अंतरराष्ट्रीय

वाशिंगटन, 11 जुलाई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को एक पत्र में कहा कि वह कनाडा से आयातित वस्तुओं पर शुल्क 35 प्रतिशत करने जा रहे हैं। अमेरिका के इस कदम से दो करीबी साझेदार देशों के बीच दशकों पुराने संबंधों में और दरार आ सकती है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को लिखे गए एक पत्र में ट्रंप ने फरवरी में घोषित 25 प्रतिशत शुल्क को और बढ़ाने का निर्णय लेने का जिक्र किया।
यह कदम कथित रूप से कनाडा पर ‘फेंटानायल’ की तस्करी पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि अमेरिका में इस मादक पदार्थ की तस्करी में कनाडा की भूमिका सीमित मानी जाती है। नयी शुल्क दरें एक अगस्त से लागू होंगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्र में लिखा, ‘‘मुझे यह भी उल्लेख करना चाहिए कि फेंटानायल की तस्करी ही हमारे लिए कनाडा के साथ एकमात्र चुनौती नहीं है। कनाडा कई प्रकार की शुल्क और गैर-शुल्क नीतियां अपनाए हुए है तथा व्यापारिक अड़चनें भी हैं।’’
ट्रंप के पत्र से कुछ घंटे पहले कार्नी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ अपनी एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा की और लिखा, ‘‘वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों के बीच, विश्व अब कनाडा जैसे भरोसेमंद आर्थिक साझेदारों की ओर देख रहा है।’’
ट्रंप ने हाल के सप्ताहों में कई देशों को शुल्क से संबंधित पत्र भेजे हैं। इसी क्रम में ब्राजील पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
वहीं, कनाडाई प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि कनाडा अमेरिका के साथ एक नए व्यापार ढांचे की दिशा में काम करना जारी रखेगा और उसने ‘‘फेंटेनायल के संकट को रोकने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की है।’’
ट्रंप के पत्र से कुछ घंटे पहले, कार्नी ने ‘एक्स’ पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘वैश्विक व्यापार चुनौतियों के सामने, दुनिया कनाडा जैसे विश्वसनीय आर्थिक भागीदारों की ओर रुख कर रही है।’’
उनके बयान का एक तरह से अर्थ यह था कि ट्रंप के बेतरतीब शुल्क लगाने के कारण अमेरिका भरोसेमंद नहीं रह गया है।
मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा कि ट्रंप के नवीनतम कदम से कनाडा तथा अमेरिका के लिए व्यापार समझौते तक पहुंचना और अधिक कठिन हो जाएगा। (एपी)