना दिया गया है.
वेटिकन ने एक बयान में कहा, ''पोप फ़्रांसिस पिछली एक सदी से भी ज्यादा समय में पहले ऐसे पोप हैं जिनके पार्थिव शरीर को वेटिकन के बाहर दफ़नाया गया और वो भी एक निजी कार्यक्रम में. सिर्फ उनके बेहद नज़दीकी लोगों को ही श्रद्धांजलि देने दी गई.''
उनके शरीर को दफ़नाने से पहले वहां एक छोटी प्रार्थना रखी गई.
दुनिया भर के कई राष्ट्र प्रमुख पोप के अंतिम संस्कार समारोह में मौजूद थे.
भारत की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसमें हिस्सा लिया. (bbc.com/hindi)
ईरान के बांदर अब्बास शहर के शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए एक विस्फोट में लगभग 300 लोग घायल हो गए हैं.
ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया है कि दक्षिणी ईरान के शाहिद राजाई पोर्ट पर एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ है.
बीबीसी फ़ारसी सेवा ने विस्फोट में क़रीब 300 लोगों के घायल होने की ख़बर दी है.
शाहिद राजाई ईरान का सबसे बड़ा कमर्शियल पोर्ट है. पोर्ट के अधिकारियों ने कहा है कि यहां कई कंटेनरों में विस्फोट हुआ और उसके बाद भयानक आग लग गई.
हालांकि आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है.
यहां के सरकारी टेलीविज़न पर आ रही तस्वीरों में घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है. (bbc.com/hindi)
सिंध, 26 अप्रैल । पाकिस्तान के सिंध प्रांत में केंद्रीय सरकार की सिंधु नदी पर छह नई नहरें बनाने की परियोजना के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन और तेज हो गया है। वकील, राजनीतिक दल, और कई नागरिक संगठनों ने खैरपुर जिले के बाबरलोई बाइपास पर पिछले हफ्ते से धरना जारी रखा है। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा है कि जब तक सरकार इस परियोजना को पूरी तरह रद्द नहीं करती, वे धरना खत्म नहीं करेंगे। आंदोलनकारियों के मुताबिक, इस प्रदर्शन में दो लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह विरोध सिंधु नदी पर प्रस्तावित छह नहरों के निर्माण के विरुद्ध है। सिंध की जनता इसे अपनी आजीविका और पर्यावरण के लिए खतरा मानती है। शुक्रवार को बाबरलोई में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कराची बार एसोसिएशन (केबीए) के अध्यक्ष आमिर नवाज वाराइच ने पुलिस को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, "अगर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को परेशान किया या कोई कदम उठाया, तो पूरा सिंध बंद हो जाएगा और इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी।" वाराइच ने कहा कि धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक परियोजना रद्द करने की अधिसूचना जारी नहीं हो जाती। उन्होंने केंद्र सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है कि वह परियोजना रद्द करने की अधिसूचना जारी करे।
बर्लिन, 26 अप्रैल । जर्मनी की राजधानी बर्लिन में स्थित भारतीय दूतावास ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की याद में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। हमले में 26 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई थी। अटैक की जिम्मेदारी पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक गुट, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। शुक्रवार को हुए दूतावास में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए। इनमें जर्मन सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, राजनयिक और जर्मनी में रहने वाले भारतीय शामिल थे। जर्मनी में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने हमले के पीड़ितों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान साझा किया, जिसमें उन्होंने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। राजदूत गुप्ते ने कहा कि हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है, खासकर वहां बढ़ते पर्यटन के कारण। लेकिन कुछ अपराधी इस शांति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया और न्याय व शांति के लिए एकजुटता दिखाई। सभी ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में एक मिनट का मौन रखा।